04 जनवरी से 10 जनवरी, 11 जनवरी को हवन पूजन एवं विशाल भंडारा

 

Yogesh suryawanshi 08 जनवरी, बुधवार

 

सिवनी/धूमा/घूरवाड़ा : पावन ग्राम घूरवाड़ा में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास राजनकिशोर शास्त्री श्रीधाम बृंदावन महाराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से पाप से मुक्ति मिलती है। जिस स्थान पर कथा होती है वहां भगवान विराजमान होते हैं। भगवान नाम के जाप से सारे विपत्ति नाश हो जाते हैं। इस जगत में भगवत कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। मनुष्य को समाज में अच्छे काम करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की कर्म ही प्रधान है, बिना कर्म कुछ संभव नहीं होता है, जो मनुष्य अच्छा व सत्कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है व बुरे कर्म करने वाले को हमेशा बुरा फल मिलता है। इसलिए

 

सभी को अच्छे कर्मों के प्रति आकृष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मार्ग दमन का है तो दूसरा उदारीकरण का। दोनों ही मार्गो में अधोगामी वृत्तियां निषेध हैं। जैसे कि गोकर्ण ने कथा कही, किन्तु उसके दुराचारी भाई धुंधकारी ने मनोयोग से उसे सुना तो मोक्ष प्राप्त हो गया। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है कि इसका जितना भी पान किया जाए आत्मा तृप्ति नहीं होती है। भागवत कथा सुनते ही ज्ञान और वैराग्य जाग जाए। पांचवे दिन कथा में सिवनी, छपारा, लखनादौन, धूमा सहित घुड़वाड़ा के लोगों ने कथा का श्रवण कर आनंद लिया। आयोजक – डील्ली सिंह राय एवं गिदिया राय निवेदक – अशोक राय, सुनीता राय सहित समस्त राय परिवार ने इस सप्त दिवसीय भागवत कथा में अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालुओ से पहुंचने की अपील की है।

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