Yogesh suryawanshi 13 जून, शुक्रवार

सिवनी/पिपरबानी : जिले के कुरई थाना क्षेत्र के ग्राम जटामा निवासी *शिव कुमार अडमाचे* (32 वर्ष) की एक निजी अस्पताल में इंजेक्शन लगने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मामला सामने आने के बाद *कुरई पुलिस ने अस्पताल को शील कर दिया* और जांच शुरू कर दी है।

 

 

 

मामले का विवरण

 

शिव कुमार अडमाचे को *हाथ में दर्द* होने पर वह 10 जून को *पिपरबानी के “अमृत हेल्थ केयर एंड मेडिकल”* अस्पताल में इलाज के लिए गए थे। अस्पताल में *डॉ. राकेश* (जिनका बोर्ड होम्योपैथी डिग्री का था) ने उन्हें तीन इंजेक्शन लगाए और कहा कि *कुछ देर में दर्द ठीक हो जाएगा*। इलाज के बाद उन्होंने ₹600 शुल्क लिया और उन्हें घर जाने की सलाह दी।

 

 

 

घर लौटते समय शिव कुमार की *शारीरिक अवस्था बिगड़ने लगी*। उनके शरीर का रंग काला पड़ने लगा और फोड़े जैसे निशान दिखने लगे। जब परिजन उन्हें दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने उन्हें दूर से देखकर *दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी*। उन्हें पहले **कुरई अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया**।

 

 

*पुलिस कार्रवाई*

 

घटना की *एफआईआर दर्ज* होने के बाद **कुरई पुलिस ने अमृत हेल्थ केयर एंड मेडिकल अस्पताल को शील कर दिया*। सूत्रों के अनुसार, यह अस्पताल *पिछले दो वर्षों से बिना पर्याप्त प्रमाणन के पैथोलॉजी लैब, मेडिकल स्टोर और इलाज चला रहा था*। यहाँ एक **MBBBS डॉक्टर* का बोर्ड भी लगा है।

 

मृतक की एक 15 माह की बेटी एवं पत्नी का रो रो कर बुरा हाल है।

 

*कृपाल टेकाम, थाना प्रभारी कुरई*, ने बताया:

 

*”हमने अस्पताल को शील कर दिया है बिसरा को जांच के लिए भेजे और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।”*

 

 

तीसरा मामला—बढ़ती लापरवाही?

 

यह घटना क्षेत्र में *तीसरी संदिग्ध मौत* है, जिसे लेकर स्थानीय लोग स्वास्थ्य सेवाओं की *गंभीर लापरवाही* की ओर इशारा कर रहे हैं। पहले के मामलों में भी *प्राइवेट अस्पतालों की भूमिका संदिग्ध रही* थी।

 

 

 

सवाल जो उठते हैं

 

क्या स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों पर उचित निगरानी रख रहा है?

 

बिना प्रमाणित डॉक्टर के अस्पतालों को संचालित करने की अनुमति क्यों मिल रही है?

 

परिजनों ने बताया कि ग्राम पंचायत जटामा में ग्राम पंचायत के द्वारा अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपए की राशि दी जाती है बो भी नहीं दी गई जिसके चलते ग्राम पंचायत के सचिव सुरेश डहरवाल को फोन लगाया गया पर उनके द्वार आज फिर से फोन लगाने पर सरकारी से बात न करके दूसरे नंबर से फोन आया और बोला कि जब ऑनलाइन आवेदन आएगा जब दे देंगे।

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