कुरई महाविद्यालय भूमि पूजन में नाम गायब, उठे सवाल

 

Yogesh suryawanshi 10 अक्टूबर, शुक्रवार

 

सिवनी/कुरई : शासकीय महाविद्यालय कुरई के भूमि पूजन समारोह को लेकर स्थानीय राजनीति में नई हलचल मच गई है। कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र और शिलान्यास पट्टिका से क्षेत्र की दो निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों — जिला पंचायत अध्यक्ष मालती डेहरिया और ग्राम पंचायत कुरई की सरपंच तरुणा परते — के नाम गायब रहने पर सवाल उठने लगे हैं।

 

जहां मंच पर सांसद भारती परधी, विधायक कमल मर्सकोले और जिला भाजपा अध्यक्ष मीना बिसेन जैसे नेता मौजूद रहे, वहीं जनता द्वारा चुनी गई दोनों महिला प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति और उनके नामों का न होना स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया।

 

स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह महज “तकनीकी चूक” नहीं, बल्कि महिला जनप्रतिनिधियों की संगठित अनदेखी का संकेत हो सकता है। खास बात यह है कि शिलान्यास पट्टिका पर मंडल अध्यक्षों तक के नाम दर्ज हैं, लेकिन शीर्ष महिला जनप्रतिनिधियों के नाम शामिल नहीं किए गए।

 

इस घटनाक्रम को लेकर गलियों और चौपालों में चर्चाएं तेज हैं। कुछ लोग इसे आंतरिक गुटबाज़ी का परिणाम मान रहे हैं, तो कुछ इसे विपक्ष की साज़िश बता रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह घटना महिला सशक्तिकरण की भावना के विपरीत है और इसे “राजनीतिक असंवेदनशीलता” के रूप में देखा जाना चाहिए।

 

यदि यह निर्णय राजनीतिक दबाव में लिया गया है, तो यह निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए सार्वजनिक अपमान के समान है — विशेष रूप से उस समय जब भाजपा सरकार महिला सशक्तिकरण को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में बताती है।

 

फिलहाल, जिला पंचायत अध्यक्ष मालती डेहरिया और सरपंच तरुणा परते की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों में गहरा असंतोष व्याप्त है।

 

 

 

मालती डेहरिया का आरोप

 

 “कुरई महाविद्यालय के भूमि पूजन में द्वेषपूर्ण राजनीति की गई है। एक ओर भाजपा सरकार भाषणों और योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के आत्मनिर्भर और सशक्त होने की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर इसी पार्टी के शासनकाल में महिला जनप्रतिनिधियों की इस तरह उपेक्षा करना पार्टी की कथनी और करनी के अंतर को उजागर करता है।

दो प्रथम महिला जनप्रतिनिधियों के नाम जानबूझकर छोड़ देना समझ से परे है। यह केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि महिला जनप्रतिनिधियों के सम्मान से जुड़ा प्रश्न है।”

— मालती डेहरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष

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