मनीष कुमार
मुंगेर : अपर जिला सत्र न्यायधीश प्रदीप कुमार चौधरी ने पोक्सो एक्ट के मामले में आज शनिवार को चार लोगो आरोपितों को आजीवन कारवास की सजा सुनाई और 25 -25 हजार का अर्थदंड लगाया। विशेष लोक अभियोजक प्रीतम कुमार वैश्य ने बताया कि नयारामनगर थाना क्षेत्र के फरदा गांव में 5 अगस्त 2021 में अंधविश्वास में आकर चार आरोपितों ने मिलकर एक आठ वर्षीय बच्ची की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गई थी तथा उसकी आंख और हाथ पैर का नाखून निकाल लिया गया था। इस मामले में पोक्सो एक्ट की विशेष आदालत चारो आरोपितों को आज सजा के बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए सभी को आजीवन कारवास की सजा सुनाया और अर्थदंड लगाया ।
उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपित दिलीप चौधरी की पत्नी बीमार रहा करती थी। दिलीप के मित्र ने पत्नी को बीमारी से मुक्त कराने के लिए उसे खगड़िया के तांत्रिक परवेज आलम से मिलने की सलाह दी। जब दिलीप तांत्रिक परवेज आलम से मिला तो उसने उसे एक ऐसी बच्ची के अंग व खून लेकर पूजा करने को कहा जिसकी उम्र तेरह वर्ष से कम हो। इसके बाद दिलीप चौधरी ने अपने दोस्तों से यह बात बताई। इस पर दिलीप के दोस्तों ने उसे बच्ची मिलने की बात कह बुलाया। इसके बाद सभी लोग मिलकर बच्ची को तनवीर आलम के मुर्गाफार्म में बंद कर दिया तथा देर रात सभी ने मिलकर गला दबाकर बच्ची की हत्या कर दी तथा इसके बाद उसका आंख निकाल लिया तथा तांत्रिक के निर्देशानुसार पूजा की। पुलिस ने दूसरे दिन बच्ची की लाश घटना स्थल से बरामद की तथा दिलीप चौधरी के घर से खून से सना थैला तथा पूजन सामग्री भी बरामद हुआ। इस मामले में आज शनिवार को कोर्ट ने दिलीप चौधरी सहित तीन अन्य आरोपितों तांत्रिक परवेज आलम, मुर्गाफार्म मालिक तनवीर आलम व दशरथ मंडल उर्फ़ दशरथ कुमार को आजीवन कारवास की सजा सुनाई और साथ मे 25-25 हजार की अर्थदंड भी सुनिश्चित किया गया है।
वही सभी दोषी आरोपियों के परिजनों ने जब सुना कि आजीवन कारावास की सजा हुई है तो सभी का रो रो कर बुरा हाल हुआ है। मगर भगवान के घर देर है अंधेर नही , आखिरकार एक मासूम बच्ची की हत्या में आज चार लोगों की सजा मिल गई है।