मनीष कुमार
मुंगेर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र में मतदान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। मतदान में शाम 5 बजे तक 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मुंगेर जिले के संग्रामपुर प्रखण्ड में पंचायत चुनाव में वोट डालने में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ते हुए एक बार यह साबित कर दिया कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले में आगे खड़ी है। चुनाव की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि कहीं से भी किसी भी तरह के लड़ाई झगड़े मारपीट या उपद्रव जैसी घटनाएं नहीं घटी।
बायोमैट्रिक सिस्टम एवं ईवीएम की गड़बड़ी के कारण मतदान की गति धीमी
विदित हो कि बोगस बोटिंग पर विराम लगाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा पंचायत चुनाव में पहली बार बायोमेट्रिक सिस्टम को प्रारंभ किया गया। परिणाम स्वरूप बहुत हद तक बोकस वोटिंग पर विराम तो लगा परंतु मतदान की गति काफी धीमी हो गई। जिससे मतदाताओं के साथ-साथ मतदान कर्मियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बायोमैट्रिक सिस्टम में नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण मतदान में बाधा आ रही थी। कई जगह पर शुरुआती दौर में मोक्स पोल के बाद ही ईवीएम में गड़बड़ी होने लगी। प्रखंड परिसर के प्राथमिक विद्यालय ब्लॉक कॉलोनी में मतदान शुरू होते ही प्रारंभ के 2 घंटों में तीन बार ईवीएम में गड़बड़ी आई। जिससे मतदान बाधित होता रहा कुल मिलाकर प्रारंभ के 2 घंटे में एक 11 प्रतिशत ही मतदान हुए धीरे-धीरे मतदान की गति में तेजी आई 11 बजे तक 22 प्रतिशत,1 बजे तक 40.5 प्रतिशत, 3 बजे तक 47 प्रतिशत, और मतदान समाप्ति के समय 5 बजे तक 53 प्रतिशत मतदान हुआ। बाद में इसका आंकड़ा 59.6 प्रतिशत रहा। सामुदायिक भवन लक्ष्मीपुर चंदनिया, कहुआ उच्च विद्यालय के अलावे प्रखंड के कई मतदान केंद्र पर ईवीएम की गड़बड़ी के कारण मतदान दो से ढाई घंटे विलंब से शुरू हुआ।
मतदान के दौरान कोरोना गाइडलाइन का नहीं हुआ पालन
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर कोविड-19 गाइडलाइन जारी किया गया था। इसको लेकर मतदाताओं के बीच सामाजिक दूरी मास्क की अनिवार्यता, थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था, हैंड वाश आदि के इंतजाम किए जाने थे। परंतु मतदाताओं की बात तो दूर मतदान कर्मी एवं किसी भी अधिकारी के पास मास्क नहीं देखा गया। ना ही कहीं थर्मल स्कैनिंग एवं हैंडवाश की व्यवस्था की गई थी। कई बूथों पर मतदाता पानी के लिए तरसते देखे गए। इससे ऐसा लगा की सरकार सिर्फ दिशा निर्देश जारी करती है। परंतु उसका अनुपालन कराना ही भूल जाते हैं।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुआ मतदान
पंचायत चुनाव 2021 की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह के वारदात नहीं हुई। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदाताओं में मताधिकार का प्रयोग किया कहीं-कहीं पर प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों के द्वारा मतदान केंद्र पर अपने पक्ष में मतदान के लिए दबाव बनाने या धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजमात के कारण प्रखंड के कटियारी, ददरीजाला नक्सल प्रभावित पंचायत में भी मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया।जिसमें महिलाओं की काफी भागीदारी देखी गई।पहली बार मतदान करने बाले युवा मतदाताओं ने दिखाया उत्साह।
पंचायत चुनाव में ऐसे भी युवा मतदाता थे। जिन्होंने पहली बार मतदान में हिस्सा लिया। मतदान के बाद उनके चेहरों पर काफी खुशी एवं आत्मविश्वास का भाव दिख रहा था। झिकुली गांव के मतदान केंद्र पर पहली बार मतदान करने आई सुप्रिया कुमारी, सपना कुमारी आदि ने बताया वह पहली बार मतदान में भाग ले रहें है। यह उसके लिए गौरव की बात है। मतदान का अधिकार मिलने के बाद यह आत्मबल आ गया है। की वह अपनी भागीदारी निभाकर सच्चे समाजसेवी को प्रतिनिधि के रूप में चुन सकती है। ताकि गांव और समाज में समरसता के साथ-साथ विकास का वातावरण पैदा हो।
कई वृद्ध एवं विकलांग मतदाताओं ने भी प्रजातंत्र में जताई आस्था।
प्रखंड के उर्दू प्राथमिक विद्यालय पतघाघर मकतब बूथ संख्या 36 मतदान केंद्र पर चंपा देवी उम्र 103 वर्ष अपने पोते के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर मतदान केंद्र पर आई थी। मतदान के बाद चंपा देवी ने बताया कि वह हमेशा ही मतदान करती आई है। आज भी उसे इस उम्र में भी मतदान की याद आ गई। तो पोते ने सहारा देकर अपनी मोटरसाइकिल से किसी तरह मतदान दिलवाने के लिए लाया है। मतदान देकर वह काफी खुश है। वही प्रखंड के मध्य विद्यालय केंदुआ मतदान केंद्र संख्या 27 पर मतदान करने आए हुकुम पासवान उम्र 95 बरस भी अपने पोते के साथ कंधा लगाएं मतदान केंद्र पर मतदान करते देखे गए। वही मतदान केंद्र संख्या 47 सामुदायिक भवन जाला में 85 वर्षीय राजकुमार यादव अपने दो पुत्रों के सहारे मतदान करने आए थे। प्रखंड मुख्यालय के प्राथमिक विद्यालय ब्लॉक कॉलोनी में मतदान कर अपने पोते के साथ लौट रहे पचासी वर्ष के विकलांग ओम यादव अपने पोतों के कंधों के सहारे मतदान कर वापस लौट रहे थे। उन्होंने कहा कि मतदान हमारा अधिकार है। और जब तक जिंदा रहूंगा मतदान के माध्यम से प्रतिनिधि चुनने में अपनी भूमिका निभाता रहूंगा।वही बोधनिया पंचायत के एक बूथ पर पोता अपनी दादी को गोद मे लेकर आया वोटिंग कराने कमला देवी 98 वर्ष,और शांति देवी 75 वर्ष को पूतोह ने लेकर आई वोटिंग कराने महिलाओ में काफी उत्साह देखने को मिला।
मतदान के दौरान सड़कों पर दौड़ती रही पुलिस एवं प्रशासन की गाड़ी।
प्रखंड के कुल 139 मतदान केंद्रों पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल के नियुक्ति के अलावे पूरे क्षेत्र को 4 सेक्टर में बांटकर सेक्टर मजिस्ट्रेट जोनल मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारी के साथ लगातार सड़कों पर गस्त जारी रही। मतदान के दौरान आरक्षी अधीक्षक जग्गुनाथ जग्गा रेड्डी ने स्वयं भी बलिया, दुर्गापुर, ददरीजाला पंचायत के कई बूथों का निरीक्षण किया। इसके अलावा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पंकज कुमार, अंचलाधिकारी स्नेहा सत्यम, इस्पेक्टर पूनम सिन्हा, थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार भी लगातार मतदान केंद्रों का जायजा लेते देखे गए। जबकि प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी अजेश कुमार लगातार कंट्रोल रूम में बैठकर नियंत्रण करते रहे।
अधिक संख्या वाले मतदान केंद्रों पर मतदाता एवं मतदान कर्मी को हो रही थी परेशानी।
प्रखंड क्षेत्र के उर्दू प्राथमिक विद्यालय पतघाघर मकतब केंद संख्या 36 में जहां 928 मतदाता के लिए एकमात्र मतदान केंद्र बनाया गया था। वही प्रखंड परिसर के प्राथमिक विद्यालय ब्लॉक कॉलोनी में भी 797 मतदाताओं के लिए एक ही मतदान केंद्र बनाया गया था। प्राथमिक विद्यालय ब्लॉक कॉलोनी में मोक्स पोलिंग के बाद लगातार तीन बार ईवीएम में खराबी आती रही। जिस कारण मतदान में लगातार विलंब होता रहा। 4 बजे तक ब्लॉक कॉलोनी मतदान केंद्र पर 287 मतदान ही हो पाए थे। जबकि करीब 300 महिला पुरुष मतदाता मतदान के लिए लाइन में खड़े थे। इस संबंध में जब पोलिंग पदाधिकारी से पूछा गया तो उनका कहना था की पहले तो ईवीएम में गड़बड़ी हुई फिर बायोमेट्रिक पद्धति भी गति धीमी होने के कारण मतदान में विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि अगर बायोमेट्रिक को हटा दिया जाए तो भी निर्धारित समय से दो-तीन घंटे विलंब तक मतदान कराना ही होगा। इस स्थिति में भीड़ की रेलम पेल में खड़ी महिलाएं इतनी परेशान हो रही थी कि कतार में खड़ी महिलाएं धीरे-धीरे निराश होकर बिना मतदान किए ही वापस लौट रही थी।
नहीं बने थे नारी शक्ति केंद्र।
जानकारी के अनुसार प्रखंड परिसर स्थित अंबेडकर भवन मतदान केंद्र को नारी सशक्तिकरण केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। जहां मतदान कर्मियों के रूप में केवल महिला कर्मियों को ही लगाया जाना था। परंतु महिला सशक्तिकरण केंद्र अंबेडकर भवन पर एक भी महिला मतदान कर्मी नहीं देखे गए। इस संबंध में निर्वाचन पदाधिकारी अजेश कुमार ने बताया कि मतदान कर्मी के रूप में महिलाएं की नियुक्ति नहीं हो पाई जिससे महिला सशक्तिकरण केंद्र नहीं बन सका। वही आदर्श मतदान केंद्र प्रखंड परिसर कृषि भवन में भी आदर्श नाम का कोई भी चीज नहीं था सिर्फ बाहर से बैलून से सजाकर रस्म अदायगी की गई थी। किसी भी मतदान केंद्र पर पेयजल की भी सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में खासकर के नवरात्र के मौके पर मतदान करने आई महिलाएं एवं उनके साथ आए बच्चे प्यास से परेशान देखे गए।संग्रामपपुर प्रखण्ड में मतदान सम्पन हुआ 59.6प्रतिशत पर।