बी०सी०ई० – एन0आई0टी0 पटना के एलुमिनी मीट- 2023 में शामिल हुये मुख्यमंत्री

Vijay shankar

पटना:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बी०सी०ई०एन०आई०टी० पटना स्थित एम्फीथिएटर में आयोजित एलुमिनी मीट – 2023 का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। समारोह में सरस्वती वंदना का गायन किया गया। बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना एलुमिनी सोसाइटी द्वारा आयोजित इस एलुमिनी मीट में मुख्यमंत्री ने सोसायटी द्वारा प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया। गोल्डेन जुबली वर्ष के अवसर पर तैयार की गई स्मारिका का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। सोसाइटी सेक्रेटरी सह पटना विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर प्रोफेसर गिरीश कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र भेंटकर उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन के विभागाध्यक्ष प्रो० भरत गुप्ता को बेस्ट डिपार्टमेंट के लिये अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। बी०सी०ई०एन०आई०टी० पटना एलुमिनी सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष श्री रविशंकर सिन्हा एवं सचिव श्री गिरिश कुमार चौधरी को भी अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। संस्थान के डायमंड जुबली बैच वर्ष 1962-83 के पूर्ववर्ती छात्रों, गोल्डेन जुबली बैच वर्ष 1972-73 के पूर्ववर्ती छात्रों एवं सिल्वर जुबली बैच वर्ष 1992-93 के पूर्ववर्ती छात्रों को मुख्यमंत्री ने प्रतीक चिह्न प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया । बी० सी०ई०एन०आई०टी० पटना एलुमिनी सोसायटी के सचिव प्रोफेसर गिरीश कुमार चौधरी ने संस्थान के गोल्डेन जुबली बैच वर्ष 1973 के पूर्ववर्ती छात्र मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को प्रतीक चिह्न प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया ।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और एन0आई0टी0 पटना एलुमिनी सोसायटी के एन्यूअल मीट- 2023 के अवसर पर मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं। इस अवसर पर डायमंड जुबली बैच, गोल्डेन जुबली बैच और सिल्वर जुबली बैच के पासआउट छात्र यहां उपस्थित हैं। मुझे इनलोगों से मिलकर बेहद खुशी हो रही है। हम भी वर्ष 1973 में यहां से पासआउट हुए थे। वर्ष 1972 में ही परीक्षा आयोजित होनी थी लेकिन 16 महीने विलंब होने के कारण परीक्षा वर्ष 1973 में आयोजित हुई और हम पासआउट हुए। हमारे बैच के श्री कौशल किशोर मिश्रा जी भी यहां उपस्थित हैं। वे पढ़ाई के दौरान काफी सक्रिय रहते थे। आंदोलन वगैरह में यही हमें गाइड करते थे लेकिन बाद में वे शांत रहने लगे। अध्ययन काल से ही इनसे हमारी मित्रता है। बहुत दिन बाद इनसे हमारी मुलाकात हुई है, मुझे खुशी हो रही है। 5 जनवरी 2023 से हम समाधान यात्रा शुरू किये हैं। इस दौरान हम लोगों के बीच जाते हैं उनकी बात सुनते हैं और पदाधिकारियों के साथ मीटिंग भी करते हैं। इसी कारण यहां पहुंचने में मुझे थोड़ा विलंब हुआ है। वर्ष 2018 में एन0आई0टी0 पटना में आयोजित एलुमिनी मीट में हम शामिल हुए थे। वर्ष 2019 और 2020 में बाहर रहने के कारण हम शामिल नहीं हो सके। उसके बाद कोरोना का दौर आ गया और वर्ष 2021 तथा वर्ष 2022 में यह कार्यक्रम नहीं हो सका। पुंनः 5 साल बाद मैं 50वें साल के
अवसर पर आप सबके बीच आया हूं। हमलोग तो यहीं पढ़े, आंदोलन में भी शामिल होते रहे और बाद में मैं राजनीति में चला गया। तब से लोगों के हित में काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के मंत्रिमंडल में हम भी शामिल थे श्रद्धेय अटल जी मुझे बहुत मानते थे। उस समय इंजीनियरिंग कॉलेज एन0आई0टी0 के रूप में कंवर्ट किये जा रहे थे। मैंने बताया कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग देश के 6 पुराने इंजीनियरिंग कॉलेजों में शामिल है, जिसकी स्थापना वर्ष 1924 में हुई थी। पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग हम करते रहे हैं लेकिन आज तक नहीं हुआ। बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एन0आई0टी0 के रूप में कन्वर्ट करने का आग्रह किया और वर्ष 2004 में ये एन0आई0टी0 के रूप कन्वर्ट हो गया। उसके बाद कॉलेज के बीच वाले भवन को यथावत रखते हुए इसे बनाया गया। उन्होंने कहा कि पटना का एन0आई0टी0 अन्य जगहों के एन0आई0टी0 से बेहतर रहा है। हमारी इच्छा है कि यह और आगे बढ़े। एन०आई०टी० पटना के विस्तार के लिये बिहटा में 125 एकड़ जमीन दी गयी है। हम चाहते हैं कि वहां भी जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा हो जाय। इसके लिये राज्य सरकार से जो भी मदद की जरूरत होगी वह की जायेगी। बिहटा में जब बनकर तैयार हो जायेगा, तब एन०आई०टी० पटना सबसे बड़ा और विकसित होगा। पहले यहाँ कम छात्रों के पढ़ने की सुविधा थी, जो अब बढ़कर 4,500 हो गया है। हम चाहेंगे कि बिहटा में अधिक से अधिक छात्रों के पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ही बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का नामकरण बी०सी०ई०एन०आई०टी० करवाया था ताकि कोई भूले नहीं। यहां आई0आई0टी0 की स्थापना के लिये 500 एकड़ जमीन की मांग की गई, जिसे उपलब्ध कराया गया। अब वह बनकर तैयार हो गया है। पी०एम०सी०एच० में 5,400 लोगों के इलाज के लिये प्रबंध किया जा रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल होगा। हमारा काम है, सबकी सेवा करना। किसी भी तरह के निर्माण कार्य एवं बाढ़ या सुखाड़ की स्थिति में एन0आई0टी0 पटना से परामर्श लिया जाता है। जब तक मैं जीवित रहूँगा एन0आई0टी0 पटना जितना आगे बढ़ेगा मुझे खुशी होगी। आप सभी बुलंदी के साथ बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाइये। हम जो भी निर्माण कार्य कराते हैं, उसके लिये आप से सुझाव लेते हैं। इसे आगे भी देखते रहियेगा। मुझे बहुत दुख होता था, जब हमलोग पढ़ते थे तो कोई लड़की यहाँ नहीं पढ़ती थी। उस समय कोई महिला इधर से गुजरती थी तो छात्रों के साथ-साथ प्रोफेसर लोग भी देखने लगते थे। हमने इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई में लड़कियों के लिये कम से कम एक तिहाई सीट आरक्षित कर दी है। आज मुझे यहाँ महिलाओं को देखकर काफी खुशी हो रही है। पुरूष और महिला दोनों के उत्थान से ही समाज आगे बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं है। इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हर तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। एक सर्वे से यह पता चला कि अगर पति-पत्नी में पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर 2 था और बिहार का प्रजनन दर भी 2 था। अगर पति-पत्नी में पत्नी इंटर पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7 था और बिहार का प्रजनन दर 1.6 था। पहले राज्य का प्रजनन दर 4.3 था जो अब घटकर 2.9 पर आ गया है। लड़कियों के शिक्षित होने से प्रजनन दर में कमी आयी है। पहले परिवार की गरीबी के कारण पोशाक के अभाव में लड़कियां पढ़ नही पाती थीं। हमलोगों ने बच्चियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई। उसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां विद्यालय जाने

लगीं। इंटर और ग्रेजुएशन पास करने वाली छात्राओं को सरकार की तरफ से प्रोत्साहित भी किया जाता है। स्वयं सहायता समूह बनाकर हम गरीब-गुरबा परिवार की महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हमने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की लेकिन नौकरी न करके राजनीति में चले गये। वर्ष 1969 में यह बात सामने आयी कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सभी लोगों को नौकरी नहीं मिलेगी। उसके बाद आंदोलन शुरू हुआ। उस आंदोलन में हम भी जेल गये थे। हम चाहते हैं कि एन0आई0टी0 पटना का अधिक से अधिक विस्तार हो। हमलोगों ने हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज बनवा रहे हैं आपलोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। एन0आई0टी0 पटना में छात्रों की संख्या बढ़ाइयेगा तो मुझे काफी प्रसन्नता होगी।

कार्यक्रम को बी०सी०ई०एन०आई०टी० पटना के निदेशक श्री पी0के0 जैन, बी०सी०ई० – एन0आई0टी0 पटना एलुमिनी सोसायटी के सचिव प्रोफेसर श्री गिरिश कुमार चौधरी एवं बी० सी०ई०एन०आई०टी० पटना एलुमिनी सोसायटी के कोषाध्यक्ष श्री संतोष कुमार ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, बी०सी०ई० – एन०आई०टी० पटना एलुमिनी सोसायटी के सदस्यगण, बी०सी०ई०एन०आई०टी० पटना के अध्यापकगण, छात्र-छात्रायें एवं पूर्ववर्ती छात्रों के परिजन उपस्थित थे।

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