ऑस्ट्रिया में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन, कहा -भारत-ऑस्ट्रिया अलग-अलग छोर पर फिर भी कई समानताएं’
वियना में सामुदायिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में लगे ‘मोदी, मोदी’ के नारे, वन्दे मातरम से अंत
नवराष्ट्र मीडिया नेशनल ब्यूरो
विएना (ऑस्ट्रिया) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ऑस्ट्रिया में भारत के समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 41 साल के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया में आया है । अच्छे सहयोग की बात है और इससे भारत और आस्ट्रिया के संबंध और मजबूत होंगे । उन्होंने कहा कि भारत के सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव में जनता ने मुझे चुना है और 60 साल के अंतराल के बाद दूसरा मौका है जब देश की जनता ने वर्तमान प्रधानमंत्री को लगातार तीसरी बार चुना है । उन्होंने कहा, भारत देश विश्व की पांचवी इकोनामी वाला देश बन चुका है और इसे तीसरी इकोनामी वाला देश मुझे बनाना है । इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं । पीएम मोदी ने कहा, “हजारों सालों से हम दुनिया के साथ ज्ञान साझा करते रहे हैं और हमेशा शांति का सन्देश भी देते रहे हैं मगर हमने युद्ध नहीं दिए । हम सीना तानकर दुनिया से कह सकते हैं कि हमने युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं.”। अपने भाषण का अंत उन्होंने वन्दे मातरम के समवेत नारे से किया और लोगों से भी वन्दे मातरम कहवाया जिसकी गूंज आज पुरे विश्व में गूंजी । साथ ही पुरे भाषण के दौरान मोदी-मोदी के नारे भी गूंजते रहे । भाषण के बीच बीच में पीएम मोदी ने अपने स्टाईल में जनता से सवाल भी पूछे और भारत के बारे में उनके राय भी पूछी , उनके जवाबों पर टिपण्णी भी करके मजे लिए । सभा में तो लोगों ने सीटियाँ तक बजाई , किसी ने मोदी के फोटो व पोस्टर दिखाए ।
दो दिवसीय ऑस्ट्रिया दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी दूसरे दिन वियना में एक सामुदायिक कार्यक्रम में शामिल हुए । भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “ऑस्ट्रिया का ये मेरा पहला दौरा है जो उत्साह, उमंग मैं यहां देख रहा हूं वो अद्भूत है । 41 साल बाद भारत के किसी पीएम का यहां आना हुआ है । भारत और ऑस्ट्रिया अपनी दोस्ती के 75 वर्ष मना रहा हैं । उन्होंने कहा कि भारत के ढेर सारे प्रोजेक्ट में ऑस्ट्रेलिया की कंपनियां काम कर रही हैं और इससे दोनों देशों के विकास को मजबूती मिल रही है । उन्होंने कहा, भारत देश अपने आजादी के 100 साल पूरे होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है और 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय यह उत्सव विकास और समृद्धि का उत्सव होगा । उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है और मुझे यह बात समझनी होगी । उन्होंने कहा कि भारत युद्ध का नहीं बल्कि बुद्ध का देश है और शांति का सन्देश भारत सबको देता है । पीएम मोदी ने भारत और ऑस्ट्रिया की साझा विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि लगभग 200 साल पहले वियाना यूनिवर्सिटी में संस्कृत पढ़ाई जाती थी । भारत के नोबेल पुरष्कार विजेता डॉ सीवी रमण और आस्ट्रिया के नोबेल पुरस्कार विजेता का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व को क्वांटम देने वाले इस महान लोगों ने विश्व में पहचान बनाई । 1880 में इसे और बल मिला । पीएम मोदी ने बताया कि आज भी वो कई विचारकों से मिले जो भारत में काफी रुचि रखते हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव का भी जिक्र किया और कहा कि पूरी दुनिया भारत में हुए चुनावों के बारे में सुनकर हैरान हैं । 65 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट डाला है । इतना बड़ा चुनाव हुआ और कुछ घंटों में ही चुनाव के नतीजे आ जाते हैं । ये भारत की इलेक्टोरल मशीनरी और हमारे लोकतंत्र की ताकत है । पीएम मोदी ने कहा, भारत डिजिटल पेमेंट करने वाला पहला देश बन गया है । लगातार डिजिटलाइजेशन के दौर में आगे बढ़ रहे हैं । आज पूरे विश्व में जितने डिजिटल पेमेंट होते हैं उससे कहीं ज्यादा पेमेंट डिजिटल पेमेंट भारत में होते हैं । उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने इस चुनाव में जो जिम्मेदारी मुझे दी है उसे पूरा करना है और मैं अपने देश को तीसरी इकोनामी वाला देश बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा हूं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया के एक छोर पर है और आस्ट्रिया दूसरी छोड़ पर है, फिर भी दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत है । उन्होंने कहा कि आस्ट्रिया के लोगों ने जिस तरह आज बड़ी उपस्थिति के साथ मेरे सामने है, मैं उसके लिए यहां की सरकार को और यहां की जनता को आभार व्यक्त करता हूं । अपने संबोधन के दौरान कहा कि भौगोलिक दृष्टि से भारत और ऑस्ट्रिया दो अलग-अलग छोर पर हैं लेकिन हम दोनों के बीच अनेक समानताएं हैं । लोकतंत्र हम दोनों देशों को जोड़ता है । स्वतंत्रता, समानता, बहुलवाद और कानून शासन का आदर हमारी साझा मूल्य हैं । हम दोनों समाज बहु संवर्धित और बहुभाषी देश हैं ।