नेशनल ब्यूरो
नयी दिल्ली : आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में 21 अगस्त को भारत बंद की घोषणा की है । बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन और निजी क्षेत्र के परिचालन में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका है, लेकिन एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी । बंद के आह्वान के बावजूद सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे । इसके अलावा, चिकित्सा देखभाल, पेयजल, सार्वजनिक परिवहन, रेल सेवाएं और बिजली आपूर्ति सहित आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी । बिहार , उत्तर प्रदश , राजस्थान , झारखण्ड समेत कई राज्यों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं ।
भारत बंद को कई और संगठनों ने भी समर्थन मिल रहा है. इसके अलावा बीएसपी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है. बंद समर्थकों ने कहा है कि एसटी, एससी के आरक्षण का वर्गीकरण के विरोध को लेकर यह कदम उठाया गया है. बंद समर्थकों ने कहा है कि सदियों अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के साथ अन्याय होता रहा है. एसटी एवं एससी समुदाय के लोग आज भी आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों में आरक्षण नहीं मिलता है. ऐसी स्थिति में हमारे अधिकांश बच्चे शैक्षणिक, राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ रहे हैं.
राजस्थान भर में एससी/एसटी समुदायों से महत्वपूर्ण समर्थन पाने वाले इस बंद में देश भर से व्यापक भागीदारी की उम्मीद है ।अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं । सुप्रीम कोर्ट के राज्यों को एससी और एसटी ग्रुप में उप-वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) की परमिशन देने के फैसले ने व्यापक विवाद को जन्म दिया है । इस फैसले का उद्देश्य सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों को आरक्षण देने को प्राथमिकता देना है ।
देशभर में अशांति की संभावना को देखते हुए, देश भर में पुलिस बलों ने अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है, खासकर संवेदनशील माने जाने वाले जिलों में. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए. पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है और उसे हाई अलर्ट पर रखा गया है ।