पद्मश्री डॉ शैलेन्द्रनाथ श्रीवास्तव की 86 वीं जयंती पर ‘ भारत की सौम्य संपदा और हम ‘ विषय पर व्याख्यान
विजय शंकर
पटना : राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने रविवार को ‘ भारत की सौम्य संपदा और हम’ विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में अपना विचार रखते हुए कहा कि भारत की पूरे विश्व में अलग पहचान है । भारत की सौम्य संपदा कई रूपों में परिलक्षित होती है । अगर देखा जाए तो आध्यात्मिक जनतंत्र की परिकल्पना भारत में दिखती है और बहु संस्कृतिवाद पर चर्चा चल रही है । भारत में आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा है , भारत इसमें एकाधिकार नहीं रखता ।
बिहार विधान परिषद् के उप भवन सभागार में पद्मश्री डॉ शैलेन्द्रनाथ श्रीवास्तव की 86 वीं जयंती के मौके पर ‘ भारत की सौम्य संपदा और हम ‘ विषय पर व्याख्यान में विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भारत में एकता में विविधता दिखती है । हमारी सोच एक है पर प्रकटीकरण अलग-अलग है और विविधता दिखती है । प्रकृति के प्रति हमारी समन्वय दृष्टि रहती है । यही भारत के प्रति आकर्षण है । प्रकृति का हमने कभी विरोध नहीं किया । उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ समन्वयक रुप से जुड़ाव रहा है और प्रकृति के विरोध में कभी भी भारत नहीं रहा । यही कारण है यहां पेड़ की भी पूजा होती है । भारत अंत्योदय वादी रहा है और भारत का विचार अंत्योदय का विचार है । विकास का फल जब बांटना होता है तो सबसे आगे दलित-पिछड़े रखे जाते हैं । इसके अतिरिक्त वासुदेव कुटुंबकम भारत में दिखता है । पूरा विश्व इसे मानता भी है । यही कारण है कि भारत के लोग बिल्ली को मौसी कहते हैं और चूहे को मामा कह सम्मान दिया जाता है । यही कारण है कि पूरे विश्व में भारत के प्रति सम्मान है ।
उन्होंने कहा कि हम संपदा के प्रति लापरवाह हुए हैं । यह चिंता का विषय है । यूक्रेन-रूस के युद्ध की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन से 22,000 लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया । यहां तक की भारत के कहने पर युद्ध विराम तक लागू किए गए । इतना ही नहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों ने की भारत से अपने यहां के लोगों को मंगाने का अनुरोध किया, कहीं से विरोध नहीं हुआ । यह बातें दर्शाती है कि भारत के प्रति दुसरे देश अपेक्षाओं की दृष्टि से देख रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि जनतंत्र सौम्य संपदा का अंग है और सामाजिक, आर्थिक जनतंत्र स्थापित करने में भारत अग्रणी रहा है । दी कश्मीर फाइल्स फिल्म की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतियों ने प्रेम अर्जित किया है । भारत अच्छे शिक्षकों को निर्यात कर सकता है । भारत में शिक्षकीय परंपरा रही है । भारत ने शिष्य-शिक्षक परंपरा को स्थापित किया है । भाषण के समापन के बाद विनय सहस्त्रबुद्धे को जय कृष्ण झा ने पाग, चादर देखकर सम्मानित किया ।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत मंगल वंदना से की गई । कार्यक्रम का संचालन श्वेता श्रीवास्तव ने किया । इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद, राज्यसभा के पूर्व सांसद आर के सिन्हा, किरण घई , कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार सिन्हा, दीघा के विधायक संजीव चौरसिया, दीपशिखा गैस एजेंसी के मालिक और पद्मश्री डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव स्मारक न्यास के न्यासी सह संयोजक अभिजीत कश्यप ने अपने-अपने विचार रखे ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को दो लाख करोड रुपए का नुकसान सिर्फ उपहार की वस्तु को नहीं खरीद कर दिया है और इसी तरह का सपना स्वर्गीय शैलेंद्र श्रीवास्तव ने देखा था और भारत की इसके बारे में उन्होंने कल्पना की थी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने पूरा कर दिखाया है ।
वही उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि शैलेंद्रनाथ श्रीवास्तव में सेवा की भावना थी और ऐसी भावना बिरले लोगों में मिलती है । केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि संसद में डॉ शंकर दयाल सिंह व डॉक्टर शैलेंद्रनाथ श्रीवास्तव की भाषा शैली अद्भुत रहती थी जिसे लोग आज भी याद करते हैं । उन्होंने कहा कि बक्सर जिले के चौसा स्थित उनके मकान को वहां मंदिर बनवाने की पहल करने की बात मैंने उनके पुत्र पारिजात सौरव से की है । उन्होंने कहा कि जब भी प्रदेश में घूमते हैं तो डॉक्टर शैलेंद्रनाथ श्रीवास्तव की याद आ जाती है ।
बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि राजनीति में साहित्य और साहित्य में राजनीति स्थापित करने का काम डॉक्टर शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने किया था । अतिथियों को सम्मानित करने में डॉ मधु श्रीवास्तव, श्रीमती राधिका (द्वितीय सुपुत्री) अविनाश सहाय, श्रीमती अपराजिता, डॉ मधु वर्मा, पारिजात सौरव, कमलनयन श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता देकर किया । वही कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया । इस मौके पर सभी अतिथियों को सम्मानित भी किया गया । धन्यवाद ज्ञापन आदित्य कश्यप ने किया ।