नवराष्ट्र मिडिया ब्यूरो 

मेलोट, पंजाब : अखिल भारतीय किसान महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय (17 -18 अगस्त, 2022) बैठक, मेलोट, पंजाब में संपन्न हुयी । अखिल भारतीय किसान महासभा का दो दिवसीय (23 -24 सितम्बर, 2022 ) चौथा राष्ट्रीय सम्मेलन, (विक्रमगंज, बिहार ) की तैयारी चल रही है । सम्मेलन तैयारी समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य क्रमशः संयोजक अरुण सिंह (विधायक) व सहसंयोजक सुदामा प्रसाद (विधायक) हैं । 23 सितम्बर को सम्मेलन के पूर्व बिक्रमगंज में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जायेगा ।

बैठक में एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के लिए व्यापक किसान आन्दोलन का आह्वान किया गया । अखिल भारतीय किसान महासभा की दो दिवसीय (17 और 18 अगस्त) बैठक मेलोट, पंजाब में संपन्न हुई । बैठक की संयुक्त अध्यक्षता अध्यक्ष रुलदू सिंह, उपाध्यक्ष क्रमशः प्रेम सिंह गहलावत, कृष्ण देव यादव, जय प्रकाश नारायण, हीरा गोप, फुलचन्द ढेवा, शिव सागर शर्मा, और देवेन्द्र सिंह चौहान ने की । बैठक में राजनीतिक परिस्थितियों, राष्ट्रीय सम्मेलन, सदस्यता भर्ती व अन्य विषयों पर बातचीत की गई  बैठक में राष्ट्रीय सम्मेलन में बिहार, पंजाब, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश सहीत 25 राज्यों से 600 किसान प्रतिनिधि भाग लेगे. देश में किसान महासभा के 6 लाख सदस्य बने हैं और सदस्यता भर्ती सम्मेलन तक जारी रहेग. किसानों से आर्थिक कलेक्शन जारी है

संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में चले दिल्ली बोर्डर पर किसान आन्दोलन के नेताओं को सम्मेलन में अतिथि के बतौर आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है. सम्मेलन के पूर्व किसान महापंचायत में दसियों हजार किसान भाग लेकर कारपोरेट परस्त व साम्प्रदायिक- फांसीवादी मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ विश्वासघात के ख़िलाफ़ एम. एस. पी. का कानूनी दर्जा देने, बिजली बिल की वापसी, लखीमपुर खीरी के हत्याकांड के दोषियों को सजा देने व अन्य मांगों को लेकर व्यापक किसानों को संगठित करने व किसान आन्दोलन को तेज करने का संकल्प लिया जायेगा.।

बैठक में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि संविधान व लोकतंत्र खतरे में है. गरीबों व अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हुआ हैं. देश को साम्प्रदायिक उन्माद में ढकेलने की साजिश की जा रही है. मोदी सरकार किसानों के साथ विश्वासघात कर किसान विरोधी चरित्र का परिचय दे दिया. मजदूर- किसान एकता व आन्दोलन के जरिये हीं साम्प्रदायिक व तानाशाह मोदी -अमित शाह सरकार को उखाड़ फेकना है. बैठक के समापन के अवसर पर किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष व पंजाब के लोकप्रिय किसान नेता ने कहा कि दिल्ली बोर्डर पर चले ऐतिहासिक किसान आन्दोलन में देशवासियों खासकर पंजाब की जनता का सहयोग, सेवा, त्याग व बलिदान को भुला नहीं जा सकता है, जिसके कारण तीनों काले कृषि कानून वापस लेना पडा. मोदी सरकार के तमाम साजिशों का डटकर, किसानों ने मुकाबला किया. बैठक के अन्त में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व पंजाब किसान यूनियन के सचिव गुरुनाम सिंह भिक्खी ने विभिन्न राज्यों से आये किसान नेताओं को धन्यवाद देते हुए, उन्होंने ने कहा कि पंजाब के किसान देशव्यापी किसान आन्दोलन में कभी भी पीछे नहीं रहेगा. लखीमपुर खीरी में चल रहे किसान महापड़ाव में पंजाब के किसान भी होगें. मोदी सरकार को लखीमपुर खीरी हत्याकाण्ड के साजिश कर्ता केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टौनी की गिरफ्तारी, निर्दोष किसानों को बिना शर्त्त रिहाई व किसानों पर लादे गये क्षुठे मुकदमों की वापसी की मांग तक संघर्ष जारी रहेगा।

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