भाजपा के विधायक हरि भूषण ठाकुर खुलेआम पुलिस की कार्यशैली पर उठा रहे हैं सवाल
विश्वपति
पटना। राज्य में शराबबंदी कानून को लेकर जदयू और भाजपा के बीच बयानबाजी तेज हो गई है । सरकार शराब बंदी के पक्ष में है और इसे कड़ाई से लागू भी करना चाहती है। लेकिन भाजपा इस मामले को खत्म करना चाहती है । वह शराबबंदी को गैर जरूरी मानती है। इसलिए पार्टी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने शराबबंदी हटाने की मांग कर डाली है। वह पहले भी सरकार के विरुद्ध विवादास्पद बयान देते रहे हैं। अब उन्होंने शराबबंदी की आवश्यकता पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है और इसे हटाने की मांग कर डाली है।
हालांकि मुख्यमंत्री ने इन बयानों का कोई संज्ञान नहीं लिया है और उन्होंने प्रशासन को सख्ती के साथ शराबियों से निपटने का निर्देश दिया है। विधायक ने कहा है कि बिहार में जो शराबबंदी लागू करवाने वाला है, वही शराब बिक्री करवा रहा है।
शराबबंदी के नाम पर पुलिस महिलाओं के रुम में घुस रही है। तथा इंजीनियर,युवाओं एवं छात्रों को आतंकियों की तरह पकड़ा जा रहा है। अब बिहार में समय आ गया है कि कृषि कानूनों की तरह शराबबंदी कानून को भी सरकार को वापस ले लेना चाहिए।
विधायक श्री बचोल ने कहा कि शराब बंद होना चाहिए,बहुत अच्छी बात है। परंतु ऐसा हो नही रहा है। शराबबंदी के नाम पर पुलिस जो काम कर रही वह बेहद गलत है। सैकड़ों ऐसे जगहों पर पुलिस की छापेमारी हुई है,वहां कुछ नही मिला है। ऐसी घटनाओं से बिहार सरकार की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के नाम पर पुलिस जो काम कर रही है,उससे बिहार की छवि देश स्तर पर खराब हो रही है। तथा देश में बिहार की बदनामी भी हो रही है। बिहार में शराबबंदी पुलिस के लिए कमाई का जरिया बन गया है।
पुलिस शराब कारोबार में लिप्त बड़े-बड़े शराब माफियाओं को पकड़ नही पा रही है। तथा जिनके घरों में शराब नही है उनके घरों में जबरदस्ती घुस रही है। शराब के नाम पर गरीबों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
विधायक श्री बचोल ने कहा कि मैं मानता हूँ कि शराबबंदी बहुत अच्छा काम है, परंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अच्छी नियत से देश में कृषि कानून लाए थे। लेकिन उन्हें कृषि कानून वापस लेना पड़ रहा है। इसलिए नीतीश कुमार को भी उसी तरह से बिहार में लागू शराबबंदी कानून को वापस ले लेना चाहिए।