नेशनल ब्यूरो

आज के दिन सन 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री ईन्दिरा गांधी ने लोकतंत्र की हत्या करके देश में आपातकाल लागू किया था।
उसने भ्रष्ट तरिके से रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में लोहियावादी राजनारायण के विरूद्ध जीत हासिल की थी।
13 जून 1975 को इलाहाबाद कोर्ट के एक निर्णय से ईन्दिरा गांधी की संसदीय विजय अवैध घोषित हो गई।
ईन्दिरा गांधी ने कोर्ट के फैसले को नकार कर प्रधानमंत्री पद से अपना त्यागपत्र नहीं देकर देश के लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाकर एक काला अध्याय “आन्तरिक आपातकाल” के रूप में देश पर थोपा था।

उसी आधी रात को ईन्दिरा की तानाशाही सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण,मोरारजी देसाई,अटल बिहारी बाजपेई,लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी,जार्ज फर्नांडिस,मधुलिमए,प्रफुल्लसेन, राजनारायण,राजमाता बिजयराजे सिंधिया सहित देश के तमाम नेताओं को गिरफ्तार करके जेल में बन्द कर दिया।
सम्पूर्ण देश की प्रेस सहित पूरी मिडिया पर सेन्सरशिप लगाकर कठोर प्रतिबंध लगा दिया। आम जनता के सभी मौलिक अधिकारों को निरस्त कर दिये गए।
लाखों लाख देशवासियों को गिरफ्तार करके जेलों में ठूंस दिया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक पर भी प्रतिबंध लगाकर उनके तमाम स्वयं सेवकों को जेल की कालकोठरी में बन्द करके उनपर “मीसा”,और “भारत सुरक्षा अधिनियम” जैसे काले कानून लगा दिए।

देश भर में ईन्दिरा गांधी और एक परिवार के प्रति चाटुकारिता का नंगा नाच शुरू हो चुका था। व्यक्ति पूजा का एक लम्बा दौर वर्ष 1977 तक देश भर में जारी रहा।
ईन्दिरा के पुत्र संजय गांधी के नेतृत्व में देश के निरपराध पुरूषों को पकड़ पकड़ कर उनकी जबरन नसबंदी करने का नाच भी उस दौर में काफी पीड़ा के साथ देश ने देखा।
उस काले और तानाशाही दौर में भारत के संविधान से भी काफी मनमाने तरिके से छेड़छाड़ की गई।
अनेक गलत कानून देश की जनता पर जबरदस्ती थोप दिए गए।
आपातकाल के अंधेरे में लोकतंत्र कराहता रहा। देश की जनता इन काले कानूनों से चारों ओर से त्रस्त हो गई।
तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष देवकान्त बरूआ ने ईन्दिरा के क्रूर तानाशाही शासन की पैरवी में कसीदे पढते हुए कहने लगा INDIRA IS INDIA,INDIRA IS INDIA.
लोकतंत्र की हत्या का यह काला अध्याय “25 जून 1975” को पूरे देश सहित सारी दुनिया ने अपनी खुली आंखो से देखा,सहा और भुगता।
देश उस दौर को ना कभी भूला है और ना ही कभी भूल पाएगा।
आज कांग्रेस के नेता संविधान की प्रति लेकर जनता के सामने झूठी कहानी प्रस्तुत करके अपने आपको नेक दिखाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं ?
आम जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास कर रहे हैं ?
ऐसे कुकर्म के लिए इनको शर्म आनी चाहिए। इनको देश के प्रति किए गए गम्भीरतम अपराध के लिए अपने गिरेबान में झांक कर, नाक रगड़ कर देश की जनता और भारतमाता से माफी मांगनी चाहिए।
ऐसी झूठी,भ्रष्ट और बेईमान परिवारवादी कांग्रेस के नेता और उनके चाटुकार यदि आज गंगा जी में खड़े होकर भी देश से क्षमा मांगते हैं तब भी देश की जनता इनको कभी माफ नहीं करेगी। इतिहास अपनी गवाही लोकतंत्र के साथ किए इनके अपराध के लिए समय समय यूं देता रहेगा और कभी माफ नहीं करेगा। (साभार )

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