नवादा के वारसलीगंज में आयोजित कर्पूरी चर्चा कार्यक्रम में बोले जहानाबाद सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी

-कहा, केंद्र सरकार एक सुनियोजित तरीके से आरक्षण को समाप्त करने में है जुटी

-महिला, किसान, युवा व गरीब को एक जाति बता पिछड़ों व अति पिछड़ों के अधिकार पर चलाया जा रहा तलवार

विश्वपति
नव राष्ट्र मीडिया

नवादा/पटना।
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जदयू ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। खास करके अति पिछड़े वोटरों को केंद्रित करके उसका अभियान भी शुरू हो चुका है । इसी क्रम में पार्टी के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने आज नवादा का दौरा किया और अति पिछड़ा जमात के साथ बैठकर विचार विमर्श भी किया।
नवादा जिले के वारसलीगंज में रविवार को आयोजित कर्पूरी चर्चा कार्यक्रम में एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कर्पूरी चर्चा कार्यक्रम के मगध प्रभारी सह जहानाबाद के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में ही अतिपिछड़ों का मान सम्मान व अधिकार सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ों को सजग एवं एकजुट रहने की जरूरत है। उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा अति पिछड़ा समाज के मान सम्मान, हक व अधिकार एवं कल्याण के लिए किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि यह नीतीश कुमार ही हैं, जिन्होंने अति पिछड़ों को पंचायत से लेकर संसद तक भेजने का काम किया। पंचायती राज व्यवस्था में अति पिछड़ा समाज को आरक्षण देकर मुखिया से लेकर मेयर के पद पर बैठने का काम किया। अति पिछड़ा को राजनीतिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने विधानसभा और लोकसभा में समुचित प्रतिनिधित्व देने का काम किया। यही कारण है कि अति पिछड़ा समाज के कई लोग आज मुखिया से लेकर मेयर के पद पर एवं विधानसभा से लेकर लोकसभा तक अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। उन्होंने अति पिछड़ा समाज के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि केंद्र में बैठी सरकार एक सुनियोजित तरीके से पिछड़ा एवं अति पिछड़ा समाज को मिले आरक्षण को समाप्त करने में जुटी है। वे लोग तरह-तरह के नारे देकर लोगों को अपने बहकावे में लाने का प्रयास कर रहे हैं। जब से नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय सर्वे करवाया है। उसके बाद से केंद्र की सरकार महिला, किसान, युवा एवं गरीब की एक नई जाति पैदा कर अति पिछड़ा समुदाय को बरगलाने का काम कर रही है। खुद को अति पिछड़ा का बेटा कहने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब यह कह रहे हैं कि देश में अब सिर्फ चार ही जाति है। महिला, किसान, युवा और गरीब। यह एक सोची समझी रणनीति है। इसका मुख्य उद्देश्य संविधान के तहत मिले अति पिछड़ों एवं पिछड़ों के आरक्षण को समाप्त करना है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से दोनों हाथ उठाकर यह संकल्प दिलाया कि हम लोग सभी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट है और आने वाले समय में नीतीश कुमार के हाथ को और भी मजबूत करेंगे ताकि पिछड़ों के प्रति नीतीश कुमार के मन में जो सम्मान है वह आगे भी निरंतर जारी रहे। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा को राजनीति की मुख्य धारा में आने के लिए कर्पूरी फार्मूला वाला आरक्षण पूरे देश में लागू होने की जरूरत है और यह तभी संभव है जब केंद्र में नीतीश कुमार का हाथ मजबूत हो।

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