विजय शंकर
पटना । आज से 104 वर्ष पहले महात्मा गाँधी बिहार में पहली बार आये थे और उन्हें लाने वाले थे चम्पारण के पं॰ राजकुमार शुक्ल ।
10 अप्रैल, 1917 को चम्पारण सत्याग्रह आंदोलन के सूत्रधार, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी पं॰ राजकुमार शुक्ल महात्मा गांधी को लेकर बांकीपुर जंक्शन (जो आज अब पटना जंक्शन है ) पहुंचे थे तथा नील की खेती से सम्बंधित तथ्यों का पता लगाने के लिए मुजफ्फरपुर होते हुए चम्पारण गए थे । महात्मा गांधी की यह पहली बिहार यात्रा से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा और गति मिली थी । इस यात्रा के बाद ही मोहन दास करमचंद गांधी को “महात्मा गांधी” बना दिया ।
वर्ष 2000 में पं॰ राजकुमार शुक्ल स्मारक न्यास की पहल पर यह शिलालेख पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या – 1 पर रेल मंत्रालय की ओर से लगाया गया । तत्कालीन लोकायुक्त, बिहार नर्मदेश्वर पाण्डेय, डॉ॰ शैलेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, डॉ॰ गोपाल प्रसाद सिन्हा, पारसनाथ पाठक, पं॰ शुक्ल के नाती रवि भूषण राय एवं पं॰ राजकुमार शुक्ल स्मारक न्यास के महासचिव कमलनयन श्रीवास्तव भी उपस्थित हुए ।
10 अप्रैल के एतिहासिक दिन को याद करते हुए पं॰ राजकुमार शुक्ल स्मारक न्यास के महासचिव कमलनयन श्रीवास्तव ने पं॰ राजकुमार शुक्ल को सादर नमन किया और कहा कि महात्मा गाँधी को बिहार में लाकर उन्होंने राष्ट्रीय फलक पर चम्पारण को ले जाने का काम किया ।