आयुक्त-सह-सचिव ने निर्माणाधीन बापू टावर का किया निरीक्षण, कार्यों में प्रगति का लिया जायजा
बापू टावर महात्मा गाँधी को समर्पित; राज्य सरकार द्वारा लोगों को बापू के विचारों से प्रेरित करने एवं गाँधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए अतुलनीय कार्य किया जा रहा हैः आयुक्त-सह-सचिव ने कहा
विकासात्मक, लोक-कल्याणकारी एवं समाज सुधारात्मक योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता; आयुक्त-सह-सचिव
विजय शंकर
पटना। आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना -सह-सचिव, भवन निर्माण विभाग, बिहार सरकार कुमार रवि द्वारा आज गर्दनीबाग में निर्माणाधीन बापू टावर का निरीक्षण किया गया तथा कार्य में प्रगति का जायजा लिया गया। इसका निर्माण कार्य भवन निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। निरीक्षण में पाया गया कि कार्य पूर्ण है। तेजी से फिनिशिंग टच दिया जा रहा है।
आयुक्त -सह- सचिव द्वारा प्रेक्षा गृह, प्रतीक्षा कक्ष, लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय, बापू के आदर्शों को आम जन में स्थापित करने हेतु बिहार सरकार द्वारा किए गए कार्यों के प्रदर्शन के लिए दीर्घा, अनुसंधान केन्द्र, आगंतुक सुविधाएँ, ओरिएंटेशन हॉल एवं अन्य संरचना का निरीक्षण किया गया तथा आवश्यक निदेश दिया गया।
विदित हो कि परियोजना का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के कर-कमलों द्वारा बापू की 150वीं जयंती समारोह वर्ष के अवसर पर दिनांक 02.10.2018 को सम्पन्न हुआ था। भू-खंड का कुल क्षेत्रफल सात एकड़ तथा कुल बिल्ट-अप क्षेत्रफल 10,503 वर्गमीटर है। आयुक्त-सह-सचिव ने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी जी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से लगाव, बापू के आदर्शों को आम जन में स्थापित करने हेतु बिहार सरकार द्वारा किए गए कार्यों इत्यादि की यहाँ उत्कृष्ट प्रदर्शनी रहेगी।
आयुक्त-सह-सचिव श्री रवि ने कहा कि बापू टावर महात्मा गाँधी को समर्पित है। बापू की जीवनी, शिक्षा, आदर्शों, मूल्यों एवं बिहार से उनके लगाव को इसमें बखूबी दिखाया गया है। बच्चों, छात्र-छात्राओं, शोधकर्ताओं तथा गाँधी सिद्धांतों में रूचि रखने वालों के लिए यह काफी उपयोगी साबित होगा। देश एवं विदेश के लोगों के लिए यह आकर्षण के सर्वाधिक महत्वपूर्ण केन्द्रों में से एक होगा।
शंकु आकार/वृत्ताकार जी+5 प्रदर्श भवन (कुल ऊँचाई 31.05 मीटर) देश का पहला भवन होगा जिसके पूरे बाहरी भाग पर ताम्बे का आवरण लगाया गया है। इसमें बापू का बिहार आगमन, चम्पारण सत्याग्रह, महात्मा गाँधी के आदर्शों इत्यादि को प्रदर्श किया गया है। भू-तल पर इमर्सिव अनुभव आधारित 60 व्यक्तियों की क्षमता वाला ओरिएंटेशन हॉल है। पंचम तल से भूतल निरंतर जाने वाली रैम्पों पर प्रदर्श रैम्प है। रैम्प-1 में गाँधीजी का बिहार आगमन, चंपारण सत्याग्रह एवं बिहार में सामाजिक विकास के कार्य के प्रदर्शन हेतु प्रदर्श रहेगा। रैम्प-2 में द्वितीय विश्वयुद्ध एवं उसका भारतवर्ष पर प्रभाव, भारत छोड़ो आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में बिहार की भागीदारी इत्यादि का प्रदर्शन है। रैम्प-3 में गाँधी-जिन्ना वार्ता, शिमला सम्मेलन, 1946 के चुनाव एवं अंतरिम सरकार, कलकत्ता अशांति, गाँधीजी की नोआखाली यात्रा, बिहार में विभिन्न अवसरों पर गाँधीजी के कार्यों को प्रदर्शित किया गया है। रैम्प-4 में बिहार में गाँधीजी, प्रार्थना सभा में गाँधीजी, लॉर्ड माउण्टबेटन के साथ गाँधीजी की मुलाकात, गाँधीजी की कश्मीर एवं कलकत्ता यात्रा, गाँधीजी के उद्धरण इत्यादि को दिखाने हेतु प्रदर्श रहेगा। रैम्प-5 में गाँधीजी एक प्रेरणा श्रोत, गाँधीजी एक आयकन, गाँधीजी के आदर्शों पर आधारित शपथ से संबंधित विषयों पर प्रदर्शन किया गया है।
आयताकार जी+6 भवन की कुल ऊँचाई 30.30 मीटर है। इसमें बापू के आदर्शों को आम जन में स्थापित करने हेतु बिहार सरकार द्वारा किए गए कार्यों के प्रदर्शन के लिए विभिन्न दीर्घा, अनुसंधान केन्द्र, विशिष्ट अतिथियों हेतु लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय इत्यादि है। प्रथम तल पर 160 की क्षमता वाला प्रेक्षागृह तथा विशिष्ट अतिथियों हेतु प्रतीक्षा कक्ष बनाया गया है। द्वितीय तल पर प्रशासनिक कार्यालय है। तृतीय तल पर चंपारण शताब्दी वर्ष समारोह एवं बापू के आदर्शों को आमजन में स्थापित करने हेतु बिहार सरकार द्वारा किए गए कार्यों के प्रदर्शन हेतु दीर्घा का निर्माण किया गया है। चतुर्थ तल पर गाँधीजी के साबरमती आश्रम, नमक सत्याग्रह इत्यादि के लिए दीर्घा बनाया गया है। पंचम तल पर गाँधीजी का प्रारंभिक जीवन, विवाह, शिक्षा हेतु इंग्लैंड प्रवास, दक्षिण अफ्रीका में किए गए कार्यों के प्रदर्शन हेतु दीर्घा तथा आपातकाल हेतु शरण क्षेत्र है। षष्ठम तल पर अनुसंधान केन्द्र एवं सामान्य आगंतुक सुविधाएँ रहेंगी। भू-तलपर विशिष्ट अतिथियों हेतु लाउन्ज, स्मारिका की दुकान एवं जलपान गृह रहेगा। प्रत्येक तल पर पुरूष, महिला एवं दिव्यांग शौचालय बनाया गया है।
भूतल पर शंकु आकार/वृत्ताकार एवं आयताकार भवन की संयुक्त आगंतुक लाबी तथा प्रत्येक तल पर दोनों भवनों को जोड़ने वाला मार्ग है। द्वितीय तल दोनों भवनों को जोड़ने वाले मार्ग के दोनों ओर खुली छत रहेगी। 100 केडब्ल्यूपी क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र रहेगा। 135 दो पहिया वाहन, 87 कार एवं 06 बस हेतु पार्किंग, विभिन्न वाटिका, पैदल एवं वाहन हेतु अलग-अलग प्रवेश द्वार, टिकट घर इत्यादि बनाया गया है।
आयुक्त श्री रवि ने कहा कि बापू के मूल्यों एवं आदर्शों से हम सबको सीख लेने की जरूरत है। बिहार सरकार द्वारा लोगों को महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित करने तथा गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए अतुलनीय कार्य किया जा रहा है। महात्मा गांधी के आदर्शों को जन-जन तक प्रसारित किया जा रहा है।
आयुक्त-सह-सचिव ने कहा कि आम जनता को सर्वाेत्तम सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा निर्माण किए जा रहे भवन पर्यावरण प्रबंधन तथा सतत विकास के उच्च मानकों तथा वैज्ञानिक तकनीकों पर आधारित हैं। हरित टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। विकासात्मक, लोक-कल्याणकारी एवं समाज सुधारात्मक योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर आयुक्त-सह-सचिव श्री रवि के साथ संयुक्त सचिव, भवन निर्माण विभाग श्री राजेश कुमार, उप निदेशक आईपीआरडी, पटना प्रमंडल श्री लोकेश कुमार झा, अधीक्षण अभियंता भवन निर्माण विभाग श्री पवन कुमार, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग श्री गौतम कुमार, अन्य पदाधिकारीगण एवं अभियन्तागण भी उपस्थित थे।