एनआरएम न्यूज ब्यूरो
पटना सिटी : बिहार से अधिक अपराध राजस्थान और दिल्ली में है। फिर भी पटना सिटी में अपराध की जो घटनाएं हो रही हैं, करीब हर मामले का उद्भेदन भी किया जा रहा है। यदि एक-दो मामले पाइप लाइन में हैं, तो उसका भी कारण है। आप पुलिस से या थाना जाने से डरे नहीं। कोई भी थानेदार किसी भी जनता से अशिष्ट या असभ्य तरीके से व्यवहार नहीं करते। यह बात पुलिस और व्यवसायियों के बीच हुए संवाद के दौरान आरक्षी उपाधीक्षक अमित शरण ने रविवार को कही। सभी संघ एक मंच पर आएं कैट के बैनर तले गायघाट के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कमल नोपनी व संचालन अशोक वर्मा ने किया। वक्ताओं में कमल नोपानी, कन्हाई पटेल, अनंत अरोड़ा, प्रदीप सिंह यादव एवं शशिशेखर रस्तोगी ने कहा कि सिटी को पुराना शहर समझ उसे और जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। आज यातायात के क्षेत्र में काम किया जा रहा है। अनेक रोड और ओवरब्रिज बनाकर सुगम यातायात की व्यवस्था की जा रही है और यातायात के विकल्प ढूंढ कर उसे मूर्तरूप दिया जा रहा है। वहीं पटना सिटी में अशोक राजपथ के अलावा गंगा पथ और पुरानी बाईपास से लेकर सुदर्शन पथ ही सहारा है। इस पर भी यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है। गंगा के ऊपर बन रहे पुल में अभी देर है। हाल के दिनों में आपराधिक घटना यहां बढ़ी हैं। चोरी, डकैती, छीनतोरी, गोली मार हत्या या घायल करने के वारदात बढ़े हैं। व्यवसाई व उद्यमी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसलिए आज जरूरी है कि व्यवसाई संघ एक मंच पर आएं और अपनी बात रखें, ताकि उसे वजन मिल सके।
शशि शेखर रस्तोगी ने कहा कि उन्होंने स्वर्णकारों के 14 मामले को पुलिस के सहयोग से निबटाने का काम किया है। इस दौरान पुलिस ने एनकाउंटर भी किया है। उनकी प्रतिष्ठान का खुद का 12 ताला कटा, तीन शटर कटा, मगर अपराधी इसलिए पकड़ा नहीं गया कि पुलिस पदाधिकारी का कहना था कि चोरी नहीं हो पाई न। इसलिए जरूरी है कि व्यवसाई संघ एक मंच पर आकर अपनी बात रखें, ताकि मजबूती मिले और कार्रवाई की जा सके।
प्रदीप सिंह यादव ने कहा कि पुलिस भी एक आम आदमी है और केवल दारू और बालू से लेकर जमीन के मामले में ही पहल नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसकी वरीयता विधि व्यवस्था को संधारित करना है। सभा को विक्रम शाह, परवेज अख्तर, विजय कुमार सिंह, अन्नू कसेरा आदि ने भी संबोधित किया।
इस दौरान प्रभात जायसवाल को सम्मानित भी किया गया। उन्होंने लूटपाट कर भाग रहे अपराधी को दबोचने और भीड़ से उसकी जान बचा पुलिस को सौंपने का काम किया था। डीएसपी अमित शरण ने कहा कि वह कुछ बातों से सहमत भी हैं और असहमत भी। राजस्थान और दिल्ली भी बिहार से अधिक अपराध है। इसलिए घटनाएं हो रही हैं , मगर इससे डरे नहीं। आप असुरक्षित नहीं हैं। पुलिस के साथ संवादहीनता की स्थिति यदि है, तो इसे दूर किया जाएगा और हर थाना में हर महीने व्यवसायियों के साथ एक मीटिंग निश्चित तौर पर की जाएगी। जहां तक उनके क्षेत्र के थानाध्यक्षों का सवाल है, तो वे असभ्य और अशिष्ट तरीके से थाना में पहुंचे पीड़ितों के साथ व्यवहार नहीं करते हैं। धन्यवाद ज्ञापन व्यवसाई जितेंद्र गुप्ता ने किया।

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