नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटनासिटी। सिखों के अंतिम व दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 357 वें ओरकाश उत्सव के अवसर पर दानापुर के ख्यातिलब्ध कलाकार राजेश कुमार शर्मा उर्फ राजेश पिकाशो ने बाल लीला गुरुद्वारा में अपने चित्रों की एकल प्रदर्शनी लगायी है. प्रदर्शनी 15 से 17 जनवरी तक चलेगी.

प्रदर्शनी का उद्घाटन गुरुवेंद्र सिंह उर्फ कल्ला बाबा ने किया, जो बाल लीला गुरुद्वारा के प्रमुख हैं. प्रदर्शनी में बाल लीला गुरुद्वारा के प्रबंधक राजन सिंह जी एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के समस्त सदस्य गण भी उपस्थित रहे. बाबा गुरुवेंद्र सिंह जी ने शाल देकर चित्रकार राजेश पिकासो को सम्मानित किया. प्रदर्शनी तीन दिनों तक चलेगी.

इस प्रदर्शनी में लगाए गए समस्त चित्र गुरु गोविंद सिंह जी एवम उनके पिता श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के जीवन पर आधारित है. इन चित्रों में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जीवन गाथा को प्रमुखता से दिखाया गया है. प्रदर्शनी में लगाए गए चित्रों में हांडी साहब गुरुद्वारा का सजीव चित्रण किया गया है. जिसमें यह दिखाया गया है कि गुरु जी ने जब हांडी से सभी लोगों को खिचड़ी पड़ोसी तो समस्त संगत को परोसने के बाद भी हांडी में खिचड़ी खत्म नहीं हुआ एवं गुरु जी के कदमों के निशान जो दर्शनार्थ है उन्हें भी दिखाया गया है. अपनी दूसरी चित्रकला में इन्होंने खिड़की साहिब, थम साहिब, हरसिंगार का वृक्ष जिसमें गुरु जी ने घोड़ा बांधा था, एवं माता की चक्की को दिखाया है.
इन्होंने चित्रों के माध्यम से गुरु का बाग में जो गुरु जी का कुआं है उसे एवं गुरूजी द्वारा निकाल कर दिखाए गए कमंडल एवं आसनी को भी दर्शाया है. अपनी चित्रकला के माध्यम से गुरु जी का चोला, गुरु जी का खड़ाऊं, मिट्टी का घड़ा जिसे गुलेल से गुरु जी फोड़ा करते थे, माता जी का कुआं, गुरु जी के गुलेल, गुलेल की गोलियां, नीम का वह पेड़ जिसे गुरुजी ने दतवन गाड़ दिया था तो वह नीम का पेड़ उड़ गया इत्यादि को दिखाया है. अपनी एक चित्रकला में इन्होंने यह भी दिखाया है कि कैसे युद्ध के समय जब गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का परिवार उनसे बिछड़ गया तो माता गुजरी देवी ने अपने रसोईया गंगू के घर में शरण लिया. गंगू रसोईया ने चंद्र स्वर्ण मुद्राओं के लालच में मुगलों को उनके आने की खबर दे दी. मुगलों ने माता को साहिबज़ादे फतेह सिंह और साहिबजादे जोरावर सिंह के साथ कैद कर लिया साहिबज़ादा फतेह सिंह और साहिबजादे जोरावर सिंह जी को मुगलों ने दीवार के भीतर चुनवा दिया एवं माता गुजरी देवी को ठंडा बुर्ज में कैद कर दिया जहां उन्होंने प्राण त्याग दिए. इन सभी को इन्होंने चित्रों के माध्यम से बखूबी दर्शाया है.

चित्रकला प्रदर्शनी समस्त श्रद्धालु गण एवं जनमानस के आकर्षण बना हुआ है. लोगों ने राजेश पिकासो द्वारा निर्मित चित्र को देखकर खूब उत्साहित हो रहे हैं और सराह भी रहे हैं. यही नहीं चित्र के सामने लोगों ने अपनी सेल्फी भी ले रहे हैं. अपनी चित्रकला के माध्यम से इस चित्रकार ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के जीवन को सदृश्य कर दिया है. आधुनिक चित्रकला के मध्यम से कलाकार राजेश कुमार शर्मा समकालीन कला को एक नए आयाम दे रहे है. इस प्रदर्शनी मे आने वाले सभी दर्शकों ने कला प्रदर्शनी को देखकर बहुत ही आत्मविभोर हो रहे हैं ।

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