बिहार ब्यूरो
पटना सिटी:। पटना सिटी का गिरिजा अस्पताल का हाल बदहाल है मगर इलाज कराने के लिए यहाँ सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से मरीज आते हैं। मरीजों का भरोसा और अच्छे इलाज का विश्वास अस्पताल के साथ है , पुराने लोग एकमात्र गिरजा अस्पताल को ही जानते हैं। अस्पताल मे जो सुविधा सरकार की तरफ से दी जा रही है उसका पूरा उपयोग यहां नहीं हो रहा है । यहां के कर्मचारी और अधिकारी की मिलीभगत से मरीजों को बुनियादी लाभ नहीं मिलता हैं । मरीजों की शिकायत पर सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी सिंह ने अस्पताल का कल मुआयना किया और चिकित्सा सेवा देख नाराजगी जताई और मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारीयों को फटकार लगाई और कड़ी कार्रवाई करने के संकेत भी दिए ।
अस्पताल के निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया कि बहुत जल्द यहां की व्यवस्था बदलेगी और काम में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को दण्डित किया जायेगा । कई साल से जमे हेल्थ मैनेजर के कार्यकलापों को लेकर भी उन्होंने गंभीरता से लिया है । मामले को जांच कराने के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता ने आर्थिक अपराध इकाई को पत्र लिखा है, पत्र में कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि हेल्थ मैनेजर की मिलीभगत से ही यहां सारे करनामे होते हैं इसलिए इनकी संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का न्याय के साथ विकास के सपनों को साकार किया जा सके । मुख्यमंत्री ने कई बार दोहराया है कि भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
आपातकालीन सेवा के नाम पर सिर्फ यह हाजरी बनती है व्यवस्था कुछ नहीं । गुरुगोविंद सिंह अस्पताल का आपातकालीन सेवा अस्त व्यस्त रहता है जबकि अस्पताल प्रबंधन इसके प्रति गंभीर नहीं । दो लेडी डॉक्टर से प्रसूति वार्ड को चलाया जा रहा है ।
सिविल सर्जन का अस्पताल का दौरा उन शिकायतों से जोड़कर भी देखा जा रहा है । कोरोना की जांच करने वाले लोगों द्वारा भी मरीजों को काफी परेशान किया जाता है जिससे इलाज में बाधा आती है । अस्पताल में x ray को सुबिधा तो है लेकिन दांतो के X-RAY के लिए मरीजों को दर -दर भटकना पड़ता है। गुरु गोविंद सिह अस्पताल में जेनरेटर , सफाई, पानी की व्यवस्था भी ठीक नहीं । गुरु गोविंद सिह अस्पताल का बाथरूम मल मूत्र और गंदगी से भरा रहता है और सफाई कर्मी मौज करते हैं ।