Vijay shankar
पटना। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में खरीफ विपणन मौसम, 2022-23 अंतर्गत धान/सीएमआर अधिप्राप्ति से संबंधित टास्क फोर्स की बैठक हुई। उनके द्वारा अनुमंडलवार एवं प्रखंडवार कुल क्रय, कुल क्रय का समतुल्य सीएमआर, कुल लॉट, सीएमआर आपूर्ति का लक्ष्य, अद्यतन सीएमआर आपूर्ति, सीएमआर गिराव एवं एसएफसी से प्राप्त राशि एवं अन्य बिन्दुओं पर समीक्षा की गई। दिनांक 15 फरवरी, 2023 तक कुल क्रय किए गए धान 2,15,946 मे.टन के विरूद्ध समतुल्य कुल सीएमआर 1,46,842.963 मे.टन (5,063.55 लॉट) है। समीक्षा में पाया गया कि एसएफसी को आपूर्ति किया गया सीएमआर 1,35,346.585 मे.टन (4,667 लॉट) है। सीएमआर गिराव का प्रतिशत 92.17 है। अवशेष सीएमआर 11,496.378 मे.टन (396 लॉट) (7.83 प्रतिशत) है। सरकार द्वारा सीएमआर अधिप्राप्ति के लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की गई है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निदेश दिया कि 31 अगस्त तक हर हाल में सीएमआर आपूर्ति के लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल कराना सुनिश्चित करें। जो भी पैक्स एवं मिलर इसमें शिथिलता बरतता है उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रतिवेदित मिलिंग क्षमता के विरूद्ध धीमी गति से मिलिंग करने वाले मिलों तथा स्वीकृत्यादेश निर्गत होने के निर्धारित समय के अंदर सीएमआर जमा नहीं कराए जाने पर पैक्सों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल नहीं करने वाले पैक्सों एवं मिलर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें काली सूची में डाला जाएगा। साथ ही अगले वर्ष से भी उन्हें काम से वंचित रखा जाएगा।
समीक्षा में पाया गया कि दो मिलर- जय माता दी फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड एवं एम/एस बजरंग राईस मिल द्वारा सीएमआर गिराव में काफी शिथिलता बरती गई है। लक्ष्य के विरूद्ध सीएमआर आपूर्ति में दोनों मिलर का अत्यंत खराब प्रदर्शन है। जय माता दी फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लक्ष्य 9,194.102 मे.टन के विरूद्ध केवल 6,725.541 मे.टन (73 प्रतिशत) सीएमआर जमा किया गया है। विगत नौ दिन में इनके द्वारा औसतन केवल 9.55 लॉट सीएमआर का गिराव किया गया है जो नगण्य है। एम/एस बजरंग राईस मिल द्वारा 13,177.339 मे.टन के लक्ष्य के विरूद्ध केवल 11,235.734 मे.टन (85 प्रतिशत) सीएमआर जमा किया गया है। विगत नौ दिन में इनके द्वारा औसतन केवल 7.51 लॉट सीएमआर का गिराव किया गया है जो न के बराबर है। इन दोनों मिलर के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध सीएमआर आपूर्ति में शीघ्र सुधार कर लिया जाएगा परन्तु इनके द्वारा ऐसा किया नहीं गया। अनुमंडल स्तर पर आयोजित बैठकों से भी ये लगातार अनुपस्थित रहते हैं। इस पर जिलाधिकारी द्वारा जिला सहकारिता पदाधिकारी को दोनों मिलर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दोनों मिलर को ब्लैक लिस्ट करने की भी कार्रवाई की जाएगी ताकि अगले वर्ष से धान अधिप्राप्ति कार्य से इनको अलग रखा जाए। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा सभी पैक्सों का भौतिक सत्यापन भी कराने का निदेश दिया गया। दंडाधिकारियों के नेतृत्व में टीम बनाकर पैक्सों के अवशेष धान का भौतिक सत्यापन कराने का निदेश दिया गया। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने पर पैक्स को दी गई अतिरिक्त राशि की वसूली की जाएगी।
अनुमंडलवार समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सीएमआर गिराव का प्रतिशत मसौढ़ी में 89.54 प्रतिशत, पालीगंज में 92.34 प्रतिशत, दानापुर अनुमंडल में 89.43 प्रतिशत, बाढ़ अनुमंडल में 97.03 प्रतिशत, पटना सदर अनुमंडल में 90.39 प्रतिशत तथा पटना सिटी अनुमंडल में शत-प्रतिशत है।
अधिकांश प्रखंडों में सीएमआर गिराव 95 प्रतिशत से अधिक हो गया है। कम उपलब्धि वाले प्रखंडों में भी तेज़ी से अधिप्राप्ति कार्य किया जाएगा। अनुमंडल पदाधिकारी इसे सुनिश्चित करेंगे।
पटना सदर अनुमंडल के फुलवारी शरीफ प्रखंड में सीएमआर गिराव का प्रतिशत 84.51, दानापुर अनुमंडल के बिहटा प्रखंड में यह 81.50 प्रतिशत, मसौढ़ी अनुमंडल के धनरूआ प्रखंड में 88.64 प्रतिशत, बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड में 89.96 प्रतिशत, मसौढ़ी अनुमंडल के पुनपुन प्रखंड में 91.26 प्रतिशत तथा मसौढ़ी प्रखंड में 89.6 प्रतिशत, पालीगंज अनुमंडल के दुल्हिनबाजार प्रखंड में 91.74 प्रतिशत, पालीगंज प्रखंड में 92.45 प्रतिशत तथा दानापुर अनुमंडल के मनेर प्रखंड में 86.25 प्रतिशत है।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा निदेश दिया गया कि जिन प्रखंडों द्वारा सीएमआर प्राप्ति की माहवार कार्ययोजना के अनुसार लक्ष्य के अनुरूप सीएमआर प्राप्त नहीं किया गया है वहाँ संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी सार्थक कदम उठायें।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, जिला सहकारिता पदाधिकारी तथा जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम को प्रतिवेदित मिलिंग क्षमता के विरूद्ध धीमी गति से मिलिंग करने वाले मिलों की जाँच करने तथा स्वीकृत्यादेश निर्गत होने के निर्धारित समय के अंदर सीएमआर जमा नहीं कराए जाने पर पैक्सों के अवशेष धान का भौतिक सत्यापन करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने अपर जिला दंडाधिकारी आपूर्ति सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, जिला सहकारिता पदाधिकारी तथा जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम को निदेश दिया कि लक्ष्य से पीछे रहने वाले प्रखंडों में मिलिंग की गति को तीव्र कराने के साथ दैनिक लक्ष्य के अनुसार प्रतिदिन सीएमआर की प्राप्ति का नियमित अनुश्रवण करें ताकि अवशेष सीएमआर पूर्व निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार ससमय प्राप्त किया जा सके।