लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा

Vijay shankar

पटना ,6 जुलाई ।जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा शनिवार को लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा की गयी। सभी लोक प्राधिकारों एवं अधिकारियों को आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने का निदेश दिया गया।

समीक्षा में पाया गया कि जिला में लोक शिकायत निवारण में विगत एक सप्ताह में 530 मामलों को निष्पादित किया गया है। विगत 30 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 521; विगत 45 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 358 तथा विगत 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या शून्य है। लंबित परिवादों की कुल संख्या 2,266 है।

लोक शिकायत निवारण के अपील मामलों के क्रियान्वयन की समीक्षा में पाया गया कि प्रथम अपील के लिए दायर 9,113 मामलों में 8,863 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 250 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। द्वितीय अपील के लिए दायर 3,210 मामलों में 3,138 मामलो को निष्पादित किया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 72 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। 83 मामलों में लोक प्राधिकार के विरुद्ध आर्थिक दण्ड लगाया गया है जिसमे 2,18,800 रूपये की राशि दण्ड स्वरूप अध्यारोपित है। 25 मामलों में अनुशासनिक कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई है।

सुनवाई से लोक प्राधिकारों की अनुपस्थिति का प्रतिशत 5.92 है। ज़िलाधिकारी ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। लोक शिकायतों की सुनवाई में लोक प्राधिकारों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित रहनी चाहिए। ज़िलाधिकारी ने सुनवाई से अनुपस्थित रहने वाले लोक प्राधिकारों का वेतन अगले आदेश तक स्थगित रखने तथा स्पष्टीकरण करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं रहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। लोक शिकायतों की सुनवाई से आदतन अनुपस्थित रहने वाले लोक प्राधिकारों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अन्तर्गत अतिक्रमण वाद के 489 मामले निष्पादन हेतु लंबित हैं।

बैठक में अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों की संयुक्त बैठक की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि 23 अंचलों में संयुक्त बैठक के कुल 9,494 कार्यवाही को अपलोड किया गया है।

आरटीपीएस में प्रगति की समीक्षा की गई। इसमें कुल एक्सपायर्ड मामलों की संख्या 66 है। जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप समय-सीमा के अंदर आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित करे। आम जनता को सेवा प्रदान करने में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 तथा बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए *सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध* रहें। योजनाओं के क्रियान्वयन में शिथिलता, अनियमितता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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