नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटना। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ कार्यक्रम में प्रगति की समीक्षा की गई। कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, पटना द्वारा प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि आहर-पईन के जीर्णोद्धार-पुनर्स्थापन की कुल 269 योजनाओं का लक्ष्य विभाग से प्राप्त है। इसमें से 182 योजनाओं का कार्य लघु सिंचाई विभाग द्वारा किया जाना है। 87 योजनाओं का कार्य अन्य विभागों द्वारा किया जा रहा है। समीक्षा में पाया गया कि लघु सिंचाई प्रमंडल द्वारा कुल 169 योजनाओं के लिए 90 डीपीआर तैयार किया गया है। शेष योजनाओं के लिए 08 डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य तथा मार्च 2025 तक की निर्धारित समय-सीमा में योजनाओं को पूरा करें।

ज़िलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में प्रगति की समीक्षा की गई।कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, पटना द्वारा बताया गया कि 1,947 नलकूपों के निर्माण हेतु आवेदन प्राप्त हुआ है। इसमें से मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में समिति द्वारा सर्वे किए गए नलकूपों की संख्या 823 है तथा माह फरवरी, 2024 तक किसानों द्वारा नलकूप निर्माण हेतु 1,124 आवेदन प्राप्त हुआ है अर्थात ओपेन आवेदनों की संख्या 1,124 है। समिति द्वारा सर्वे किए गए 823 नलकूपों में 408 मामलों में किसानों द्वारा कोई रुचि प्रदर्शित नहीं की जा रही है अर्थात् 408 कृषक बोरिंग कराने के इच्छुक नहीं हैं। ज़िलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता को जिला कृषि पदाधिकारी के माध्यम से किसानों को मोटिवेट करने के लिए अभियान चलाने का निदेश दिया।

मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के लिए अंचल स्तर पर दिनांक 18 से 28 जून तक आयोजित शिविरों में निर्गत एलपीसी एवं जाति प्रमाण-पत्र की समीक्षा की गई। कुल सर्वे स्थल की संख्या 823 तथा कुल सर्वे स्थल की शिविर के आयोजन की संख्या 416 है। कुल सर्वे स्थल का वैसे कृषक जो बोरिंग नहीं कराने के इच्छुक हैं, की संख्या 408 अदद है। समीक्षा में पाया गया कि कुल 416 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें consent yes की संख्या 123 है। शिविरों में अभी तक 59 एलपीसी तथा 19 जाति प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया है।

मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में समिति द्वारा सर्वे किए गए नलकूपों में तथा ओपेन आवेदनों में से कनीय अभियंता द्वारा सर्वे किए गए नलकूपों की संख्या क्रमशः 823 एवं 535 है। कनीय अभियंता द्वारा अपलोड किए गए आवेदनों में से 27 की जाँच सहायक अभियंता द्वारा की गई है। ओपेन आवेदनों में से 260 मामलों में सहायक अभियंता द्वारा स्थल जाँच की गई है। सहायक अभियंता द्वारा अपलोड किए गए आवेदनों में से 14 की जाँच कार्यपालक अभियंता ने की है। ओपेन आवेदनों में से 140 मामलों में कार्यपालक अभियंता द्वारा स्थल जाँच किया गया है। जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि कुल 152 नलकूपों को स्वीकृत किया गया है जिसमें समिति द्वारा सर्वे किए गए नलकूपों में स्वीकृत की संख्या 12 तथा ओपेन आवेदन में कुल स्वीकृत नलकूपों की संख्या 140 है। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि 08 अदद कृषक का आवेदन अस्वीकृत तथा 07 अदद कृषक का मामला अस्वीकृति के लिए लंबित है। 22 अदद कृषक का एलपीसी असत्यापित है। विभिन्न कारणों से कुछ आवेदनों का निष्पादन लंबित है। ज़िलाधिकारी ने नियमानुसार इन सब आवेदनों का निष्पादन करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी द्वारा प्रखंडवार समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पटना सदर, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, फतुहा, खुशरूपुर, अथमलगोला तथा घोसवरी में स्वीकृत नलकूपों की संख्या शून्य है। फुलवारीशरीफ, दानापुर तथा दनियावां में एक-एक नलकूपों, पंडारक में दो नलकूप, बिक्रम में चार नलकूप, दुल्हिनबाजार में पाँच नलकूप, पालीगंज, बेलछी, बिहटा तथा मोकामा में छः-छः नलकूप, बाढ़ में 09 नलकूप, बख्तियारपुर में 10 नलकूप, पुनपुन में 13 नलकूप, नौबतपुर में 14 नलकूप तथा धनरूआ में 68 नलकूपों की स्वीकृति की गई है। ज़िलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया कि जिला कृषि पदाधिकारी के माध्यम से किसानों को मोटिवेट करें। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य तथा दिसंबर 2024 की निर्धारित समय-सीमा तक कार्य को पूरा करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि हर खेत तक सिंचाई का पानी राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। सभी संबंधित अधिकारी विशेष अभिरूचि लेकर इसका सफल एवं ससमय क्रियान्वयन करें। उन्होंने उप विकास आयुक्त को योजना के क्रियान्वयन में प्रगति का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

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