डीएम ने की शिक्षा विभाग की ज़िला-स्तरीय समीक्षा बैठक, अद्यतन प्रगति का लिया जायजा

विद्यार्थियों, अभिभावकों तथा शिक्षकों से नियमित संवाद स्थापित करने एवं फीडबैक लेने का डीएम ने अधिकारियों को दिया निदेश

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में हर संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का डीएम ने दिया निदेश

गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहें: डीएम

विजय शंकर

पटना, 15 जुलाई। जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी संबंधित पदाधिकारी सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की ज़िला-स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार के गंभीर एवं सतत प्रयासों से विद्यालयों के शैक्षणिक वातावरण में आमूल-चूल सुधार आया है। उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया कि विद्यार्थियों, अभिभावकों तथा शिक्षकों से नियमित संवाद स्थापित करें। उनसे फीडबैक लें। सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु विशेष प्रयास करें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों का सफल संचालन तथा योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना सभी पदाधिकारियों का दायित्व है। शिक्षा विभाग के जिला में पदस्थापित सभी पदाधिकारी सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें। विद्यालयों के संचालन में गुणात्मक परिवर्तन लाएँ। विद्यालयों में साफ-सफाई, शौचालय एवं शुद्ध पेयजल की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि लेट-लतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कर्मियों एवं शिक्षकों के साथ-साथ सभी अधिकारी भी समय से कार्यालय आएँ तथा कर्तव्य पर मुस्तैद रहें। डीएम द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त की गई कि पीएम पोषण योजना अंतर्गत जिले में कार्यरत कुल 9,623 रसोइयों का मानदेय भुगतान नियमित तौर पर किया जा रहा है। शत-प्रतिशत 2,978 विद्यालयों में पीएम पोषण योजना का संचालन किया जा रहा है। विद्यालयों में लाईब्रेरी तथा लेबोरेट्री फंक्शनल है तथा विद्यार्थियों को खेल-कूद की सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। जिलाधिकारी द्वारा यूथ एवं इको क्लब तथा साईंस एवं मैथ्स क्लब के माध्यम से समसामयिक महत्व पर आधारित विभिन्न तरह की सृजनात्मक तथा वैज्ञानिक गतिविधियों का संचालन करने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी द्वारा एफएलएन (फाउंडेशनल लिटरेसी एण्ड न्यूमरेसी, कक्षा एक से पाँच) तथा एलईपी (लर्निंग इन्हैंसमेन्ट प्रोग्राम, कक्षा छः से बारह) किट के वितरण की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि कक्षा एक से पाँच तक केवल 80 प्रतिशत किट विद्यालयों द्वारा प्राप्त किया गया है। इसमें केवल 52 प्रतिशत किट का वितरण विद्यार्थियों के बीच किया गया है। कक्षा छः से आठ तक केवल 60 प्रतिशत किट विद्यालयों द्वारा प्राप्त किया गया है। इसमें केवल 75 प्रतिशत किट का वितरण विद्यार्थियों के बीच किया गया है। जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया कि निर्धारित मानकों तथा प्रावधानों के अनुसार किट का दो दिनों के अंदर विद्यार्थियों के बीच शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित कराएँ। साथ ही तीन दिनों के अंदर शत-प्रतिशत विद्यालयों द्वारा किट प्राप्त किया जाना सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। उन्होंने इस बारे में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से फीडबैक प्राप्त कर उपस्थापित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में डिजिटल लर्निग बोर्ड तथा ओपेन जिम की स्थापना के लिए तेजी से कार्य करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि जिला खनिज फाउण्डेशन की राशि से इन विद्यालयों में स्मार्ट इन्टरएक्टिव क्लासरूम हेतु डिजिटल लर्निंग बोर्ड की व्यवस्था की जाएगी। उच्च गुणवत्ता वाले बेंच एवं डेस्क की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही ओपेन जिम की स्थापना की जाएगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों का निदेशानुसार समय-समय पर जाँच कराया जाता है तथा बालिकाओं का हेल्थ चेक-अप भी कराया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को कस्तूरबा गाँधी विद्यालयों का नियमित निरीक्षण कराने तथा बालिकाओं से फीडबैक लेने का निदेश दिया। उन्होंने कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में गैप एनैलिसिस करने का निदेश दिया ताकि इन विद्यालयों में आवश्यकतानुसार सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा पूर्व की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। जिले के शैक्षिक परिदृश्य, नामांकन, शिक्षकों की संख्या, विद्यालयों का निरीक्षण, सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का संचालन, प्रधानमंत्री पोषण योजना के संचालन की स्थिति, खाद्यान्न उठाव, समग्र शिक्षा, शौचालय, छात्रवृत्ति, पोशाक, साईकिल, मेधावृत्ति योजना, मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम, समावेशी शिक्षा, शिक्षा का अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन, शिक्षक प्रशिक्षण, विद्यालयों में असैनिक कार्य सहित विभिन्न पहलुओं पर प्रगति की समीक्षा की।

जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना श्री संजय कुमार द्वारा जिला पदाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि पूरे जिले में पीएम पोषण योजना से आच्छादन हेतु विद्यालयों की संख्या 2,978 है। 2,973 विद्यालय पीएम पोषण योजना से आच्छादित थे। 05 विद्यालयों में विभिन्न कारणों से यह योजना संचालित नहीं की जा रही थी। जिलाधिकारी के निदेश पर इन कारणों यथा रसोईया, पानी, खाद्यान्न इत्यादि मामलों का हल करते हुए सभी 2,978 विद्यालयों में अब यह योजना संचालित की जा रही है। सभी विद्यालयों में एलपीजी कनेक्शन लिया गया है तथा विद्यालयों में भोजन एलपीजी पर ही बनाया जा रहा है। जिला में 9,623 रसोईया-सह-सहायक कार्यरत है। डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि रसोईयों का आगे भी ससमय मानदेय भुगतान सुनिश्चित किया जाए। कैलोरी, प्रोटीन एवं अन्य पोषक तत्व को मध्याह्न भोजन के माध्यम से बच्चों को उपलब्ध कराने हेतु निर्धारित मानकों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित की जाए। उन्होंने उप विकास आयुक्त को निदेश दिया कि पीएम पोषण योजना का प्राथमिकता के आधार पर सफलतापूर्वक संचालन सुनिश्चित कराया जाए। खाद्यान्न उठाव, पेयजल, रसोईया आदि किसी भी कारण से यह बाधित नहीं रहनी चाहिए।

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि टी.के. घोष अकेडमी तथा पटना हाई स्कूल में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों का विधिवत संचालन हो रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इन छात्रावासों में अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन छात्रावासों के संचालन का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया। बच्चों के बेहतर पठन-पाठन, स्वास्थ्य, सुरक्षा इत्यादि सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पाँसिबिलिटी तथा अन्य माध्यमों से भी कम्प्यूटर एवं अन्य अत्याधुनिक पाठ्य सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा विभिन्न असैनिक कार्य (समग्र शिक्षा) यथा अतिरिक्त वर्ग कक्षों का निर्माण, शौचालय का निर्माण तथा विद्यालय भवनों का निर्माण इत्यादि कार्य में प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने निदेश दिया कि 15 अगस्त, 2024 तक शौचालय निर्माण, विद्युतीकरण, पेयजल तथा शौचालय मरम्मति का शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लें। अतिरिक्त वर्गकक्ष के निर्माण हेतु विभाग से समन्वय कर कार्यों में तेजी लाएँ।

पटना जिले में वर्ग एक से बारह में कार्यरत सभी 22,553 शिक्षकों का प्रशिक्षण कराने का निदेश सरकार द्वारा दिया गया है। इसके आलोक में वर्ग एक से पाँच में 8,808 शिक्षकों का प्रशिक्षण एससीईआरटी द्वारा दिया जा चुका है। 15 जुलाई, 2024 से 20 जुलाई, 2024 तक 480 शिक्षकों का प्रशिक्षण हो रहा है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 369 प्रधानाध्यापकों का प्रशिक्षण हो चुका है। वर्ग नौ एवं दस के 180 विज्ञान शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया जा चुका है। जिलाधिकारी ने सरकार के निदेश के अनुरूप सभी शिक्षकों का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि सरकार के निदेश के आलोक में जिलान्तर्गत सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा/मूल्यांकन, 2024 का प्रगति पत्रक/परीक्षा फल बच्चों एवं अभिभावकों के मध्य पहली बार दीक्षांत समारोह का आयोजन कर समारोहपूर्वक साझा किया गया। इस आयोजन में 3,350 विद्यालयों में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि दिव्यांग बच्चों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने एवं उनके कौशल विकास हेतु पटना जिला में कुल 12 संसाधन केन्द्र विभिन्न प्रखंडों में स्थापित है। इन केन्द्रों पर सभी कोटि के दिव्यंगता से प्रभावित बच्चों को फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, श्रवण क्षमता का आकलन, ब्रेल प्रशिक्षण, व्यवहार प्रबंधन, अभिभावक प्रशिक्षण, विशेष शैक्षणिक स्पोर्ट, दैनिक जीवन कौशल के प्रशिक्षण के साथ-साथ श्रवण यंत्र, बैशाखी, व्हीलचेयर, ब्रेल उपकरण एवं अन्य सहायक उपकरण प्रदान की जाती है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसका नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री बालक/बालिका (माध्यमिक) प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना तथा मुख्यमंत्री मेधावृत्ति योजना (माध्यमिक प्लस टू) योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने इसके अंतर्गत शेष आवेदनों का प्रावधानों के अनुरूप शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया।

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