विजय शंकर

पटना। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज स्वास्थ्य विभाग की जिला-स्तरीय समीक्षात्मक बैठक की गयी। इसमें उन्होंने मुख्य मानकों पर जिला की प्रगति का जायजा लिया। समीक्षा में पाया गया कि मई, 2023 की तुलना में जून, 2023 में हरएक इंडिकेटर में प्रगति हुई है। एएनसी के लिए निबंधित गर्भवती महिलाओं की संख्या में लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि 106 प्रतिशत से बढ़कर 113 प्रतिशत हो गयी है।

कुल निबंधित एएनसी में प्रथम तिमाही में निबंधन की संख्या 87 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत तथा चार या अधिक एएनसी प्राप्त गर्भवती महिलाओं की संख्या 81 प्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत हो गयी है। सी-सेक्शन सहित संस्थागत प्रसव की संख्या में उपलब्धि मई में 58 प्रतिशत थी जो जून में 59 प्रतिशत हो गई है। 180 आयरन फोलिक एसिड फुल कोर्स प्राप्त गर्भवती महिलाओं की संख्या में उपलब्धि 99 प्रतिशत से बढ़कर 104 प्रतिशत हो गई है जबकि 360 कैल्सियम टैबलेट फुल कोर्स प्राप्त गर्भवती महिलाओं की संख्या में उपलब्धि 98 प्रतिशत से बढ़कर 104 प्रतिशत हो गई है। ओपीडी में उपलब्धि 57 प्रतिशत से बढ़कर 59 प्रतिशत जबकि एचबीएनसी में प्रगति 67 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत हुई है। जिलाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित मुख्य इंडिकेटर्स में प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि जिन प्रखंडों में प्रगति अच्छी नहीं हैं वहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वयं जाकर समीक्षा करें तथा निर्धारित मानकों के अनुसार प्रगति लाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव में सुधार के लिए विशेष प्रयास करें। चार एएनसी बनाम प्रसव के आँकडों में कोई मिसमैच (विसंगति) नहीं रहनी चाहिए।

समीक्षा में पाया गया कि ई-संजीवनी टेलीकन्सल्टेशन में पंजीकृत हब परामर्श में पंडारक में डॉ. ब्रजमोहन सिंह, नौबतपुर में डॉ. वजिर आलम, घोसवरी में डॉ. रानी कुमारी, गुरू गोविंद सिंह सदर अस्पताल में डॉ. अर्जुन राम तथा दानापुर में डॉ. रमण किशोर की शून्य उपलब्धि हैं। मई एवं जून दोनों माह में इनके द्वारा टेलीमेडिसिन में कोई कार्य नहीं किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यह खेदजनक है। इतने महत्वपूर्ण कार्य में शून्य उपलब्धि बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। उन्होंने पाँचों डॉ. का वेतन/मानदेय बंद करते हुए उनसे स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना जिला को जनवरी से जून, 2023 की अवधि में सबसे अधिक टेलीकन्सल्टेशन करने के लिए राज्य में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ था। फिर भी सभी चिकित्सकों को लगातार प्रयत्नशील रहना पडेगा। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी टेलीकन्सल्टेशन में प्रगति लाने के लिए प्रयासरत रहें।

डीएम डॉ. सिंह ने जननी बाल सुरक्षा योजना (जेबीएसवाई) में प्रगति की समीक्षा की। इसमें पाया गया कि बैकलॉग 16,939 से घटकर 9,857 हो गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अच्छी प्रगति है। उन्होंने सम्पूर्ण बैकलॉग शीघ्र शून्य करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रसव के विरूद्ध जेबीएसवाई के अन्तर्गत डेली बेसिस पर भुगतान करें तथा इसे शत-प्रतिशत अद्यतन रखें। साथ ही पुराने बैकलॉग को भी शीघ्र खत्म करें। समीक्षा में यह भी पाया गया कि अनुमंडल अस्पताल, दानापुर तथा गुरूगोविंद सिंह सदर अस्पताल में बहुत अधिक बैकलॉग है। अनुमंडल अस्पताल, दानापुर में यह 1,504 तथा गुरूगोविंद सिंह सदर अस्पताल में 1,389 है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा इतनी बड़ी संख्या में जननी बाल सुरक्षा योजना में भुगतान लंबित रहने पर खेद व्यक्त करते हुए उप विकास आयुक्त, पटना को दोनों स्वास्थ्य संस्थानों में जेबीएसवाई की जाँच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने सभी प्रभारी चिकित्सको को अपने-अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का मानकों के अनुसार संचालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर से भी शनिवार को जाँच दलों के द्वारा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की जाँच करायी जाएगी। उप विकास आयुक्त इसका अनुश्रवण करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा में लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि हासिल करने के लिए सभी एमओआईसी को विशेष प्रयास करने का निदेश दिया। उन्होंने डेंगू एवं चिकनगूनिया पर नियंत्रण के लिए गाँव-गाँव में जागरूकता अभियान चलाने तथा संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित करने का निदेश दिया। साथ ही उन्होंने पर्याप्त संख्या में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

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