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पारितोषिक शब्द को मासिक मानदेय घोषित करने,1000 रु को बढ़ाकर 10 हजार रु प्रतिमाह करने ,
कोरोना कार्यों के लिए सभी आशा व फैसिलिटेटर को 10 हजार रु कोरोना भत्ता भुगतान करने सहित 6 सूत्री मांग

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटना । बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष शशि यादव व आशा संघर्ष समिति नेता विश्वनाथ सिंह ने आशा सँयुक्त संघर्ष मंच के आह्वान पर आगामी 17 फरवरी से राज्य में आशाकर्मियो के अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा किया है।

नेताओं ने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल आशाओं की जान जोखिम में डाल जमकर काम लेना ,मेहनताना -बकाया व समझौता को लागू करने में टालमटोल व आनाकानी करना तथा आशाओं की डबल इंजन सरकार द्वारा डबल उपेक्षा जारी रखे जाने के दस्तूर के खिलाफ होगा।

आशा नेत्री शशि यादव व विश्वनाथ सिंह ने बताया कि आशाओं की 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल मासिक पारितोषिक शब्द को मासिक मानदेय घोषित करने,1000 राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपया प्रतिमाह करने , 2019 के वित्तिय वर्ष से मासिक 1000 रु पारितोषिक का बकाया का भुगतान जल्द से जल्द करने ,कोरोना कार्यों के लिए सभी आशा व फैसिलिटेटर को 10 हजार रुपया कोरोना भत्ता भुगतान करने सहित 6 सूत्री मांगों पर होगा, साथ ही
2019 में संपन्न समझौता की मांगों में से 10 मांगे जिसे अबतक लागू नही किया गया उसे लागू करने की मांग भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।
नेताओं ने डबल इंजन की तथाकथित डबल विकास की नीतीश- भाजपा सरकार को डबल झांसे की सरकार बताते हुए आरोप लगाया कि यह सरकारी आशाओं को बेगार के रूप में खटाना चाहती है और इनके परिश्रम का श्रेय बिहार सरकार ले रही है। जुलाई से 400 रु प्रति माह कोरोना कार्य का मेहनताना दिया जा रहा हैं जबकि बाकी समय के कोरोना कार्य का एक भी पैसा आशाओं को भुगतान नहीं किया गया है। बेगार के तौर पर कोरोना काम जान जोखिम में डाल कर आशा अब नहीं करेंगी।

आशा नेत्री शशि यादव ने कहा कि नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा आशा से काम जमकर लेना ,मेहनताना देने में टालमटोल व आनाकानी करना और आशाओं की घोर उपेक्षा करना नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि बकाया व अन्य भुगतान तथा 2019 में संपन्न समझौता के तहत 10 मांगों को लागू करने के मामले में सरकार का रवैया टालू है,जो आशाओं के लिए अपमान का मुद्दा है।

नेताओ ने बताया कि मांगों पर वार्ता के लिए 5 जनवरी को सरकार को मांग पत्र सौंपा गया है लेकिन मांगों पर अबतक कोई सकारात्मक जवाब सरकार की ओर से नहीं मिलने के कारण आशा संयुक्त संघर्ष मंच की बैठक से 17 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल का निर्णय लिया गया। हड़ताल के दरम्यान 23-24 फरवरी को जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन करने की भी घोषणा आशा नेताओं ने किया।
बैठक में रामबली प्रसाद, शशि यादव, विश्वनाथ सिंह, अमित मिश्रा आदि आशा नेता शामिल थे।

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