अब बिहार के हर जिले में बनेंगे श्रीराधा बांके बिहारी के छोटे मंदिर:व्रजेन्द्र नंदन दास
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : बिहार की राजधानी पटना के बुद्धमार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर मंगलवार से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया । अक्षय तृतीया पर श्रीराधा बांके बिहारी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्तियां स्थापित की गईं । मंदिर के गर्भ गृह में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ । दो एकड़ क्षेत्र में फैले मंदिर की ऊंचाई 108 फीट की है। इसके गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोग बांके-बिहारी सहित अन्य विग्रहों (मूर्तियों) का दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
इसके पहले गर्भ गृह में सुबह आठ बजे से कीर्तन शुरू हुई। सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच यज्ञ का आयोजन किया गया। दोपहर 12 बजे से दो बजे के बीच प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ। मंदिर में राधे-बांके बिहारी, ललिता व विशाखा के साथ, राम दरबार में राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के विग्रह (मूर्ति) स्थापित किए गए और गौड़नीता दरबार में चैतन्य महाप्रभु और नित्यानंद महाप्रभु के विग्रह स्थापित किये गए हैं। मंदिर पुराना है मगर अब उसका नया रूप लोगों को दिखेगा । मंदिर के वास्तुकार पीयूष वी सोमपुरा ने मंदिर को दुर्लभ रूप दिया हैं । मथुरा और गुजरात के बाद पटना देश का तीसरा मंदिर होगा, जिसमें 84 खंभा पुरातन तकनीक का प्रयोग किया गया है।
इस्कॉन नेशनल कम्युनिकेशन के अध्यक्ष सह इस्कॉन नई दिल्ली के उपाध्यक्ष व्रजेन्द्र नंदन दास ने कहा कि गांवों के लिए संगठन का ग्रामीण मंत्रालय और राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के लिए संगठन का जनजातीय मंत्रालय काम करेगा । बिहार में इस्कॉन के प्रचार-प्रसार की व्यापक संभावना है । पटना में इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन के बाद इस्कॉन का अगला लक्ष्य बिहार के प्रत्येक जिले में इस्कॉन के छोटे मंदिरों की स्थापना करना है । उन्होंने कहा कि इस्कॉन जीवन जीने का नजरिया देता है । गीता के संदेशों को आम आदमी कैसे डिकोड करें, कैसे अपने जीवन में लागू करे, यह सिखाता है । लोगों को भगवद्गीता पढ़ना चाहिए। आज इस्कॉन से बड़ी संख्या में छात्र और गृहस्थ जुड़ रहे हैं ।