बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने भी राज्य के त्वरित औद्योगिक आर्थिक विकस के लिए सरकार को दिए सुझाव
विजय शंकर
पटना । वित्त मंत्री जी की अध्यक्षता में आज 21-01-2025 को वित्तीय वर्ष 2025&26 के लिए राज्य सरकार के निर्धारित होने वाले वार्षिक बजट के लिए बजट पूर्व विचार विमर्श में विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्य संघों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन भी भाग लिया तथा राज्य के त्वरित औद्योगिक आर्थिक विकस के लिए अपने सुझाव रखे। बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा अपने सुझाव में यह रखा गया कि आज बिहार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौति विकास के पैमाने पर कायम क्षेत्रिय असंतुलन है। बिहार में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय लगभग 60]000 रुपया है जबकि राष्ट्रीय औसत 1]84]000 रुपया है। अर्थात हम राष्ट्रीय औसत के एक तिहाई है। इस बड़े अन्तर को अगले दस वर्षों में कैसे समाप्त किया जाय] इस चिन्तन पर हमें काम करना होगा, अपने नीतियों एवं कार्यक्रमों का निर्धारण इसके अनुरूप ही करना होगा। बैकों का राज्य में साख जमा अनुपात लगभग 54 है जबकि राष्ट्रीय औसत 76 है। इस बड़े अन्तर को अगले 5-7 वर्षों में कैसे खत्म किया जाय इस चिन्तन के साथ बजट का निर्धारण किए जाने की आवश्यकता है।
बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन का मानना है कि राज्य में स्थायी विकास तथा रोजगार के अवसर उद्योगों के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। तुलनात्मक रूप से देखा जाय तो अन्य विभागों के तुलना में राज्य में उद्योग विभाग का बजट काफी कम रखा जाता है। बीआईए उद्योग विभाग के बजट को बढ़ाने का सुझाव रखा है।
नये निवेश आकर्षित करने के लिए उद्योग विभाग द्वारा सफल प्रयास किए जा रहे हैं जिसके सुखद परिणाम भी आ रहे हैं। एसोसिएशन का मानना है कि नये निवेश के साथ कार्यरत इकाईयों को भी विकास के अगले पायदान पर ले जाने हेतु सरकार अपना सहयोग उपलब्ध कराये।
पुनः एसोसिएशन का मानना है कि बीमार/रुग्ण इकाईयों का पुनर्वास औद्योगिकरण प्रक्रिया को गति देने का सर्वमान्य सूत्र है। रूग्न इकाईयों के पुनर्वास के लिए व्यवहारिक कार्यक्रम निर्धारित कर उसे लागू किया जाने की आवश्यकता का सुझाव एसोसिएशन द्वारा रखा गया।
राज्य के त्वरित औद्योगिक विकास और भविष्य की औद्योगिक मांग को ध्यान में रखते हुए आवश्यक है कि राज्य में 3&4 इंडस्ट्रीयल टाउनशीप स्थापित किया जाय। इंडस्ट्रीयल टाउनशीप के लिए वैसे जगह चिन्हित किया जाय जहाँ उद्योग से जुड़ी आधारभूत संरचना जैसे राष्ट्रीय उच्च पथ] हबाई अड्डा से निकटता रेलवे साइडिंग की सुविधा] जल जमाव की समस्या नहीं हो। कैमूर] ठाकुरगंज] पूर्णिया] बेगूसराय] सोनपुर] हाजीपुर ऐसी संभावित जगह है जहाँ इंडस्ट्रीयल टाउनशीप के लिए प्रोजेक्ट बनाया जा सकता है।
सरकार राज्य के औद्योगिक विकास के लिए प्रयासरत है। लेकिन अभी तक राज्य में उद्योगों के लिए भूमि का वर्गीकरण नहीं है। जिसके कारण उद्योगों को अनेक तरह की व्यवहारिक कठिनाइयों का स्थापना काल में ही समना करना पड़ता है। इसके लिए आवश्यक है कि राज्य में उद्योगों के लिए अलग से भूमि का वर्गीकरण हो तथा औद्योगिक भूमि का अलग दर निर्धारित हो।
अपने अन्य सुझाव में बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा &&
1- वर्तमान औद्योगिक इकाईयों को अपने वर्तमान उत्पादन स्तर से अगले उत्पादन स्तर पर उन्नयन होने में सरकार का सहयोग एवं प्रोत्साहन ।
2- उद्योगों को अपना ब्राण्ड विकसित तथा स्थापित करने हेतु योजना का निर्धारण ।
3- औद्योगिक इकाईयों को ईंधन के रूप में PNG का उपयोग करने के निर्देश के कारण उत्पन्न हो रही व्यवहारिक कठिनाई के मद्देनजर औद्योगिक इकाईयों को हैंडहोल्डिंग सपोर्ट तथा एक राज्य, एक दर व्यवस्था लागू कराने के लिए सरकार का हस्तक्षेप ।
4- रुग्ण उद्योगों के पुनर्वास ।
5- फार्मास्यूटिकल प्रक्षेत्र में निवेश आकर्षित करने तथा उद्योग स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए एक नीति बनाने की आवश्यकता है।
6- निजी औद्योगिक क्षेत्र स्थापना के लिए अलग नीति बनाये जाने की आवश्यकता।
इस बजट पूर्व विचार विमर्श बैठक में बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष श्री के-पी-एस- केशरी] उपाध्यक्ष श्री प्रेम नारायण प्रसाद] कोषाध्यक्ष श्री अरविन्द कुमार] टूरिज्म कमिटि के श्री सुनिल कुमार सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष श्री संजय गोयेनका ने भाग लिया।