सुभाष निगम

नई दिल्ली ।  करीब साल भर पहले सीएए विरोधी प्रदर्शन और हंगामे को लेकर चर्चित रहा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मंगलवार को अपना शताब्दी समारोह मना रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस समारोह में मौजूदगी काफी चर्चा में है ।  22 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी यानी एएमयू के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे ।  पिछले पांच दशक के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री एएमयू के किसी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे । इससे पहले साल 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह को यादगार बनाने के लिए एक विशेष डाक टिकट भी जारी करेंगे । एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने बताया कि प्रधानमंत्री से शताब्दी समारोह में शामिल होने की स्वीकृति मिलने से यूनिवर्सिटी परिवार कृतज्ञ है । उन्होंने बताया, “इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी ऑनलाइन शिरकत करेंगे । प्रधानमंत्री की उपस्थिति से देश और दुनिया में फैले एएमयू समुदाय को एक महत्वपूर्ण संदेश मिलेगा”।

एएमयू के गौरवशाली इतिहास से देश-दुनिया के तमाम लोगों का नाम जुड़ा है जो हर क्षेत्र से संबंध रखते हैं ।  पूर्व क्रिकेटर लाला अमरनाथ, कैफी आजमी, राही मासूम रजा, मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के साथ ही फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भी एएमयू से पढ़ाई की ।  इसके अलावा प्रोफेसर इरफान हबीब, उर्दू कवि असरारुल हक मजाज, शकील बदायूनी, प्रोफेसर शहरयार ने इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की है ।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाता उसके गौरवशाली इतिहास के साथ-साथ विवादों से भी रहा है ।  कभी विश्वविद्यालय का नाम बदलने की कोशिश तो कभी कथित तौर पर नागरिकता कानून के विरोध को लेकर यह विश्वविद्यालय हाल के दिनों में भी काफी चर्चा में रहा । दो साल पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगे होने पर काफी विवाद छिड़ गया था ।  स्थिति यह हो गई कि वैचारिक विवाद हिंसक संघर्ष तक पहुंच गया और कई लोगों को चोटें तक आईं. बाद में किसी तरह से यह विवाद शांत हुआ ।

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