नव राष्ट्र मीडिया न्यूज
 पटना।श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मनुष्य जीवन को सार्थक बनाती है। जन्म तो हर प्राणी एवं मनुष्य लेता है लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। यह प्रवचन सोमवार को पूर्व डीजीपी और कथावाचक श्री गुप्तेश्वर पांडेय जी महाराज ने पटना के मीठापुर पुराने बस स्टैंड परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह और ५१ कुंडीय महायज्ञ के उद्घाटन दिन कही। सेवा से संन्यास लेने के बाद श्री पांडे श्री भागवत कथा वाचक बन गए हैं और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कई शहरों में उनके प्रवचन कार्यक्रम भी आयोजित हुए हैं। पटना में सेवानिवृत्ति के बाद उनका यह पहला प्रवचन कार्यक्रम है । जिसको सुनने के लिए पहले दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। उन्होंने कहा के मनुष्य जीवन नश्वर ।है सभी को एक दिन दुनिया छोड़कर जाना होता है। लेकिन सच्चा मनुष्य वही होता है जो भगवान प्रदत इस शरीर में रहकर ईश्वर आराधना करता हुआ ईश्वर को प्राप्त करता है। भगवान श्री कृष्ण को प्राप्त करने का हर एक उपाय मनुष्य को करना चाहिए। श्रीकृष्ण का जन्म मनुष्य जीवन के उद्धार के लिए हुआ है। कंस ने उनके जन्म लेने को रोकने के लिए अथक प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो पाया। अंत मेंं अपने पापों का घड़ा भरने पर श्रीकृष्ण के हाथों मरकर मोक्ष की प्राप्ति की। उन्होंने बताया मनुष्य जीवन सबसे उत्तम माना जाता है। इसी योनी में भगवान भी जन्म लेना चाहते हैं। जिससे वे अपने आराध्य ईश्वर की भक्ति कर सके। श्रीकृष्ण ने भागवत गीता के माध्यम से बुराई व सदाचार के बीच अंतर बताया। ईश्वर को धन दौलत व यज्ञों से कोई सरोकार नहीं है। वह तो केवल स्वच्छ मन से की गई आराधना के अधीन होता है। कहा कि ईश्वर जात, पात व धर्म नहीं जानते। वह तो भक्ति मात्र के प्रेम को जानते हैं। महाराज ने प्रवचन के दौरान हर प्रकार के युगों से श्रद्धालुओं को अवगत कराया। समय-समय पर भगवान को भी अपने भक्त की भक्ति के आगे झुककर सहायता के लिए आना पड़ा है। मित्रता, सदाचार, गुण, अवगुण, द्वेष सभी प्रकार के भावों को व्यक्त किया है। जब तक हम किसी चीज के महत्व को नहीं जानते तब तक उसके प्रति मन में श्रद्धा नहीं जगती। कहा कि जब तक भक्तों का मन पवित्र नहीं होगा तब तक भागवत कथा श्रवण का लाभ नहीं मिल सकता। मौके पर मुख्य आयोजक समाजसेवी अरुण कुमार , सुनील यादव और गौरव प्रकाश पटेल आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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