मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल के दौरान बिहार में किसानों की दशा और कृषि की तस्वीर बदलने का काम

विजय शंकर

पटना 01 दिसम्बर । जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 निहोरा प्रसाद यादव ने मीडिया में जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल के दौरान बिहार में किसानों की दशा और कृषि की तस्वीर बदलने का काम किया है। आरजेडी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिसने अपने 15 सालों के शासनकाल में कृषि के लिए कुछ नहीं किया वो आज  किस मुंह से कृषि के क्षेत्र में 19 सालों के कामों का हिसाब मांग रहा है?

उन्होंने कहा कि दरअसल आरजेडी का 15 सालों का शासनकाल बिहार को कृषि उत्पादन, सिंचाई के क्षेत्र में और किसानों की सुरक्षा में काफी पीछे ले गया। जहां किसानों ने भय के चलते खेती करनी छोड़ी दी थी वहीं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए कई निर्णय लिए गए। चार कृषि रोड मैप लाए गए जिसके तहत चाहे चावल हो, गेहूं हो, मक्का हो सभी फसलों की फसल उत्पादकता बढ़ी।

किसानों को उत्पादन में आर्थिक बोझ ना पड़े इसके लिए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी गई, सिंचाई के लिए डीजल पर अनुदान दिया गया, बिजली का कनेक्शन दिया गया, घरों तक बीज पहुंचाया गए जिसके परिणामस्वरुप करीब भागलपुरी जर्दालु आम, मुजफ्फरपुर की शाही लीची, कतरनी चावल, मगही पान, मिथिला मखाना, मर्चा चावल जैसे कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिला। साथ ही चार बार ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ से बिहार को नवाजा गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि फिर भी राजद के लोग माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के 19 वर्षों के कार्यकाल में कृषि पर किए गए कार्यों को नहीं जान पाए।

उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि में नई खोजों को ध्यान में रखकर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने साल 2010 में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय की स्थापना की, खेतों की मिट्टी जांच की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि आज माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार में बिहार के किसानों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है फिर भी आरजेडी को ये बातें समझ में नहीं आ रही है।

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