अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग दीपक कुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में दी जानकारी

विजय शंकर

पटना, 30 दिसम्बर । राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है। आम लोगों / रैयतों/किसानों का काम बिना किसी परेशानी के हो जाए और उन्हें राजस्व कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए विभाग पूरी व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए प्रयासरत है। विभाग द्वारा रैयतों को दी जा रही हर सुविधा की समय सीमा निर्धारित है। विभाग की कोशिश है कि तय समय सीमा के भीतर उन्हें सभी सेवाएं प्राप्त हों।

आम जनता के हित के लिए विभाग द्वारा रोजगार सृजन के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण

कदम उठाए गए, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं:-

• भूमि विवादों को खत्म करने के लिए भूमि सर्वेक्षण सरकार की प्राथमिकता में है। बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण के कार्य हेतु 9,888 कर्मियों का चयन किया गया, जिन्हें 3 जुलाई 2024 को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा नियोजन पत्र प्रदान किया गया। चयनित कर्मियों में विशेष सर्वेक्षण अमीन-8,035, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो-458, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी- 353 और विशेष सर्वेक्षण लिपिक-742 हैं। पूर्व से कार्यरत सर्वे कर्मियों को मिला दिया जाए, तो इनकी संख्या लगभग 14 हजार है।

• भूमि सर्वेक्षण में कैथी लिपि में लिखे पुराने खतियानों के कारण आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल द्वारा 5 दिसंबर 2024 को कैथी लिपि पाठ्यपुस्तिका का विमोचन किया गया। यह पुस्तिका विभाग की वेबसाइट https://land.bihar.gov.in पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

• पुराने राजस्व दस्तावेजों तथा खतियानों को हिंदी भाषा में आसानी से रूपांतरित करने के लिए विभाग द्वारा AI Tool/Large Language Model विकसित करने हेतु एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित किया गया है।

राजस्व नक्शों तथा अन्य विभागीय ऑनलाइन सुविधाएं जनता तक सुचारु रूप से पहुंचे, इसके लिए सोनपुर मेला, पटना पुस्तक मेला और सरस मेला में विभाग द्वारा स्टॉल लगाये गये, इसको लेकर जनता की प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही। आमजनों की मांग पर इन स्टालों में कैथी लिपि पाठ्यपुस्तिका प्रिंट कराकर मामूली शुल्क पर उपलब्ध कराई गई।

➤ दिनांक 19.11.2024 से 14.12.2024 तक चले सोनपुर मेले में कुल 5396 रैयत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्टॉल पर राजस्व नक्शों के लिए पहुंचे। उनके द्वारा कुल 12681 नक्शों की खरीद की गई जिससे निदेशालय को कुल 19,02,150.00 रुपयों की प्राप्ति हुई।

> गांधी मैदान में लगे पुस्तक मेले में कुल 1369 लोगों द्वारा 3947 नक्शों की खरीद की गई। > गांधी मैदान में लगे सरस मेला के दौरान कुल 3018 लोगों ने काउंटर पर आकर 8505 शीट्स यानि नक्शों की खरीद की और भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय को 12,75,750.00 रुपयों का

• हाल ही में सरकार द्वारा आमलोगों के हित में बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण हेतु कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए।
इसके साथ ही बिहार के सभी 38 जिलों के 534 अंचलों में भूमि सर्वेक्षण का काम तेजी से जारी है। भूमि सर्वेक्षण से ही भूमि संबंधी सारे दस्तावेज अद्यतन होंगे और जमीन को लेकर हो रहे लड़ाई-झगड़ों पर रोक लग पाएगी।

राजस्व अभिलेखों का स्कैनिंग एवं डिजिटाईजेशन

जिला अभिलेखागार में संधारित कैडेस्ट्रल सर्वे खतियान, रिविजनल सर्वे खतियान, चकबंदी खतियान तथा अंचल कर्यालयों में जमाबंदी पंजी, दाखिल खारिज पंजी इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण अभिलेखों के संरक्षण तथा डिजिटल लाईब्रेरी तैयार करने के उद्देश्य से स्कैनिंग एवं डिजिटाईजेशन कार्यक्रम वर्ष, 2022 में प्रारंभ किया गया।

विभाग द्वारा, डिजिटल इंडिया के तहत प्रायोजित National Lar cord Modernisation Programme (NLRMP) योजना अंतर्गत भू-अभिलेखों का 2/6 डिजिटाइजेशन का कार्य भी संचालित है।

राजस्व से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेखों के स्कैनिंग एवं डिजिटाईजशन का कार्य बाह्यस्त्रोत एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 23.00 करोड़ अभिलेखों / पृष्ठों का स्कैनिंग कार्य कराया गया है तथा लगभग 15.00 करोड़ अभिलेखों / पृष्ठों को www.bhuabhilekh.bihar.gov.in पर प्रकाशित किया जा चुका है।

भू-अभिलेख पोर्टल पर संधारित अभिलेखों की सत्यापित छाया प्रति प्राप्त करने हेतु अब तक 1,42,723 आवेदन प्राप्त हुये हैं। जिनमें से 1,42,555 आवेदको को भू-अभिलेखों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करायी जा चुकी है।

इस योजना के क्रियान्वयन से राज्य के नागरिकों को राजस्व से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेखों की आपूर्ति सुनिश्चित हो चुकी है। साथ ही इन अभिलेखों को दीर्घकालिक रूप से संरक्षित किया जा रहा है। अभिलेखों के स्कैनिंग एवं डिजिटाईजेशन कार्य होने से इन अभिलेखों के क्षतिग्रस्त होने तथा अभिलेखों के साथ छेड़-छाड़ की समस्या का भी निदान हो सका है। इस प्रकार यह योजना राज्य के नागरिकों के हित में काफी लाभकारी साबित हो रही है।

राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली (RCMS)

आर०सी०एम०एस० के तहत राजस्व न्यायालयों की सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है। इसका मकसद ऑफलाइन मुकदमों को शून्य किया जाना है। अंचलाधिकारी से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त तक सभी राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया अनिवार्य रूप से ऑनलाइन माध्यम से निष्पादित की जा रही है।
राजस्व नक्शों की डोरस्टेप डिलीवरी सेवा

विभाग द्वारा निर्धारित दर पर राजस्व नक्शों की डोरस्टेप डिलीवरी सुविधा प्रदान की जा रही है।

www.dlrs.bihar.gov.inपर जाकर कोई भी इच्छुक व्यक्ति अपने गांव का नक्शा प्राप्त कर सकता है। अभी तक प्राप्त 28276 ऑर्डर पर 59500 शीट की डोरस्टेप डिलीवरी की गई है। इससे विभाग को कुल 1,32,75,056 रुपयों की आय हुई है।

SMS अलर्ट सेवा

राज्य के सभी 4.34 करोड़ जमाबंदियों में किसी भी तरह के बदलाव / नामांतरण से संबन्धित सूचना SMSअलर्ट सेवा के तहत दी जा रही है।

आम रैयतों को इस सेवा का लाभ उठाने के लिए सर्वप्रथम संबन्धित जमाबंदी के प्लॉट पर बदलाव / नामांतरण से संबन्धित सूचना प्राप्त करने हेतु पंजीकृत करना होगा। वर्तमान में इस सेवा के तहत दाखिल-खारिज तथा परिमार्जन के माध्यम से किए गए बदलाव / नामांतरण की प्रक्रिया प्रारम्भ होने तथा प्रक्रिया पूर्ण होने से संबन्धित सूचना पंजीकृत रैयत को दी जाएगी। भविष्य में इस सेवा के तहत एलपीसी, लगान, राजस्व न्यायालय में दायर वाद से संबन्धित सूचना भी दी जाएगी।

1. अभियान बसेरा-2: वर्तमान में विभाग द्वारा अभियान बसेरा-2 कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। अभियान बसेरा-2 के अंतर्गत अभियान बसेरा 1 से छूटे हुए तथा नए गृह विहीन सक्षम श्रेणी के परिवारों का ताजा सर्वे के आधार पर भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल तक वास की भूमि उपलब्ध कराई जाती है। भूमि यथासंभव भूमिहीन लोगों के गांव में या फिर उसके बिल्कुल पास के गांव में दी जाती है। विभाग द्वारा भूमिहीन लोगों को समूह में बसाया जाता है तथा सड़क, बिजली, पानी जैसी सामूहिक सुविधाओं का इंतजाम सरकार की तरफ से किया जाता है।

• इस कार्यक्रम के तहत अब तक कुल 1,20,722 वासभूमिहीन परिवारों का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिनमें से अब तक कुल 30,722 वास भूमिहीन परिवारों को वासभूमि उपलब्ध करा दी गई है। शेष सर्वेक्षित परिवारों को वासभूमि उपलब्ध / आवंटित कराने की कार्रवाई की जा रही है।

2. ऑनलाइन दाखिल खारिज (Mutation) किसी व्यक्ति का किसी होल्डिंग अथवा उसके भाग में अधिकार के अंतरण के फलस्वरूप, जमाबंदी पंजियों में किया जाने वाला परिवर्तन “दाखिल-खारिज” कहलाता है।

• बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम, 2011 (बिहार अधिनियम, 23, 2011-समय समय पर यथासंशोधित) की धारा-22 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा बिहार भूमि दाखिल खारिज नियामावली, 2012 (यथा संशोधित, 2017) है।

• बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम की नियमावली के अंतर्गत सृजित जमाबंदी को डिजिटाईज्ड कर आम लोगों के अवलोकन हेतु रखा गया है, जिससे भू-अभिलेखों के संधारण में पारदर्शिता बढ़ी है। दाखिल खारिज की प्रक्रिया को ऑनलाइन करते हुए ससमय निष्पादन हेतु उपाय किये गये हैं। जिसे वर्तमान में अपग्रेड करते हुए आवेदकों की सुनवाई की व्यवस्था एवं साक्ष्य आधारित मामलों के त्वरित निष्पादन की प्रक्रिया अपनायी गयी है।

वर्ष 2024-25 में दिनांक 24.12.2024 तक ऑनलाइन दाखिल खारिज के कुल 17,38,505 (पिछले वर्ष के लंबित आवेदन सहित) मामले प्राप्त हुए हैं, जिसके विरूद्ध कुल 13,89,913 मामलों का निष्पादन विभाग द्वारा किया गया है। कुल मामलों का निष्पादन प्रतिशतता 80% रही है। ऑनलाइन दाखिल खारिज के जिलावार प्राप्त निष्पादित एवं लंबित मामलों की सूची अनुलग्नक के रूप में संलग्न है।

3. ऑनलाइन भूमि दाखिल खारिज की विशेषताएँ :

A- आवेदन से लेकर निष्पादन तक की सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन

B- स्वतः संज्ञान दाखिल-खारिज की सुविधा

C- निश्चित समय सीमा (बिना आपत्ति के मामलों में 35 दिन, आपत्ति वाले मामलों में 75 दिन)

D- ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करने की सुविधा

E- डिजिटल सिग्नेचर प्रति प्राप्त करने की सुविधा

F- अपील और पुनरीक्षण का प्रावधान

> स्वतः संज्ञान दाखिल-खारिज (Suo-Moto Mutation)- दाखिल-खारिज की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए निबंधन कार्यालयों को Suo-Moto Mutation हेतु सभी अंचल कार्यालयों के साथ सम्बद्ध किया जा चुका है। इसके तहत कोई जमाबंदीदार भूमि का स्वयं बिक्रेता हो, तो ऐसे मामलों मे Suo-Moto Mutation प्रक्रिया के तहत दाखिल खारिज की कार्रवाई की जा सकती है।

➤ FIFO (First In First Out) अंचल कार्यालयों द्वारा दाखिल खारिज आवेदनों के प्राप्त मामलों

का क्रमानुसार निष्पादन (sequential disposal) नहीं किये जाने तथा बिना उचित कारणों के आवेदनों को अस्वीकृत किये जाने के मामलों को संज्ञान में आने पर दिनांक-01.03.2023 एवं उसके बाद के प्राप्त दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन में FIFO (First In First Out) की व्यवस्था लागू की गयी।

> ODD-EVEN की प्रक्रियाः भूमि दाखिल खारिज की कार्रवाई त्वरित गति से सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिसूचना सं0-408 (8) दिनांक-29.09.2020 द्वारा अंचल स्तर पर कार्यरत राजस्व अधिकारियों को दाखिल खारिज हेतु अंचल अधिकारी की शक्ति प्रदत्त की गयी है। इस हेतु सॉफ्टवेयर में बदलाव करते हुए ODD नम्बर के हल्का से संबंधित वाद अंचल अधिकारी के लॉगिन में तथा EVEN नम्बर के हल्का से संबंधित वाद RO as CO के लॉगिन में निष्पादित किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

> त्रुटि जाँच (Defect Check) की प्रक्रियाः ऑनलाईन दाखिल खारिज हेतु प्राप्त आवेदनों में त्रुटि जाँच (Defect Check) की व्यवस्था की गयी है। इसके तहत दाखिल खारिज हेतु प्राप्त ऑनलाईन आवेदनों का अंचल अधिकारी के द्वारा अवलोकन करते हुए उसमें निहित्त त्रुटियों के निराकरण हेतु राजस्व कर्मचारी को अग्रसारित किया जाएगा। आवश्यकता होने पर त्रुटि निराकरण हेतु आवेदन को आवेदक के पास वापस भेजने का विकल्प है।

> ऑनलाइन आवेदन प्रक्रियाः दाखिल खारिज हेतु रैयत विभाग के आधिकारिक पोर्टल https://biharbhumi.bihar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के तहत आवेदन करने के लिए जमीन के दस्तावेज और अन्य जरूरी जानकारी ऑनलाइन जमा करनी होती है।

> दाखिल खारिज निष्पादन की समय-सीमा- बिहार भूमि दाखिल खारिज (संशोधन) नियमावली, 2020 के नियम-6 में दाखिल खारिज हेतु प्राप्त ऑनलाईन आवेदन के निष्पादन की समय-सीमा का निर्धारण किया गया है। उक्त नियम के अनुसार वैसे मामले जिनमें आपत्तियाँ प्राप्त नहीं हुई हों, उनमें दाखिल खारिज याचिका की प्राप्ति की तिथि से 35 कार्यदिवस के भीतर वाद का निष्पादन किया जाना है। आपत्ति प्राप्त होने की स्थिति में संबधित पक्षों को सुनवाई तथा साक्ष्य प्रस्तुत करने का युक्ति-युक्त अवसर देने के उपरान्त दाखिल खारिज याचिका प्राप्त होने की तिथि से अधिकतम 75 कार्य दिवस के भीतर वाद का निष्पादन का प्रावधान किया गया है।

> अपील एवं पुनरीक्षण- बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम, 2011 एवं नियमावली, 2012 में अंचल अधिकारी के आदेश के विरूद्ध भूमि सुधार उप समाहर्त्ता के समक्ष 30 दिनों के अन्दर अपील दायर करने का प्रावधान है। इसी प्रकार भूमि सुधार उप समाहर्त्ता के आदेश से व्यथित पक्ष को संबधित जिला के समाहर्त्ता अपर समाहर्त्ता के न्यायालय में पुनरीक्षण हेतु 30 दिनों के अन्दर आवेदन दायर किये जाने का प्रावधान है।

4. परिमार्जन प्लसः ऑनलाईन डिजिटाईज्ड जमाबंदी पंजियों में अशुद्धियों के सुधार हेतु परिमार्जन पोर्टल का शुभारम्भ दिनाक 13.05.2020 से किया गया है। वर्तमान में जमाबंदी पंजियों में निहित अशुद्धियों-त्रुटियों के सुधार हेतु उन्नत तकनीकी व्यवस्था के तहत परिमार्जन प्लस पोर्टल की व्यवस्था की गयी है। विभागीय परिपत्र सं0-1426 (9), दिनाक 05.06.2024 द्वारा बिहार भूमि पोर्टल पर ऑनलाईन डिजिटाईज जमाबंदी पंजियों में निहित रैयतों तथा उनके पिता/पति के नाम में लिपिकीय त्रुटि, जाति, पता, खेसरा, रकवा एवं लगान इत्यादि से संबंधित अशुद्धियों को परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से अंचल स्तर से ही सुधार किये जाने के संबंध में विस्तृत दिशा-निदेश संसूचित है। इसके

अतिरिक्त विभागीय परिपत्र सं0-2397(9), दिनाक 28.08.2024 डिजिटाईज नहीं किये गये जमाबंदी में निहित त्रुटियों के निराकरण का दिशा-निर्देश संसूचित है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में परिमार्जन प्लस पोर्टल पर ऑनलाईन डिजिटाईज जमाबंदी पंजियों में निहित त्रुटियों के निराकरण हेतु कुल 10,03,324 मामले प्राप्त हुए हैं, जिसके विरूद्ध 4,04,901 मामलों का निष्पादन किया गया है। इसी प्रकार परिमार्जन प्लस पोर्टल से संबंधित त्रुटियों के निराकरण हेतु प्राप्त कुल 5,46,075 मामलों में से कुल 47,061 मामलों का निष्पादन किया गया है।

5. ई-मापीः ई-मापी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार की एक लाभकारी पहल है, जो भूमि प्रबंधन और प्रशासन को डिजिटल युग में ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। इससे न केवल भूमि माप की प्रक्रिया सरल और तेज़ हो रही है, बल्कि रैयतों को भी इससे सीधे लाभ मिल रहा है। राज्यान्तर्गत भूमि/भू-खण्ड की मापी कार्य में तीव्रता तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से ई-मापी पोर्टल (https://emapi.bihar.gov.in) विभाग द्वारा विकसित किया गया है, जिसका शुभारम्भ दिनांक 20.12.2023 से हुआ है।

आवेदक द्वारा ई-मापी के लिए आवदेन प्राप्त होने पर 48 घंटे के अन्दर अंचलाधिकारी द्वारा मापी शुल्क हेतु आवेदक को Payment Request भेजने का प्रावधान पोर्टल में किया गया है।

रैयत द्वारा मापी शुल्क जमा किये जाने के पश्चात् अधिकतम 30 दिन के अन्दर याचित जमीन की मापी की कार्रवाई कर मापी प्रतिवेदन 72 घंटे के अन्दर अंचलाधिकारी द्वारा अनुमोदित करते हुए हितबद्ध रैयत को उपलब्ध कराया जाता है।

सरकारी भूमि / न्यायालीय आदेश / विधि व्यवस्था / लोक शिकायत निवारण एवं अन्य में पारित आदेश से सबंधित मामलों में भी ई-मापी के तहत् मापी कार्य करने हेतु पोर्टल में प्रावधान किया गया है।

परिमार्जन के Left Out जमाबंदी वाले मामले में बिना ऑनलाईन जमाबंदी के भी ई-मापी के तहत मापी किये जाने का प्रावधान पोर्टल में किया गया है।

ई-मापी की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति भू-अभिलेख पोर्टल से प्राप्त करने की प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है, जिसके माध्यम से आवेदक द्वारा डिजिटल हस्ताक्षरित ई-मापी प्रतिवेदन प्राप्त किया जा सकता है।

ई-मापी की व्यवस्था हो जाने के उपरान्त रैयतों को कार्यालय आने-जाने की परेशानी से मुक्ति मिल गयी है, क्योंकि आवेदक बिहार राज्य के किसी भी कोने से ई-मापी हेतु ऑनलाईन माध्यम से आवेदन
कर सकते हैं, मापी शुल्क जमा कर सकते हैं एवं मापी प्रतिवेदन की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति भू-अभिलेख पोर्टल से प्राप्त कर सकते हैं।

ई-मापी पोर्टल से प्राप्त प्रतिवेदन (दिनांक-24.12.2024) के अनुसार मापी हेतु कुल 1,14,282 आवेदन प्राप्त हुए है, जिसमें कुल 57,830 आवेदकों द्वारा भुगतान शुल्क जमा किया गया है। मापी के उपरान्त कुल-35,585 आवेदकों को ई-मापी प्रतिवेदन उपलब्ध करा दिया गया है।

6. भू-लगानः राज्य के सभी 534 अंचलों को ऑनलाइन भू-लगान भुगतान हेतु विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया है। पेमेन्ट गेटवे के माध्यम से लगान का भुगतान रैयतों द्वारा किया जा रहा है। इससे आम रैयतों को अपने भू-लगान की बकाया की स्थिति जानने, इसके भुगतान की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करने एवं भू-लगान का भुगतान करने में सुविधा हो रही है।

इस प्रक्रिया के तहत वर्ष 2024 में अब तक 85,80,037 भू-लगान रसीद निर्गत किये गये हैं जिसके तहत कुल संग्रहित राशि रू. 2,74,28,56,280/- (दो सौ चौहत्तर करोड़ अठाईस लाख छप्पन हजार दो सौ अस्सी रुपये) भू-लगान के रूप में सरकार को प्राप्त हुये हैं।

7. भूमि हस्तांतरणः- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विभिन्न जनोपयोगी परियोजनाओं के लिये आवश्यकतानुसार सरकारी भूमि का हस्तांतरण करताहै। वित्तीय वर्ष 2023-23 एवं 2024-25 में राज्य के विभिन्न जिलों से प्राप्त प्रस्ताव के आलोक में कुल 47 प्रस्तावों पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति प्राप्त कर राज्यादेश निर्गत कर अधियाची विभाग को लगभग 2271 एकड़ भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई की गई।

वर्ष 2023-24 में लगभग 1311 एकड़ तथा वर्ष 2024-25 में 960 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया गया है- महत्वपूर्ण परियोजनाएं :

> गांधी मैदान में मेट्रो रेल स्टेशन के विकास के लिए जमीन नगर विकास एवं आवास को उपलब्ध कराई गई। दानापुर बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण हेतु जमीन एनएचएआई को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई। पटना एयरपोर्ट पर पीटीटी निर्माण हेतु जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई।

> वैशाली, जमुई, समस्तीपुर, किशनगंज में राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर में कैंसर संस्थान को जमीन, गया एवं किशनगंज में नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु व गया मे अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर व खगड़िया में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर समेत 47 महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जमीन दी गई है।

8. भू अधिग्रहणः भू अर्जन निदेशालय, बिहार, पटना के द्वारा RFCTLARR Act 2013, एनएच एक्ट, रेलवे एक्ट एवं पीएम पैकेज से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजनाओं के निमित्त भू अधिग्रहण की कार्रवाई की गई है। केंद्र/राज्य सरकार से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं में भू अर्जन की कार्रवाई की गयी है, जो निम्नवत है:-

> सारण जिले के परसा बाईपास, गरखा बाईपास एवं अमनौर बाईपास के लिए कुल 167 एकड़ जमीन

अधिगृहित ।

> सीतामढ़ी मेंरातोनदी बाढ़ प्रबंधन के लिए 209 एकड़ भूमि काअधिग्रहण।

> लखीसराय जिले के हरोहरनदी के बायातटपरबालगुदर घाट-बाढ़-सरमेरा रोड तक 74 किमी की लंबाई में एन्टी फ्लडस्लूइसगेट के साथ तटबंध निर्माण के लिए 550 एकड़ भूमि का अधिग्रहण।

> सीतामढ़ी शिवहर नई रेललाइन हेतु 400 एकड़ भूमि का अधिग्रहण।

> गोड्डा पीरपैंती रेललाइन के लिए 100 एकड़ भूमि का अधिग्रहण।

> बरौनी बछवाड़ा फोर लेनिंग के लिए 236 एकड़ भूमि का अधिग्रहण।

9. राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाहीः विभाग द्वारा पारदर्शिता तथा भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए राजस्व सेवा संवर्ग के अंचालाधिकारी / राजस्व पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई है। आरोपपत्र पर कार्रवाई के उपरांत 349 अधिकारियों को दंडित और 109 अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कुल 458 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

10. भूमि सर्वेक्षण-भूमि विवादों को खत्म करने के लिए भूमि सर्वेक्षण बिहार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रथम चरण में 20 जिलों में शुरू सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में है। दूसरे चरण में शेष 18 जिलो में भी सर्वेक्षण का काम शुरू है।

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