विजय शंकर 

पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार सरकार से माँग की है कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव होने तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके।

उन्होंने कहा कि पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है। अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी। लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं। बिहार पहले से ही नीतीश सरकार की तानशाही और लोकतंत्र की हत्या से परेशान है। अब कम से कम पंचायत और वार्ड स्तर पर तो इस अलोकतांत्रिक रवैये, तानाशाही और संगठित भ्रष्टाचार को फैलाने से परहेज़ किजीए। इसलिए पंचायत चुनाव होने तक मुखिया/सरपंच इत्यादि के कार्यकाल को बढ़ा देना चाहिए।

सरकार से सवाल करते हुए तेजस्वी ने कहा कि तीन साल में 64वीं BPSC का PT-Mains-Interview पूरा किया लेकिन अभी तक अंतिम रिज़ल्ट प्रकाशित नहीं किया गया। सेटिंग-गेटिंग वाली सरकार प्रतिभावान युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। नीतीश जी, इंटर्व्यू के बाद सामान्यतः एक सप्ताह में परिणाम आना चाहिये। लेकिन इसके परिणाम घोषित करने में इतनी देरी क्यों?

 

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