Vijay shankar

पटना 14 अप्रैल ; भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि इसे घोषणा पत्र के बजाय जुमला पत्र कहना ज्यादा तार्किक होगा।‌
राजद प्रवक्ता ने कहा कि 76 पेज के भाजपा घोषणा पत्र में बेरोजगारी , महंगाई, किसानों और महिलाओं से जुड़े जनता के मूल मुद्दों की कहीं कोई चर्चा नहीं है। शब्दों के मकड़जाल में केवल 2014 और 2019 में दिखाए गए मुंगेरीलाल के हसीन सपने की मियाद 2022 से बढ़ाकर 2047 कर दिया गया है। 2014 और 2019 में दो करोड़ नौकरी देने, विदेशों में जमा काले धन को लाकर सभी के खाते में 15 – 15 लाख रुपए डालने, 2022 तक किसानों की आय दूगना करने, महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ हीं स्मार्ट सिटी, बुलेट ट्रेन, प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में एक गांव को आदर्श ग्राम बनाने जैसे वादों की तो चर्चा तक नहीं है। आम लोगों से जुड़े मुद्दों का तो घोषणा पत्र में कहीं कोई उल्लेख हीं नहीं किया गया है। स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत कुछ वैसे मुद्दों का घोषणा पत्र में उल्लेख किया गया है जिसमें सरकार की कोई प्रत्यक्ष भूमिका हीं नहीं है या जिससे आमलोगों का जीवन – यापन पर कोई प्रभाव पड़ता हो। कितना हास्यास्पद है कि 2036 में होने वाले ओलंपिक की चर्चा 2024 के घोषणा पत्र में किया गया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2014 एवं 2019 में भाजपा ने जो भी वादे किए वे सब जुमला बन कर रह गए। इसलिए लोग अब भाजपा नेताओं के वादे को गंभीरता से लेते भी नहीं हैं। लोगों का विश्वास भाजपा नेताओं पर से उठ गया है। भाजपा भी इस बात को समझ चुकी है इसीलिए उसने अपने हसीन सपने की मियाद 2047 तक बढ़ा दी है। सपनों की रोचकता बढ़ाने के लिए घोषणा पत्र जारी करने के समय आज प्रधानमंत्री जी सहित भाजपा के सारे शीर्ष नेता उपस्थित थे।

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