तेजप्रताप गुट को उनके इस कदम से गहरा धक्का लगा
न्यूज ब्यूरो
पटना। राजद के अंदर शक्ति संतुलन की लड़ाई जारी है। रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने तारापुर विधानसभा सीट से निर्दलीय खड़े संजय कुमार को मना लिया और उनसे राजद के पक्ष में बैठने की सहमति भी ले ली ।
राजद के अनुसार तेज प्रताप गुट के समर्थित इस निर्दलीय उम्मीदवार को अब राजद के पक्ष में बैठा लिया जाएगा ।
तेजस्वी के इस कदम से राजद के अंदर शाह मात का खेल शुरू हो गया है। देखना है कि बौखलाए तेज प्रताप यादव अगला क्या कदम उठाते हैं ।
लेकिन संजय कुमार को मना लेने से राजद के अंदर भितरघात का खतरा फिलहाल टल गया है। समझा जाता है कि संजय कुमार को उचित पारितोषिक देने का ठोस आश्वासन देने के बाद ही उन्होंने पलटी मारी है।
संजय कुमार के पलटी मारने से फिलहाल तेज प्रताप यादव गुट औंधे मुंह गिरा है ।
इस पूरे ऑपरेशन में लालू प्रसाद का वरद हस्त और आशीर्वाद था । संजय कुमार की घोषणा से जदयू प्रत्याशी को जो माइलेज मिलने वाला था, वह भी अब नहीं मिलेगा।
मालूम हो कि तारापुर सीट से खड़े एक निर्दलीय उम्मीदवार संजय कुमार ने कल दावा किया है कि उसको विधायक और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का आशीर्वाद प्राप्त है।
उन्हीं के इसारे पर चुनाव में वे खड़े हो गये। इस घटना से राजद के अंदर परेशानी काफी बढ़ गई थी। लोगों के समझाने बुझाने के बाद भी इस निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। लेकिन पूरे मामले में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप करने पर इस राजद के पूर्व नेता ने अपने कदम वापस खींच लिए हैं।
दरअसल, राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े लाल तेजप्रताप यादव ने राजद की मुश्किलें बढ़ा दी है. इस घटना के बाद भी तेज प्रताप चुप नहीं बैठने वाले हैं।
बता दें कि, तेज प्रताप ने छात्र जनशक्ति परिषद पार्टी बनायी है. अब इस पार्टी के समर्थन से तारापुर विधानसभा में अपना उम्मीदवार संजय कुमार को बनाया था। देखना है कि राजद प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाने के लिए तेज प्रताप किसी दूसरे निर्दलीय उम्मीदवार को अपना समर्थन देते हैं कि नहीं।
संजय कुमार छात्र जनशक्ति परिषद का प्रमंडलीय पदाधिकारी हैं. नेता तेज प्रताप के निर्देश पर उन्होंने यहां नामांकन किया था।
देखना है कि अब किस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने तेज प्रताप यादव तारापुर आएंगे और यहां रहकर ही वे किनके लिए वोट मांगेंगे.
वैसे इस घटना से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी काफी चिंतित हो गए हैं। तेज प्रताप अब भी बदले की भावना से सुलग रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक जदयू और भाजपा अब भी तेज प्रताप के मंसूबों को काफी हवा दे रहे है। दोनों के तरफ से भी पूरा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राजद के अंदर दो गुट बन गई है। लेकिन संजय कुमार को अपने पक्ष में मिलाकर तेजस्वी यादव ने फिलहाल राजद पराया संकट को टाल दिया है।