सरकार की विफलताओं को भी उजागर करेगा राजद
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज प्रमुख डॉक्टरों से चिकित्सा सेवा के मददेनजर विचार विमर्श किया

बिहार ब्यूरो

पटना। राजधानी में आज बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने डॉक्टरों से वार्ता कर किया। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से बिहार के विभिन्न जिलों में चिकित्सा सेवा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के क्या स्थिति है, उसकी जानकारी ली। कोरोना तथा अन्य बीमारियों के उपचार की उपचार की क्या हालत है, इसकी भी जानकारी ली।
डॉक्टरों ने भी उन्हें अपनी कठिनाइयों से अवगत कराया । यह बताया गया कि किस प्रकार अस्पतालों में डॉक्टरों एवं अन्य कर्मचारियों की कमी है । बेड की कमी है ।दवा चादर आदि उपयोगी वस्तुओं की कमी के कारण चिकित्सा में जो कठिनाई होती है ,उसकी भी जानकारी नेता प्रतिपक्ष को दी गई ।
नेता प्रतिपक्ष ने भी उसे भविष्य में विधानसभा में जोर-शोर से उठाने का आश्वासन दिया और लापरवाही बरतने के लिए केंद्र सरकार व बिहार सरकार की जमकर आलोचना भी की।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में बिहार पूरे देश में सबसे निचले पायदान पर है। यह बेहद दुखद बात है ।डबल इंजन की सरकार रहने के बाद भी बिहार में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं।
17 साल का सुशासन का दावा करने वाले मुख्यमंत्री की पोल उन्हीं के डॉक्टरों ने खोल दी है।
उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। तेजस्वी यादव डॉक्टरों के सवालों का जवाब भी दिया।
तेजस्वी यादव ने नीति आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर सूबे की सरकार पर हमला बोला। इसी रिपोर्ट में बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की भी चर्चा है। इसमें बिहार के सरकारी अस्पतालों में बेडों की संख्या बेहद कम होने की बात कही गयी है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने इसे लेकर सरकार को घेरा है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थक गये हैं। किसी भी रिपोर्ट को उठा कर देख लीजिए, बिहार की स्थिति को बद से बदतर दिखाया जा रहा है। सवाल का जवाब सरकार के पास नहीं है। सवाल पूछने पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री भागते दिखते हैं। सबने वीडियो भी देखा है।
संवाद कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी यादव के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह, सांसद प्रो. मनोज कुमार झा, अहमद अशफाक करीम, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेतागण संवाद कार्यक्रम में मौजूद रहे। संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार ने किया।
उधर, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने डाक्टरों से अपील की है कि वे सामाजिक और राजनीति मंच बनाकर आरजेडी के साथ जुड़ें और पार्टी की सदस्यता लें। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आरजेडी को समाज का सच्चा हितैषी एवं सच्चे प्रतिबिंब के रूप में सिद्ध करना चाहते हैं। वे प्रत्येक वर्ग-व्यवसाय से जुड़े लोगों को आरजेडी का हिस्सा बनाना चाहते हैं। इसी उद्देश्य से रविवार को डाक्टरों के साथ संवाद कार्यक्रम रखा गया है।
जगदानंद ने कहा कि लोगों को कोरोना काल की मुश्किलों की याद दिलाई और कहा कि महंगी दवा, भूमि पर लेटे मरीज, परेशान स्वजन, तड़प कर मरते बच्चे, आक्सीजन और दवाओं की कमी, बिहार के अस्पतालों की ऐसी ही छवि थी। यह उस राज्य की कहानी है, जहां की सरकार 16 वर्षों से सुशासन का राग अलाप रही है।
जगदानंद ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग की समस्याएं हजार हैं, जो आम नागरिकों को प्रभावित करती हैं। इसीलिए संवेदनशील राजनेता के रूप में डाक्टरों एवं मरीजों की समस्याओं को समझने के लिए तेजस्वी ने डाक्टरों के साथ भेंटवार्ता तय की ।
आरजेडी का मकसद है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए। निजी अस्पतालों को किस प्रकार गरीबों की पहुंच में लाया जाए। दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के मूल्य को किस प्रकार कम किया जाए।
सरकार को किस तरह गंभीर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस दौरान डाक्टर भी अपने विचार रखे। डॉक्टरों से मिले इनपुट के बाद राजद भी जल्द ही स्वास्थ्य सुविधाओं की बहाली को लेकर आंदोलन छेड़ेगी।

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