न्यूज ब्यूरो
पटना। राज्य सरकार ने पिछले 2 माह से भ्रष्टाचार के आरोपी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है ।
निरंतर कई अफसर से लेकर थानेदार तक पकड़े जा रहे हैं । इसी क्रम में भ्रष्टाचार के मामले में प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित होने के बाद सरकार ने डीआईजी को भी निलंबित कर दिया और इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच भी शुरू कर दी गई है।
आईपीएस अधिकारी और मुंगेर रेंज के डीआईजी रहे शफीउल हक को निलंबित कर दिया गया है। भ्रष्टाचार के आरोप में उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। फिलहाल वह पदस्थापना की प्रतीक्षा में थे।
इस संबंध में गृह विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया। मुंगेर के डीआईजी तैनाती के दौरान उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसकी जांच ईओयू से कराई गई।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक शफीउल हक के द्वारा सहायक अवर पुलिस निरीक्षक मो. उमरान और एक निजी व्यक्ति के माध्यम से मुंगेर रेंज के अधीन बड़ी संख्या में कनीय पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों से अवैध राशि की उगाही कराई जा रही थी।
आदेश के मुताबिक जांच में प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया कि वसूली करने वाले मो. उमरान के गलत कार्यों की जानकारी होने के बावजूद डीआईजी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इससे साफ है कि पूरे घटनाक्रम में उनकी सहभागिता दिखती है ।
साथ ही उन्हें भ्रष्टाचार के पोषक के रूप में स्थापित करता है। डीआईजी शफीउल हक के संदिग्ध आचरण और इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा उनके खिलाफ विस्तृत जांच के लिए विभागीय कार्यवाही चलाने का भी निर्णय लिया है।
इन आरोपों के मद्देनजर राज्य सरकार ने शफीउल हक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। निलंबन अवधि का उनका मुख्यालय आईजी पटना के कार्यालय में होगा। अफसरों के खिलाफ इस प्रकार कार्यवाही से भ्रष्टाचारी वर्ग में काफी हड़कंप भी है।