गंगा तट पर चलाया गया मृदा लेपन चिकित्सा कर्य
एलसीटी घाट , गंगा पथ कॉरिडोर के निकट तालाब क्षेत्र में पौधरोपण भी किया गया
अगस्त बीज का संग्रह किया गया

विश्वपति

नव राष्ट्र मीडिया

पटना।
पीपल नीम तुलसी अभियान के तहत आज एलसीटी घाट के निकट पौधारोपण कार्य किया गया । साथ ही लोगों को मृदा लेपन चिकित्सीय पद्धति की भी जानकारी दी गई। यहां पर आगामी चार अप्रैल से शिव पुराण कथा महोत्सव का आयोजन किया गया है। प्रत्येक वर्ष होने वाले इस कथा प्रवचन महोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से यहां भाग लेने आते हैं । मौके पर कलश यात्रा का भी आयोजन होता है। इसके पूर्व यहां पर श्रीमद् भागवत कथा तथा देवी भागवत कथा का आयोजन हो चुका है। एलसीटी घाट के निकट जीतेन्द्र जी के तलाब क्षेत्र में आज रविवार को अगस्त वृक्ष का बीज संग्रह किया गया। उसके बाद पौधारोपण कार्यक्रम चलाया गया। पौध रोपण कार्यक्रम के बाद गंगा नदी के किनारे मृदा लेपन चिकित्सीय पद्धति का अवलंबन किया गया।
मौके पर अभियान से जुड़े कई सदस्यों ने शरीर पर गंगा मिट्टी का लेपन किया। इस अवसर पर चिकित्सक डॉक्टर एनपी प्रियदर्शी और धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि शरीर पर मिट्टी के लेपन चिकित्सा पद्धति से विभिन्न तरह की बीमारियों में काफी फायदा होता है । चर्म रोग में बहुत आराम मिलता है। लेपन के विभिन्न लाभ से की जानकारी उन्होंने दी। बीज संग्रह अभियान समेत अन्य कार्यों में डॉ एन पी प्रियदर्शी, डॉ आर के ठाकुर , सुधाकर , जितेन्द्र जी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा वरिष्ठ पत्रकार श्री विश्वपति ने अपना योगदान दिया।

मौके पर श्री जितेंद्र कुमार ने बताया कि एलसीटी घाट गंगा कॉरिडोर के उत्तर की ओर मैदान पर 4 अप्रैल से शिव पुराण महाकथा का आयोजन किया गया है। यहां प्रवचन कार्य 10 अप्रैल तक चलेगा । शिव पुराण महा कथा के आयोजन की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। इस दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल कैंप भी लगाया जाएगा । मेडिकल कैंप राज ट्रस्ट अस्पताल की ओर से लगाया जाएगा ।
मौके पर अस्पताल के निदेशक एनपी प्रियदर्शी ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को प्रारंभिक चिकित्सीय परामर्श के साथ अन्य दवाएं भी मुफ्त दी जाएंगी । मौके पर होम्योपैथिक चिकित्सा के डॉक्टर धर्मेंद्र का भी मेडिकल कैंप लगेगा , जहां होम्योपैथिक पद्धति से लोगों की चिकित्सा होगी तथा दवा दी जाएगी।


इस अवसर पर डॉक्टर धर्मेंद्र ने कहा कि विश्व स्तर पर प्राणवायु दूषित , विषाक्त होते जा रहे हैं। जिसका दुष्परिणाम सभी पशु-पक्षी,जीव जंतु,और आम आवाम के स्वास्थ प्रभावित होते जा रहे हैं। आप सभी आम लोगों तथा पर्यावरण योद्धाओं से एक आग्रह है। एक ऐसा मंत्र की उत्पत्ति करें जिससे केंद्र सरकार, राज्य सरकार,सभी सरकारी पदाधिकारी, एवं आम आवाम में प्रकृति के प्रति आस्था जागृत हो। जब तक आम आवाम में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता नहीं होगी। तब तक धरती प्रकृति का कल्याण नहीं होगा।
वर्तमान मार्च माह में ही आप सभी तापमान का अनुभव कर रहे हैं । अभी 40 डिग्री गर्मी हो गई हैं । तब मई -जून माह में क्या स्थिति होगी । इसलिए जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम से निपटने के लिए भी बड़ी संख्या में पेड़ पौधों को लगाना जरूरी हो गया है ऑक्सीजन बैंक बनाना जरूरी हो गया है।

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