नगर निकाय चुनाव के दौरान भी अतिपिछड़ा आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही थी भाजपा
vijay shankar
पटना : जनता दल (यू0)के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह माननीय सांसद राजीव रंजन सिंह ‘‘ललन’’ ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार सरकार स्वयं के संसाधन से प्रदेश में जातीय गणना करवा रही है। हमारी सरकार का यह स्पष्ट मानना है कि अगर राज्य का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है तो सभी वर्गों को ध्यान में रखकर कल्याणकारी योजनाओं का संचालन होना चाहिए इसलिए राज्य सरकार बिहार में जाति आधारित गणना के साथ में आर्थिक सर्वेक्षण भी करवा रही करवा रही है। ताकि आर्थिक रूप से अविकसित लोगो की भी पहचान कराई जा सके। प्रधानमंत्री जी को जब वोट चाहिए होता है तो वह खुद को अतिपिछड़ा समाज से जोड़ लेते हैं मगर जब हक देने की बात आती है तो प्रधानमंत्री जी गरीब और अतिपिछड़ा विरोधी नीतियों पर चलने लगते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पर्दे के पीछे से जातीय आधारित गणना के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट से शिकस्त मिलने के बाद भाजपा के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में दरवाजा खटखटाया। देश के नामी-गिरामी वकील जातीय गणना के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में खड़े थे, पूर्व अटाॅर्नी जनरल श्री मुकुल रोहतगी भी याचिकाकर्ता की तरफ से थे मगर फिर भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश देने से साफ मना कर दिया।
श्री सिंह ने आगे कहा कि पहले भाजपा पर्दे के पीछे से जातीय गणना के खिलाफ साजिश रच रही थी मगर अब केंद्र सरकार के साॅलिसिटर जनरल ने स्वयं याचिकाकर्ता के पक्ष में खड़े होने का निर्णय लिया है। यानी मोदी सरकार का गरीब विरोधी, अतिपिछड़ा विरोधी और दलित विरोधी चेहरा अब खुलकर सामने आ चुका है। भाजपा के इस आचरण से यह सिद्ध हो गया कि ये लोग आरक्षण और संविधान के खिलाफ हैं। नगर निकाय चुनाव के दौरान भी भारतीय जनता पार्टी ने पर्दे के पीछे से अतिपिछड़ा आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका किया था मगर तब माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने स्पष्ट कह दिया था कि बगैर अतिपिछड़ा आरक्षण के नगर निकाय चुनाव संपन्न नहीं किया जाएगा और अंत में अतिपिछड़ा आरक्षण के साथ ही नगर निकाय चुनाव सम्पन्न हुआ। ठीक उसी प्रकार जातीय गणना को रोकने के लिए भी भाजपा ने सहयोगी को आगे कर साजिश के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर किया। अब सरकार के साॅलिसिटर जनरल जातीय गणना के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में खड़े हो गए हैं, जो भाजपा पहले पर्दे के पीछे से खेल करती थी वह अब खुलकर सामने आ गई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी दलित, शोषित, वंचित, अतिपिछड़ा और गरीब वर्ग को उसके हिस्से का उचित हक देना चाहते हैं इसलिए उन्होंने जातीय गणना के साथ-साथ आर्थिक सर्वेक्षण कराने का भी निर्णय। भाजपा को गरीब, अतिपिछड़ा और दलित समाज का कल्याण नहीं चाहती है इसलिए यह सब षडयंत्र रच रही है।