Vijay Shankar

Patna । जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निर्देशानुसार, उप विकास आयुक्त, पटना श्री समीर सौरभ की अध्यक्षता में आज विकास भवन में ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, जो ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत उनके अधिकारों और पहचान को सुनिश्चित करता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ और उद्देश्य
कार्यक्रम की शुरुआत में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना श्री उदय कुमार झा ने सभी उपस्थित ट्रांसजेंडर सदस्यों का स्वागत किया और इस पहल की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए योजनाएँ बनाई गई हैं।
इस अधिनियम के तहत:
• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को उनके स्व-कथित लिंग पहचान के आधार पर समाज में समानता का अधिकार दिया गया है।
• अधिनियम का उल्लंघन करने पर 6 महीने से 2 साल तक की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है।
• शिक्षा, रोजगार, संपत्ति, और अन्य अधिकारों से वंचित करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, पटना श्री समीर सौरभ द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। यह प्रमाणपत्र ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के अनुच्छेद 6 और 7 के तहत प्रदान किए गए। वर्तमान में कुल 150 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए जा चुके हैं। साथ ही, इसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अभिहित पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
कार्यक्रम में ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों ने इस पहल की सराहना की और जिला प्रशासन के प्रयासों की प्रशंसा की। उप विकास आयुक्त, पटना ने कहा, “यह पहल ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को सुरक्षित करने और समाज में उन्हें समान स्थान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा प्रयास है कि जागरूकता अभियान के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिक से अधिक सदस्य अपनी पहचान को सशक्त रूप से स्थापित कर सकें।”
इस पहल के माध्यम से जिला प्रशासन का उद्देश्य सामाजिक समरसता और समावेशिता को बढ़ावा देना है, ताकि सभी नागरिकों के बीच समानता और सम्मान का भाव विकसित किया जा सके। यह प्रयास ट्रांसजेंडर समुदाय के सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षणिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा ।

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