भाई प्रेम रंजन पटेल का नाम मास्टरमाइंड के रूप में, पर उनके कंधे पर बंदूक रखने वाला पर्दे के पीछे कोई और

विजय शंकर 

पटना ‌। बिहार क्रिकेट संघ इन दिनों बीसीसीआई के घरेलू मैचों को लेकर युद्ध स्तर पर अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर बीसीए के नाम पर फर्जी ट्रायल कराने की सूचना सोशल मीडिया पर चल रही है। इसपर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीसीए क्रिकेटिंग गतिविधियों को संचालित करने के लिए अधिकृत जिला संघों के प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह ने कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि सत्ता की लालच में इतने भी अंधे ना हो जाए कि अपनी बची हुई प्रतिष्ठा को खुद ही धूमिल कर दें।

उन्होंने कहा कि जब बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की अगुवाई वाली बीसीए कमेटी हीं केवल बीसीसीआई की अंगीभूत इकाई है। तो ट्रायल के नाम पर खिलाड़ियों को दिग्भ्रमित करने वाले लोग बताएं कि आपको कहां से मान्यता प्राप्त है और खिलाड़ियों का निबंधन किस आधार पर कहां कराएंगे। इसीलिए मेरा आप सबों से एक आग्रह है कि अपनी ओछी राजनीति का शिकार बिहार के प्रतिमान खिलाड़ियों को ना बनाएं और सत्ता के लालच में उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कतई ना करें। नहीं तो आप सबों को ईश्वर भी कभी माफ नहीं करेंगे और घोर पाप लगेगा।

जहां तक मैं एक पड़ोसी होने के नाते व्यक्तिगत रूप से भाई प्रेम रंजन पटेल जी को जानता हूं कि अपनी कड़ी मेहनत और त्याग के साथ देश के सर्वोच्च राजनीति पार्टी में अपनी खास पहचान और प्रतिष्ठा हासिल की है और मैं नहीं चाहूंगा कि कुछ स्वार्थी किस्म के इंसान के बहकावे में आकर किसी असंवैधानिक गतिविधियों का वो जनक के रूप में शामिल हों और उनकी बनी बनाई हुई प्रतिष्ठा पर किसी प्रकार की आंच आए।

उन्होंने कहा कि मैं अचंभित हूं कि देश के सर्वोच्च पार्टी का एक प्रखर वक्ता और जनप्रतिनिधि होने बावजूद विगत कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर जिस असंवैधानिक ट्रायल की चर्चा हो रही है उसमें भाई प्रेम रंजन पटेल का नाम मास्टरमाइंड के रूप में शामिल किया गया है जबकि मैं जानता हूं कि इनके कंधे पर बंदूक रखकर पर्दे के पीछे से खेल कोई और खेल रहें हैं और अपना निशाना साध रहे हैं । बस, प्रेम रंजन पटेल जी तो केवल एक मोहरा बने हुए हैं।

श्री सिंह ने आगे कहा कि हद तो तब हो गई जब बीसीए के एक संबद्ध पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर प्रकाशित फर्जी ट्रायल के संदर्भ में आयोजन स्थल और चयनकर्ताओं से संपर्क स्थापित किया तो सबों ने अपने-अपने हाथ खड़ा कर दिया और कहा कि इस प्रकार के असंवैधानिक कार्यों का मैं कतई समर्थक नहीं हूं और ना हीं इस प्रकार की कोई हमें जानकारी मिली है।
इसीलिए मैं एक बार पुनः क्रिकेट के रहनुमाओं से आग्रह करता हूं कि बच्चे देश के कर्णधार हैं और इस अनमोल रतन को अपने स्वार्थ के लिए राजनीति का हिस्सा ना बनाएं। जिसके कारण इन नादान खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में चला जाए। ऐसा करना किसी जघन्य अपराध से कम नहीं होगा और निर्दोष बच्चों की हाय और बददुआ लगेगी जिससे लोगों को बचना चाहिए ।

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