उप विकास आयुक्त, पटना तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण हेतु बैठक की

Vijay shankar
पटना। उप विकास आयुक्त, पटना तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण हेतु बैठक की गई। इसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञों, विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों/प्रतिनिधियों, ब्लड बैंक के प्रतिनिधि एवं अन्य ने भाग लिया।
बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि इस वर्ष डेंगू के मामले में जो वृद्धि हो रही है उसमें पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है। ट्रेंड के बारे में एक्सपर्टस ने बताया कि 2019 में भी इसी तरह डेंगू के मामले बढ़ रहे थे, परन्तु इस वर्ष डेंगू से पीड़ित मरीजों में रिकॉवरी रेट अच्छा है। कम ही मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ रही है। एक्सपर्टस ने बताया कि मरीजों में प्लेटलेट की संख्या 10 हजार से कम होने अथवा रक्तश्राव के लक्षण दिखने पर ही विशेष परिस्थिति में प्लेटेलेस चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। अतः लोगों को घबराने की एकदम आवश्यकता नहीं है। प्राईवेट अस्पताल के चिकित्सकों ने यह भी बताया कि उनके यहाँ पर्याप्त मात्रा में बेड की उपलब्धता है। आईसोलेटेड वार्ड भी बनाया गया है। लगभग 10 प्रतिशत बेड डेंगू मरीजों के लिए उपयोग हो रहा है। आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया भी जा रहा है। किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है। उप विकास आयुक्त श्री सुल्तानिया ने कहा कि जिला में ब्लड बैंक अलर्ट पर है। प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है, मरीजों को कोई असुविधा नहीं होगी।
जिला पदाधिकारी के निदेश पर सिविल सर्जन द्वारा 24×7 डेंगू नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। इसकी दूरभाष संख्या 0612-2951964 है। इसमें तीन पालियों में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इस पर आम जनता किसी भी सहायता के लिए सम्पर्क कर सकती है। हॉस्पिटलाईजेशन, बेड की उपलब्धता, ब्लड की आवश्यकता, ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता आदि से संबंधित जानकारी इसपर प्राप्त की जा सकती है। जिलाधिकारी के निदेश पर नियंत्रण कक्ष में पंजी का संधारण किया जा रहा है जिसमें सभी सूचनाओं को अंकित करते हुए आम जनता को सभी सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।
विशेषज्ञों द्वारा यह भी बताया गया कि अक्टूबर महीना तक डेंगू की यही स्थिति रहने की संभावना है। इसके पश्चात स्थिति में सुधार आएगा।
उप विकास आयुक्त श्री सुल्तानिया ने कहा कि डेंगू संक्रमण के प्रबंधन में प्लेटलेट्स की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु ब्लड बैंक कोषांग का गठन किया गया है। साथ ही प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के निदेशक/अधीक्षक एवं ब्लड बैंक हेतु नामित नोडल पदाधिकारियों से समन्वय के लिए दंडाधिकारियों को तैनात किया जा रहा है।
प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी एवं संस्थानो के नोडल चिकित्सा पदाधिकारी का कर्तव्य एवं दायित्वः-
1. यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित ब्लड बैंक में प्लेटलेस/ब्लड की निर्बाध उपलब्धता हो।
2. प्राथमिकता के आधार रोगियों की स्थिति की गंभीरता का आकलन करते हुए ब्लड/प्लेटलेट की उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे।
3. यह सुनिश्चित किया जाएगा की किसी भी रोगी एवं उनके परिजन से अवैध राशि की वसूली न हो।
4. दलालों एवं बिचौलियों पर लगातार नजर रखना।
5. ब्लड/प्लेटलेट की अनुपलब्धता की स्थिति में तत्काल सूचित करना।
6. सभी ब्लड बैंकों द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाय कि ई-रक्त कोष पोर्टल पर ब्लड/प्लेटलेट्स की उपलब्धता प्रतिदिन पोर्टल पर ससमय अपडेट किया जाय।
डीडीसी श्री सुल्तानिया ने कहा कि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है। पीएमसीएच में 14 रोगी भर्ती हैं तथा 34 बेड उपलब्ध है। एनएमसीएच में 07 मरीज भर्ती है तथा 30 बेड उपलब्ध है। डीडीसी ने कहा कि जरूरत के अनुसार अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ायी जाएगी।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि डेंगू के नियंत्रण में प्राईवेट अस्पतालों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। कोरोना नियंत्रण में सभी अस्पतालों-सरकारी एवं प्राईवेट ने अच्छा काम किया है। डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए भी हम सभी सजग एवं प्रतिबद्ध हैं।
आज की इस बैठक में राज्य सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. रंजीत कुमार, सिविल सर्जन, पटना डॉ. श्रवण कुमार, महावीर कैंसर संस्थान, पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, मेदान्ता, राजेश्वर हॉस्पिटल, उदयन हॉस्पिटल, सॉईं हॉस्पिटल, मेडिवर्सल, रूबन एवं अन्य संस्थानों के अधीक्षक/प्रतिनिधि, जिला वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद, डीपीएम स्वास्थ्य डॉ. विवेक कुमार सिंह, आईडीएसपी पदाधिकारी श्री प्रशांत कुमार एवं अन्य भी उपस्थित थे।