शिक्षा ,स्वास्थ्य ,रोजगार सभी मामले में बिहार सरकार फेल है, अपनी विफलता का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रही है

बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के दावों की प्रशांत किशोर ने खोली पोल
बोले- आतंकवाद से प्रभावित जम्मू-कश्मीर शिक्षा के मामले में बिहार से बेहतर, आज बिहार देश में सबसे पीछे 28वें नंबर पर है
विश्वपति
नव राष्ट्र मीडिया
समस्तीपुर।
बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर तरह-तरह के दावे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आए दिन करते हैं। इन दावों की पोल खोलते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि
बिहार सरकार की स्थिति को आप देख रहे हैं। आप केरल चले जाइए, तमिलनाडु चले जाइए, पंजाब चले जाइए या फिर जम्मू-कश्मीर चले जाइए, वहां शत-प्रतिशत साक्षरता है। यहां के बच्चे (बिहारी) कोटा में जाकर पढ़ रहे हैं, हम लोगों के बच्चे बेंगलुरु में जाकर इंजीनियरिंग कर रहे हैं। दूसरे राज्य के कॉलेज में जो पढ़ रहे हैं, वो भी बिहार के हैं और जो पढ़ा रहे हैं, वो भी बिहार के हैं, लेकिन कॉलेज खुल रहे हैं कर्नाटक में जो आपके-हमारे और देश के सामने मॉडल है।
सभी राज्यों की दशा बिहार से है बेहतर: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की अन्य राज्यों से तुलना करते हुए बताया कि केरल ने जो अपनी शिक्षा व्यवस्था बनाई है, आंध्र प्रदेश ने जो बनाई है, कर्नाटक ने बनाया है, महाराष्ट्र ने बनाया है, इनमें सबसे पीछे बिहार 28वें नंबर पर है। जब बिहार 28वें नंबर पर है, तो मान लीजिए कि हम सबसे पीछे हैं। हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य ने भी शत-प्रतिशत शिक्षा की व्यवस्था की है। उत्तराखंड में जाकर देख लीजिए, जम्मू कश्मीर में जहां आतंकवाद है वहां देख लीजिए, किसी भी राज्य को उठाकर देख लीजिए उन सबकी दशा बिहार से अच्छी है।
तेजस्वी यादव बिहार में सरकार नहीं चला पा रहे और दोष दिल्ली में बैठे सरकार को दे रहे हैं, 2.60 लाख हजार करोड़ का बजट होने पर भी आप काम नहीं कर अपनी नाकामी छिपा रहे: प्रशांत किशोर
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के विकास के दावों की पोल खोलते हुए कहा कि आप यहां सरकार चला रहे हैं और दोष दिल्ली में बैठे हुए लोगों को दे रहे हैं। आपको किसने रोका है, बिहार में स्कूलों को ठीक करने से, आपको किसने रोका है बिहार में बढ़िया अस्पताल बनाने से, आपको किसने रोका है बिहार में सड़क को ठीक करने से, आपको किसने रोका है यहां रोजगार पैदा करने से।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ये सिर्फ राजनीति हो रही है, बिहार के स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर 40 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकार हर साल खर्च करती है। इसमें केंद्र का क्या लेना-देना है। इतने पैसे लगाकर बिहार में अगर अच्छे स्कूल बना दीजिएगा, तो क्या केंद्र सरकार इसे रोक देगी। केंद्र की सरकार मदद नहीं कर रही है, बिहार के लिए कुछ विशेष नहीं कर रही है, वो बात तो ठीक है। लेकिन, बिहार सरकार का अपना जो बजट है, 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का, उस पैसे का इस्तेमाल कर बिहार के लिए कुछ तो अच्छा करके दिखाइए, दूसरों पर दोष देते रहने से क्या होगा। बहुत से लोग कह रहे हैं कि यहां फैक्ट्री नहीं है। राजस्थान जैसे राज्य में प्रति व्यक्ति दूध का उत्पादन बिहार की तुलना में 5 गुना ज्यादा है। आपको क्या लगता है, बिहार में लोगों को गाय-भैंस पालना नहीं आता है। यहां के बच्चों को पढ़ना नहीं आ रहा है। जब यहां स्कूल है ही नहीं तो दूसरों को क्यों दोष दे रहे हैं।