Kishanganj:जिले में छठ पूजा की धूम मची है,बाजार में छठ पूजन सामग्री खरीरदारोंं की गहमा-गहमी दिनभर

Kishanganj:जिले में छठ पूजा की धूम मची है,बाजार में छठ पूजन सामग्री खरीरदारोंं की गहमा-गहमी  दिनभर

सुबोध,

किशनगंज 18 नवम्बर।बिहार के किशनगंज जिले में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की धूम मची है।छठ पूजा के दुसरे दिन शनिवार को बाजार में छठ पूजन सामग्री खरीरदारोंं की गहमा-गहमी दिनभर बनी रही ।इस अवसर पर बाजार में दुकान सजे दीखें और खरीरदारोंं में मानों पूजन‌ सामान खरीदने की होड़-सी लगी रही । दुकानदार भी परेशान दीखें‌ । बाजार‌ में फूटपाथ पर बांस की छोटी – बड़ी टोकटी, सूप, बांस या पीतल के बने सूप, लोटा, परात( बड़ी थाली), दूध, जल के लिए ग्लास, चावल, सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी, शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती, बड़ा वाला मीठा नींबू , शहद की डिब्बी, पान, साबुत सुपारी, कैटाव, कपूर, कुमकुम, एवं चन्दन इत्यादि दुकानें सज-धजकर तैयार थे और दुकानों पर ‌खरीदारों की भीड़ लगा रहा ।एक के बाद एक खरीदार अपने आवश्यकता के अनुसार खरीद करते दिखे।
आज संध्या खरना के दौरान शुद्ध मिट्टी के नए चुल्हें में आम की लकड़ी का ईंधन पर गुड़ चावल एवं दुध के खीर तथा सुहारी(रोटी) इत्यादि पकवान बनाकर रात्रि में भगवान को भोग लगाकर वर्ती के द्वारा प्रसाद का पान किया जाता है ।इस दौरान उसके कानों में कोई शोर-गुल भी सुनाई दे गयी तो वर्ती प्रसाद पान नहीं कर सकती है।खरना का प्रसाद घर अथवा अतिथियों को वितरण किया जाता है।वर्तियों के द्वारा छठ पूजा में लगातार 36 घंटे के निर्जला उपवास में खरना के दौरान प्रसाद एवं जल पान करने का प्रावधान है।जो वर्तियों को कुछ राहत देती होगी।छठ पुजा के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य की अराधना जल में उतरकर वर्तियां करते हैं और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा यही संपन्न हो जाती है और वर्तियां पारण कर लेती है।
उल्लेखनीय है कि लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा पूर्ण स्वच्छता के साथ स्व प्रक‌ति पूजा है जिसमें भगवान भास्कर की प्रमुख उपासना में वह सबकुछ जो प्रक‌ति ने हमें फल, फुल अनाज इत्यादि दिया है वह सभी प्रसाद के रूप में भगवान भास्कर को अर्पित कर दिए जाते हैं। स्वाभाविक है भगवान भास्कर यदि प्रसन्न रहेंगे तो हमलोग रोग मुक्त हो जाएंगे और प्राकृतिक संसाधनों का भोग कर मानव जीवन का संचालन होता रहेगा और यह परिणाम आज जन-जन में दीखा हैं । इसलिए आज देश -विदेश तक लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की धूम मच चुकी है।

subodh kumar saha

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