Kishanganj:डॉ.निरजंन चिल्ड्रेन हास्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर की लापरवाही में गयी शिशु की जान

Kishanganj:डॉ.निरजंन  चिल्ड्रेन हास्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर की लापरवाही में गयी शिशु की जान

सुबोध,

किशनगंज 08नवम्बर ।बिहार के किशनगंज में डॉ.निरजंन चिल्ड्रेन हास्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर में इलाज के दौरान गयी शिशु की जान। लगा लापरवाही का आरोप।
घटना बुधवार को नेशनल हाईवे -31 ,एसएसबी मुख्यालय के पास फरिंग्गोला स्थित डॉ.निरजंन चिल्ड्रेन हास्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर में इलाज के दौरान खबर मिलते ही शिशु की मौत के बाद परिजनो ने किया हंगामा। हंगामा की खबर पर एसडीपीओ गौतम कुमार,नगर परिषद अध्यक्ष इंन्द्रदेव पासवान ,नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार घटना स्थल पर पहुंचे और मामले में डॉ.निरंजन शरण से पुछताछ में जुटे।
मौके पर नप अध्यक्ष इंन्द्रदेव पास ने कहा कि शहर में ऐसे कितने नर्सिंग होम में अक्सर लापरवाही की घटना घटित होती रहती है। जबकि यहां के नर्सिंग होम बिना ट्रेड लाइसेंस के ही संचालित है। सिर्फ सिविल सर्जन द्वारा संचालन की अनुमति दे दी गयी है । जबकि नर्सिंग होम संचालन हेतु जो सुविधाएं होनी चाहिए वह भी पूरा नहीं किया जा रहा । इसी अस्पताल में दो ट्रेंड स्टाफ और 28 अनट्रेंड स्टाफ के सहारे संचालित होने की जानकारी मिली है।ऐसे में मरीजों के साथ लापरवाही ही होगीऔर जान जाना स्वाभाविक है। डीएम से मिलकर इस मामले में जांच की बात उठाऊंगा।
वही नप कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि डॉ.निरंजन अपने किसी एक बात पर स्टेंड ही नहीं कर पा रहें । लापरवाही तो हुयी है । यथोचित कार्यवाही के लिए रिपोर्ट डीएम सर को भेजा जाएगा।
मृतक शिशु के मामा अब्दुल हयात के मुताबिक गायनोलोजिस्ट डॉ.बीणा गुप्ता ने बच्चें को सांस लेने में दिक्कत होने के कारण ही बेहतर इलाज के लिए यहा भर्ती किया गया था। कल शाम तक बच्चें को सांस लेने में सुधार भी हुआ और आज सुबह बच्चें की मौत खबर मिली ।अगर ज्यादा तबीयत बिगड़ने की बात थी तो रात को ही हमलोगों को जानकारी दी जाती या रेफर कर दिया जाता तो हमलोग बेहतर इलाज के लिए जा सकते थे । लेकिन ऐसा नहीं किया जाना यहां की लापरवाही में ही बच्चें मौत हो गयी। इसके लिए प्रशासन से इस अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं।
मामले में डॉ.निरंजन शरण ने कहा कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है । जच्चा-नविस्ता पहले से ही चमकी टाइप की बिमारी से पीड़ित थी और गर्भावस्था में भी वह जो दवा ले रही थी उसके साइड इफेक्ट्स से बच्चा प्रभावित हुआ। मेरे यहां तो बेहतर इलाज देने का प्रयास ही किया गया‌ है।
उल्लेखनीय है कि नविस्ता पति मो.इमरान तेघरिया निवासी दम्पति के शिशु के जन्म के बाद सांस लेने में परेशानी का इलाज के लिए डॉ .निरंजन चिल्ड्रेन हास्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर में भर्ती कराया गया और शिशु का इलाज दौरान मौत के बाद हंगामा हुआ।

subodh kumar saha

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