Kishanganj:डीएम के निर्देश पर जांच टीम द्वारा हुयी वेदान्ता अस्पताल प्रकरण की जांच

सुबोध,
किशनगंज21अक्टूबर। बिहार के किशनगंज जिला मुख्यालय डेमार्केट अस्पताल रोड स्थित आईवीएफ तकनीक सेंटर वेदान्ता अस्पताल पर मरीजों के शोसन एवं लाखों ठगी के आरोप प्रकरण में डीएम के निर्देश के आलोक में गठित जांच टीम पहुंचे। जिसमें जिला परिवहन पदाधिकारी अरूण कुमार के नेतृत्व में महिला चिकित्सक डॉ . उर्मिला कुमारी एवं डीआइओ रंजीत कुमार शामिल थे और बीते शुक्रवार देर शाम करीब दो घंटे अस्पताल के भीतर गुप्त जांच चली।जहां किसी को जाना मना था। जांच टीम बाहर आयी तो पत्रकारों के सवाल पर डीटीओं अरूण कुमार ने कहा कि जांच अभी बाकि है और गोपनीय है। अस्पताल के बाहर प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों को
जांच टीम को दो टूक जवाब के बाद ही वापस लौटना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि बच्चें प्राप्ति की चाह में दम्पति हिना प्रवीण पति शाहबाज आलम निवासी सारोगोरा ,थाना व जिला किशनगंज के निवासी ने डीएम को एक आवेदन में कहा था कि टेस्ट ट्यूब बेबी (आईवीएफ) तकनीक की सुविधा जानकर शहर के नामचीन वेदान्ता अस्पताल पहुंची थी मगर निराशा हाथ लगी और करीब पांच साल तक लाखों रूपया अस्पताल के अनुसार गंवाया ।मगर परिणाम कुछ नहीं निकला और ठगा-सा रह गया हूं । उन्होंने अस्पताल के एक कर्मी पर भी गंभीर आरोप लगाया है कि डॉ.तारा स्वेता आर्या के अनुपस्थिति में उसके पर्सनल सेकेट्री मो.आसिफ जो न तो कोई डाक्टर हैं और लेडी डॉक्टर या नर्स के अनुपस्थिति में वह अकेले में ही जांच किया करता था और मेरे मना करने पर भी वह बंद कमरें में जांच के नाम पर बेड टंच किया करता था ।इस अस्पताल में इलाज के दौरान करीब नौ लाख रुपये गवां चुकी हूं और शारीरिक शोशन का शिकार भी हुयी हूं।इन सभी कारणों से पीड़ित ने डीएम से न्याय की गुहार लगायी थी।इन गंभीर आरोप के आलोक में जिलाधिकारी तुषार सिंगला के निर्देश पर गठित टीम द्वारा जांच के द्वारा जांच की गयी ।