Kishanganj:वेदान्ता अस्पताल का दावा झूठी,जांच टीम द्वारा हुआ बडा़ खुलासा

-वेदान्ता अस्पताल के द्वारा होता है जिले के भोले-भाले मरीजों से लाखों की ठगी
सुबोध,
किशनगंज 22 अक्टूबर । बिहार के किशनगंज जिला मुख्यालय डेमार्केट अस्पताल रोड स्थित आईवीएफ तकनीक सेंटर का दावा कर वेदान्ता अस्पताल के द्वारा होता है जिले के भोले-भाले मरीजों से लाखों की ठगी । पीड़िता हिना प्रवीण का अस्पताल पर आरोप। मामले में वेदान्ता अस्पताल , किशनगंज के संचालक सह डॉ तारा स्वेता आर्या के आईवीएफ सेंटर में डीएम द्वारा गठित टीम जांच के बाद रविवार को किया बड़ा खुलासा । वेदान्ता अस्पताल प्रकरण में डीएम के निर्देश पर गठित जांच टीम के एक प्रमुख सदस्य जिला परिवहन पदाधिकारी अरूण कुमार ने कहा कि डॉ तारा स्वेता आर्या के हॉस्पिटल में टेस्ट ट्यूब बेबी (आई.वी.एफ) की सुविधा नहीं है , यहां के रजिस्टर मरीजों को आईवीएफ़ तकनीक के माध्यम से बच्चें दिलाने के लिए कोलकाता भेजा जाता था, जिसमें मरीजों का बड़ी रकम खर्च होता था।जाँच टीम के सदस्य ने कहा कि हॉस्पिटल में बहुत खामियां पाया गया है लिहाजा संभवत डॉ तारा स्वेता आर्या से फिर एक बार पूछताछ की जाएगी और वेदान्ता अस्पताल पर आरोप लगाने वाली हिना प्रवीण के विभिन्न आरोप की जांच की जा रही है । दुर्गा पूजा के बाद ही जाँच रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को सौप दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि बच्चें प्राप्ति की चाह में दम्पति हिना प्रवीण पति शाहबाज आलम निवासी सारोगोरा ,थाना व जिला किशनगंज के निवासी ने डीएम को एक आवेदन में कहा था कि टेस्ट ट्यूब बेबी (आईवीएफ) तकनीक की सुविधा जानकर शहर के नामचीन वेदान्ता अस्पताल पहुंची थी मगर निराशा हाथ लगी और करीब पांच साल तक लाखों रूपया अस्पताल के अनुसार गंवाया ।मगर परिणाम कुछ नहीं निकला और ठगा-सा रह गया हूं । उन्होंने अस्पताल के एक कर्मी पर भी गंभीर आरोप लगाया है कि डॉ.तारा स्वेता आर्या के अनुपस्थिति में उसके पर्सनल सेकेट्री मो.आसिफ, जो न तो कोई डाक्टर हैं और लेडी डॉक्टर या नर्स के अनुपस्थिति में ही वह अकेले में ही जांच किया करता था। मेरे मना करने पर भी वह बंद कमरें में जांच के नाम पर बेड टंच किया करता था ।इस अस्पताल में इलाज के दौरान करीब नौ लाख रुपये गवां चुकी हूं। इन सभी कारणों से पीड़ित ने डीएम से न्याय की गुहार लगायी थी।इन गंभीर आरोप के आलोक में जिलाधिकारी तुषार सिंगला के निर्देश पर गठित पांच सदस्यीय टीम द्वारा जांच के द्वारा जांच की गयी । जिस टीम में जिला स्वास्थ्य विभाग के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ . देवेन्द्र प्रसाद , जिला स्वास्थ्य समिति के उपाध्यक्ष डॉ.अनवार हुसैन, डॉ . उर्मिला कुमारी, जिला प्रशासन के परिवहन पदाधिकारी अरूण कुमार एवं डी. आई.ओ.रंजीत कुमार शामिल हैं।