जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस नेता प्रतिपक्ष ने दिया

पटना के जिलाधिकारी और वरीय आरक्षी अधीक्षक पर भी चले मुकदमा, नेता प्रतिपक्ष ने मांग की
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम से इस्तीफा देने की मांग की
नव राष्ट्र मीडिया
पटना।
प्रदर्शनकारी भाजपा नेताओं पर लाठी चार्ज का मामला अब तूल पकड़ रहा है। इस लाठी चार्ज के कारण कई नेता कल विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सके। इसके विरोध में विशेषाधिकार हनन की नोटिस आज दी गई।
मालूम हो कि पटना में गुरूवार को भाजपा नेताओं पर लाठीचार्ज किया गया था। इस घटना में कई नेता-विधायक घायल हुए हैं। नेता विरोधी दल पर भी पुलिस ने लाठियां बरसाई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और मजिस्ट्रेट ने नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और दो पूर्व डिप्टी सीएम रेणू देवी और तारकिशोर प्रसाद को विधानसभा जाने से रोक दिया. इसके विरोध में नेता प्रतिपक्ष ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आज विधानसभा के सचिव को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. इसमें कहा गया है कि 13 जुलाई को भाजपा के विधान सभा सदस्यों को पटना पुलिस द्वारा विधान सभा आने से रोका गया। पटना पुलिस के द्वारा गाँधी मैदान से विधान सभा तक जगह-जगह पर रोका गया। लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण ढंग से सभी विधान सभा सदस्य दोपहर 2 बजे से कार्यवाही में हिस्सा लेने जा रहे थे। हमारे द्वारा परिचय देने के बाद भी उनके साथ मारपीट की गई, इतना ही नहीं, भाजपा सदस्यों में से कुछ के सिर पर प्रहार किया गया। कई सदस्य अभी भी गंभीर रूप से जख्मी हैं। पुलिस द्वारा रोके जाने के कारण वे सभी सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सके। भाजपा के सदस्यों ने दो बजे से शुरु होने वाले प्रथम अनुपुरक बजट के लिए कटौती प्रस्ताव भी दिया था, जिसपर चर्चा में वे भाग लेना चाहते थे। लेकिन प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट और पुलिस ने उनको विधान सभा जाने से रोका एवं बर्बरता पूर्ण पिटाई भी की। यह सम्पूर्ण विधायिका एवं संविधान का अपमान है।
नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकारों को भी बताया कि विधायकों की पिटाई एवं विधान सभा आने में बाधा पहुँचानें के प्रशासनिक कृत्य को अवैध एवं अराजक मानते हुये जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन की अवमानना वाद चलाया जाय. पत्र में नेता विरोधी दल के अलावे पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणू देवी के भी हस्ताक्षर हैं. हालांकि विधानसभा के सचिव महोदय ने अब तक इस विशेषाधिकार हनन तथा अवमानना वाद की नोटिस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। लेकिन बताया जाता है कि इस मामले में विचार विमर्श और मंथन का दौर जारी है।
दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक तरह से बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या करवाई है, जिसपर भाजपा सरकार से जवाब मांग रही है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से पटना की सड़कों पर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर लाठी चलवाई गई, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार की सरकार सोची समझी साजिश के तहत राज्य में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपराधी और आतंकवादियों जैसा व्यवहार कर रही थी। पुलिस मैनुअल के मुताबिक अपराधी को भी घुटने के नीचे मारना होता है लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं के सिर पर लाठियां बरसाई गईं।
सम्राट ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मार्च के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कोई उपद्रव किया हो। नीतीश कुमार ने बीजेपी के जिला महामंत्री विजय सिंह की हत्या कराने का काम किया है और तेजस्वी यादव ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को पिटवाने का काम किया है। सम्राट चौधरी ने कहा कि खुद उनके मंत्री ट्वीट करके कह रहे हैं कि, उन्होंने बदला लिया है। बीजेपी 10 लाख नौकरी के मुद्दे पर विधानसभा मार्च कर रही थी। करोड़ों रुपए का पुल गिर गया लेकिन उस मामले में एक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुआ। बीजेपी के कार्यकर्ता शांति पूर्ण मार्च कर रहे थे लेकिन पुलिस ने सरकार के इशारे पर लाठीचार्ज किया।