मानसून सत्र के पहले दिन ही विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करेगा माले

मानसून सत्र के पहले दिन ही विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करेगा माले

मानसून सत्र के मद्देनजर माले विधायक दल की बैठक संपन्न

मोदी सरकार द्वारा देश में संविधान व लोकतंत्र की हत्या को बनाएगा प्रमुख मुद्दा

नव राष्ट्र मीडिया
पटना ।
बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र आगामी 10 जुलाई से शुरू होगा। सत्र के मद्देनजर भाकपा-माले विधायक दल की बैठक आज यहां संपन्न हुई. बैठक में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश में संविधान व लोकतंत्र की लगातार की जा रही हत्या और संविधान की जगह राजदंड से देश चलाने की कोशिशों को प्रमुख मुद्दा बनाने का प्रस्ताव लिया गया.
माले विधायक दल ने यह भी कहा कि अभी भी राज्य में बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए दलितों-गरीबों को उजाड़ने की प्रक्रिया जारी है. सत्र के दौरान इस पर अविलंब रोक लगाने की मांग करते हुए कानून बनाने की मांग करेंगे. इसके साथ-साथ पेयजल की गहराती समस्या, बिजली बिल का बकाया, इंद्रपुरी जलाशय का तत्काल निर्माण, आशा कार्यकर्ताओं सहित सभी स्कीम वर्करों के लिए न्यूनतम मानदेय की व्यवस्था आदि की भी मांग उठाई जाएगी.
माले विधायक दल नेता महबूब आलम ने कहा कि बिहार में भाजपा रूपी विपदा के खिलाफ महागठबंधन की ताकतें सड़क से लेकर सदन तक एकताबद्ध है. हम भाजपा की कोई दाल नहीं गलने देंगे, लेकिन महागठबंधन सरकार को जनसमस्याओं पर गंभीरता से विचार करते हुए उसपर कार्रवाई करनी चाहिए. इससे महागठबंधन को और ताकत मिलेगी.
बैठक में पार्टी के सभी 12 विधायक महबूब आलम, सत्येदव राम, सुदामा प्रसाद, अरूण सिंह, गोपाल रविदास, महानंद सिंह, संदीप सौरभ, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, मनोज मंजिल, अजीत कुशवाहा, अमरजीत कुशवाहा और रामबलि सिंह यादव उपस्थित थे. उनके अलावा विधायक दल के प्रभारी राजाराम सिंह और सचिव कुमार परवेज भी बैठक में उपस्थित रहे.
बैठक से प्रस्ताव लिया गया कि सत्र के पहले दिन भाजपा द्वारा संविधान की बजाए राजदंड से देश को चलाने, लोकशाही की जगह तानाशाही स्थापित करने के प्रयासों, मणिपुर हिंसा, उत्तराखंड में जारी नफरत भरे अभियान, महिला पहलवानों के न्याय का सवाल आदि विषयों पर प्रदर्शन किया जाएगा.
अगले दिन भाकपा-माले विधायक दल चार वर्षीय स्नातक कोर्स और नई शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ बिहार विधानसभा से प्रस्ताव लाने की मांग करेगा. इसके साथ-साथ नई शिक्षक नियमावली 2023 पर बिहार सरकार से शिक्षक संगठनों व अभ्यर्थियों के मद्देनजर उसमें सुधार करने की मांग उठाया जाएगा.

vishwapati

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *