Nalanda:मलमास मेले में साक्षात बैकुंठ नगरी बनी हुई है राजगीर,      रोजाना जुट रही है लाखों की भीड़ – राजीव रंजन

Nalanda:मलमास मेले में साक्षात बैकुंठ नगरी बनी हुई है राजगीर,      रोजाना जुट रही है लाखों की भीड़ – राजीव रंजन

Vijay shankar

पटना/राजगीर। राजगीर में चल रहे मलमास मेले को बिहार के गौरवों में से एक बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस बिहार के गौरवों में से एक बताया। इस दौरान उन्होंने मेले में श्रद्धालुओं के लिए किये गये इंतजामों का निरिक्षण भी किया।

उन्होंने कहा कि मलमास मेले को लेकर राजगीर की भव्यता और दिव्यता देखते ही बनती है। ऐसा प्रतीत होता है कि मानो साक्षात बैकुंठ जमीन पर उतर आया है। कोरोना काल की वजह से 5 साल बाद आयोजित हो रहे इस मेले में रोजाना लाखों श्रद्धालु, पर्यटक और साधू-संतों का आगमन यहां हो रहा है। उनकी सुविधा के लिए ब्रह्म कुंड परिसर, सरस्वती नदी, वैतरणी घाट, सूर्यकुंड, भरतकुंड, दुखरनी कुंड, शालिग्राम कुंड समेत सभी 22 कुंडों का जीर्णाेद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है। मेले के महत्व को देखते हुए इसके राजकीय मेले का दर्जा भी दे दिया गया है।

मेले के महत्व के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि मलमास के दौरान राजगीर बैकुंठ बन जाता है। कहते हैं कि सनातन धर्म के सभी 33 कोटि के देवता इस 1 माह यहां निवास करते हैं। यहां भगवान विष्णु की शालीग्राम के रूप में पूजा की जाती है। कहते हैं कि मलमास के समय भगवान विष्णु का ध्यान व जप तप करने का अधिक फल मिलता है। इस दौरान यहां पर ब्रह्मकुंड व सप्तधाराओं में स्नान का विशेष महत्व होता है। राजगीर की परंपरा के अनुसार, इस मेले के समय गाय की पूंछ पकड़कर वैतरणी नदी पार करने पर मोक्ष व स्वर्ग की प्राप्ति होती है और व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।

मेले की व्यवस्था के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मेले में आने वाले लोगों को कोई दिक्कत नही हो उसके लिए प्रशासन पूरी तरह सजग है। स्टेट गेस्ट हाउस में श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी का निर्माण किया गया है। इसके अलावा कई प्रकार की अस्थाई संरचनाएं, प्रतीक्षालय पंडाल, यूरिनल, शौचालय, चेंजिंग रूम, मेडिकल सेंटर, नियंत्रण कक्ष, पुलिस आउटपोस्ट, वॉच टावर, प्याऊ आदि का निर्माण भी किया गया है. इसके अतिरिक्त मेला में 15 जगहों पर मेडिकल टीमें उपलब्ध रहेंगी।

उन्होंने कहा कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सस्ते दर पर खाना मिले इसके लिए 15 स्टॉल लगाए गए हैं। यहां लोगों को 30 रुपए से लेकर 40 रुपए तक सादा भोजन उपलब्ध प्राप्त हो रहा है, वहीं जिला प्रशासन के द्वारा संपूर्ण मेला क्षेत्र में खाद सामग्री/भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए खाद निरीक्षकों की टीम भी लगाई गई है, जो घूम-घूम कर खाने-पीने की सामग्री की गुणवत्ता की जांच करते हैं।

श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए संपूर्ण मलमास मेला क्षेत्र में 20 पेयजल स्टॉल बनाए गए हैं, 100 स्टैंड पोस्ट लगाए गए हैं। वहीं 5 स्थलों पर शुद्ध गंगाजल की व्यवस्था की गई है। पानी की गुणवत्ता जांच के लिए अभियंताओं की टीम भी लगाई गई है, जो प्रतिदिन पेयजल की गुणवत्ता की जांच करेगी।

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