Patna: खरीफ वर्ष 2023-24 में धान एवं मक्का के आच्छादन की समीक्षा

पटना। जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिला में खरीफ वर्ष 2023-24 में धान एवं मक्का के आच्छादन की समीक्षा की गई। मक्का का लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि 85.35 प्रतिशत तथा धान का लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि 23.68 प्रतिशत है। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि धान आच्छादन की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में लगभग बराबर है। पटना जिला में अधिक दिनों (लगभग 15 अगस्त) तक रोपनी होती है।
जिलाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि विभाग के दिशा-निदेशों के अनुरूप डीजल खरीफ अनुदान हेतु ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करें। सभी प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी इसका पर्यवेक्षण करेंगे।
जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि जिला में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में 17,583.307 मे.टन यूरिया उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभी तक उर्वरक से संबंधित 54 छापामारी की गई है। जिला में उर्वरक के 43 थोक बिक्रेता तथा 828 खुदरा बिक्रेता हैं। बीज बिक्रेताओं की संख्या 614 तथा कीटनाशी बिक्रेताओं की संख्या 382 है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत आवेदन प्राप्त किया जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा 39 प्रकार की दवा पशु चिकित्सा हेतु उपलब्ध की गई है।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि अगस्त माह की मांग के अनुसार यूरिया की आपूर्ति एवं उपलब्धता में संतुलन कायम रखें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों को निरंतर विद्युत आपूर्ति हो इसके लिए कृषि फीडर में 12 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। विद्युत कार्यपालक अभियंता इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा लघु सिंचाई प्रमंडल अंतर्गत प्रखंडवार नलकूपों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। जिले में कुल 886 नलकूप है जिसमें ऊर्जान्वित नलकूपों की संख्या 873 है। इसमें 512 कार्यरत है तथा 374 अकार्यरत है। यांत्रिक दोष के कारण 106, विद्युत दोष के कारण 114 तथा संयुक्त दोष के कारण 122 नलकूप बंद है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता तथा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को विद्युत अथवा यांत्रिक दोष के कारण बंद राजकीय नलकूपों की नियमानुसार मरम्मति करवाकर क्रियाशील करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने यहाँ बैठक कर फसल आच्छादन की समीक्षा करने का निदेश दिया गया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी वर्षापात, डीजल अनुदान, उर्वरक की उपलब्धता, विद्युत आपूर्ति, राजकीय नलकूपों की स्थिति इत्यादि पर लगातार नजर रखेंगे तथा स्थिति के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों को कोई परेशानी न हो इसके लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। सरकारी योजनाओं यथा डीजल अनुदान का लाभ प्राप्त करने मंे व्यवधान डालने वाले व्यक्तियों, चाहे वे कोई भी हों, को चिन्हित कर सरकारी कार्य में व्यवधान तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक तथा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
जिलाधिकारी द्वारा कृषि, उद्यान, पशुपालन, गव्य विकास, मुर्गी विकास इत्यादि क्षेत्रों में विकास के लिए पदाधिकारियों को तत्पर रहने का निदेश दिया गया।