शारदीय नवरात्र के दौरान चला पौध रोपण अभियान, वृक्षों के महत्व बताए गए

*पीपल,नीम,तुलसी अभियान* के बढ़ते कदम
नव राष्ट्र मीडिया
पटना।
बिहार में भी शारदीय नवरात्र के दौरान धूमधाम से भगवती की आराधना शुरू हो गई है । ऐसे में कुछ उत्साही लोगों के द्वारा पौध रोपण के कार्य को भी अंजाम दिया जा रहा है । पटना के गंगा पथ पर नीम, पीपल वृक्ष का रोपण किया गया। साथ ही लोगों के बीच ऑक्सीजन बैंक बनाने की जागरूकता भी चलाई गए।
मौके पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो चुका है। चहुं ओर शक्ति की देवी दुर्गा जी के पंडाल सजे हुए हैं।भक्त जन श्रद्धालीन होकर पूजा पाठ में व्यस्त हैं। इस समय दिन में गर्मी तो रातें थोड़ा ठंड हैं। दिन और रात के तापमान में काफी अंतर है,जिसके कारण ज्वर का प्रकोप जारी है।इस मौसम में संक्रमण बढ़ जाता है।पहले लोगबाग हींग और लहसुन रखते थे।पीपल,नीम,तुलसी अभियान के संस्थापक सह अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि हम तुलसी का प्रयोग कर तथा नीम के तेल और पत्ती का उपयोग कर संक्रमण से बच सकते हैं।सभी जानते हैं कि नीम एन्टीबॉयोटिक का कार्य करती है।
यही वजह है कि गॉवों मे आज भी हर घर के सामने नीम का पेड़ होते हैं। मान्यता के मुताबिक नीम माँ दुर्गा का स्वरूप है जो हर तकलीफ को दूर कर देता है। दुर्गा पूजा के पंडालों में नीम के पेड़ में दुर्गा जी के वास को लेकर गीत गाये जाते हैं। यह ऑक्सिजन ज्यादा देता है और कीटाणुओं को नष्ट कर देता है। यह एन्टीओक्सीडेन्ट,एन्टी फंगल भी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण को स्वच्छ रखने के क्रम में गंगा पथ मरीन ड्राइव, पटना में सभी के निरंतर सहयोग और प्रयास से पर्यावरणविद डॉ धर्मेंद्र कुमार जी के नेतृत्व में हजारों हजार की संख्या में पेड़ पौधे लगाए गए हैं।डा एन पी प्रियदर्शी ने कहा कि शक्ति पेड़ों से मिलती है । देवी का प्रतीक नीम है । प्रकृति धर्म में नीम का महत्व है
यह संभव हुआ आपके पर्यावरण के प्रति निष्ठा और लगन से ,जिसमे आप सभी का सहयोग सदैव मिलता रहा और इस पावन पुनीत कार्य में आप सबों की भागीदारी सुनिश्चित हुई।
इसी क्रम को जारी रखते हुए आज
दिनांक 15 अक्टूबर को एल सी टी घाट से गोलघर तक गंगा पथ में नीम कॉरिडोर में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साथ ही नीम पौधा संरक्षण हेतु नीम पौधा में पीताम्बरी बांधे गये। यह कार्यक्रम सुबह 6 बजे से 8बजे तक चला। डॉ साहब ने कहा कि खुशनुमा आबोहवा , प्राकृतिक सुन्दरता,प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक, शुद्ध प्राणवायु हेतु हरित कवच के निर्माण में आप भी सहायक बनें। स्वयं जुड़े और लोगों को जोड़ें। आज के अभियान में डाॅ एन पी प्रियदर्शी , डॉ आर के ठाकुर , सुधाकर कुमार , मिडिया प्रभारी प्रबोध कुमार पटेल , भुत पूर्वक सैनिक संजय , राहुल कुमार , लालबाबु सिंह आदि लोग ने अपना सहयोग दिया ।
पीपल नीम तुलसी अभियान के संस्थापक डॉ धर्मेंद्र कुमार अपने पत्नी की आंठवी पुण्य तिथि पर पीपल वृक्ष महात्मय कथा किया। कथा में गांव के ग्रामीण लोग उपस्थित हुए । कथा उपरांत पत्नी की स्मृति मधुवन में बेल कटहल ,क़ंरज के साथ सांगवान का पचास पौधारोपण किया गया । एक सौ ग्रामीण के बीच हलवा प्रसाद के रुप में बांटे गए । कथा के माध्यम से पीपल के औषधीय गुण को बताए गए । पीपल महिलाओं रोग में कारगर है ।ईस अभियान में अवलेश्वर उच्च दास ,रामभजन बिंद ,विनय विंद, विनोद रजक ,योगी विंद , दीपक रजक आदि लोग ने सहयोग किया । गांव में डुगडुगी पीटकर कथा सुनने का निमंत्रण दिया गया ।